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Hezbollah Attack : हिजबुल्लाह पर अटैक - पेजर, तीन बीप और धमाका, जानिए कैसे हुआ ये सब?

Hezbollah Attack : लेबनान और सीरिया के कुछ हिस्सों में सैकड़ों हैंडहेल्ड पेजर फटे तो सीधा सन्देह इजरायल पर गया, क्योंकि इजरायल का अपने विरोधियों को खत्म करने के लिए दूर से और टारगेटेड हमले करने का एक पुराना इतिहास रहा है।

Neel Mani Lal
Published on: 18 Sept 2024 6:25 PM IST (Updated on: 18 Sept 2024 6:27 PM IST)
Hezbollah Attack : हिजबुल्लाह पर अटैक - पेजर, तीन बीप और धमाका, जानिए कैसे हुआ ये सब?
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सांकेतिक तस्वीर (Pic - Social Media)

Hezbollah Attack : लेबनान और सीरिया के कुछ हिस्सों में सैकड़ों हैंडहेल्ड पेजर फटे तो सीधा सन्देह इजरायल पर गया, क्योंकि इजरायल का अपने विरोधियों को खत्म करने के लिए दूर से और टारगेटेड हमले करने का एक पुराना इतिहास रहा है।

5 जनवरी, 1996 को आतंकी संगठन हमास के बम निर्माता याह्या अय्याश के सेलफोन पर उनके पिता की कॉल आई। जैसे ही अय्याश ने बात करनी शुरू की, फोन फट गया, जिससे उसकी तुरंत मौत हो गई। कहा जाता है कि इजरायल की सुरक्षा एजेंसी शिन बेट ने सेलफोन में थोड़ी मात्रा में आरडीएक्स डाला था। जब अय्याश ने कॉल रिसीव की तभी इजरायली एजेंटों ने डिवाइस को रिमोट से ही विस्फोट कर दिया।

कुछ ऐसा ही अब हुआ है जिसमें पेजरों में विस्फोट किया गया। इस बार शिकार होने वाले अधिकांश लोग ईरान समर्थित शिया आतंकवादी समूह हिजबुल्लाह के सदस्य थे - उन्हें सड़कों पर, दुकानों में, बाइकों पर, कारों के अंदर, उनके घरों में और यहां तक ​​कि एक नाई की दुकान तक में उड़ा दिया गया।

पेजर ही क्यों?

पिछले साल गाजा में युद्ध शुरू होने के बाद, हिजबुल्लाह ने अपने सदस्यों को मोबाइल फोन का इस्तेमाल न करने की चेतावनी दी थी, क्योंकि उन्हें डर था कि इजरायली खुफिया एजेंट उनके साथ छेड़छाड़ कर सकते हैं। इसीलिये हिजबुल्लाह कम्युनिकेशन करने के लिए पेजर का इस्तेमाल कर रहा था। चूंकि पेजर रेडियो वेव्स पर काम करते हैं सो इन्हें ट्रैक और हैक करना मुश्किल होता है।

हाल ही में हिजबुल्लाह पेजर का एक नया बैच डिलीवर किया गया था। कई विशेषज्ञों को संदेह था कि इजरायलियों ने सप्लाई चेन में घुसपैठ की होगी और संभवतः प्रत्येक डिवाइस में सैन्य-ग्रेड विस्फोटक लगाए होंगे। तथा पेजरों को संभवतः अल्फ़ान्यूमेरिक टेक्स्ट संदेश की तर्ज पर इलेक्ट्रॉनिक सिग्नल द्वारा सशस्त्र किया गया हो सकता है। बताया जाता है कि डिवाइस को विस्फोट करने से पहले कई सेकंड तक बीप करने या वाइब्रेटके लिए प्रोग्राम किया गया था। जैसे ही यूजर ने पेजर का बटन दबाया वह बम की तरह फट गया। चूंकि पेजर किसी के हाथ में था, पैंट या शर्ट की जेब में था या चेहरे के पास था सो लोगों को शरीर के इन्हीं अंगों में भारी जख्म आये हैं।

पेजर (Pic - Social Media)

कहां से मिले पेजर

- हिजबुल्लाह ने ये पेजर ताइवान की एक छोटी कम्पनी "गोल्ड अपोलो" से ऑर्डर किए थे। लेकिन गोल्ड अपोलो का कहना है कि ये पेजर उसने नहीं बनाए थे बल्कि इनका निर्माण गोल्ड अपोलो की फ्रेंचाइजी "बीएसी कंसल्टिंग केएफटी" नामक कम्पनी ने बुडापेस्ट, हंगरी में किया था।

- अधिकांश पेजर एआर-924 मॉडल के थे, तथा शिपमेंट में तीन अतिरिक्त मॉडल शामिल थे। इन पेजर का वजन बैटरी सहित सिर्फ 95 ग्राम था।

- रिपोर्टों के अनुसार, इज़राइल की मोसाद जासूसी एजेंसी ने लेबनान पहुंचने से पहले 5,000 पेजर में विस्फोटक आरडीएक्स (हेक्सोजेन) की तीन ग्राम से भी कम बहुत छोटी मात्रा प्लांट की थी। ये विस्फोटक बैटरी के बगल में रखा गया था।

- पेजरों में एक कोड और एक स्विच भी प्लांट किया गया था। इसी के जरिये कोई खास मैसेज डालने पर कोड ने स्विच को ऑन कर दिया जिससे आरडीएक्स फट गया।

- पेजरों को विस्फोट से पहले कई सेकंड तक बीप करने के लिए प्रोग्राम किया गया था।

- लेबनान में दोपहर 3:30 बजे पेजर को एक संदेश मिला जो ऐसा लग रहा था जैसे कि यह हिज़्बुल्लाह की लीडरशिप से आ रहा है। इसी संदेश ने विस्फोटकों को एक्टिवेट कर दिया।

पेजर क्या हैं?

पेजर संचार का एक ऐसा तरीका है जिसे हैक नहीं किया जा सकता। ये डिवाइस यूजर के लिए एक छोटा टेक्स्ट संदेश डिस्प्ले करता है, जिसे एक केंद्रीय ऑपरेटर के माध्यम से टेलीफोन द्वारा रिले किया जाता है।

मोबाइल फोन के विपरीत, पेजर रेडियो तरंगों पर काम करते हैं। ऑपरेटर प्राप्तकर्ता के डिवाइस के लिए इंटरनेट के बजाय रेडियो फ्रीक्वेंसी द्वारा संदेश भेजता है।

पेजर में इस्तेमाल की जाने वाली बुनियादी तकनीक और हार्डवेयर पर निर्भरता का मतलब है कि उन्हें मॉनिटर करना कठिन है। इसीलिए हिजबुल्लाह जैसे ग्रुपों के बीच ये लोकप्रिय हो गए हैं।

आरडीएक्स क्या है?

रॉयल डिमोलिशन एक्सप्लोसिव (आरडीएक्स), जिसे साइक्लोनाइट या हेक्सोजेन के नाम से भी जाना जाता है, एक अत्यधिक शक्तिशाली सफेद पाउडर है जिसका इस्तेमाल आमतौर पर सैन्य कार्यों में किया जाता है। नाइट्रोमाइन के रूप में वर्गीकृत, आरडीएक्स टीएनटी जैसे पारंपरिक विस्फोटकों की तुलना में अधिक ऊर्जावान है और इसकी स्थिरता और प्रभावशीलता के कारण अक्सर विध्वंस और युद्ध सामग्री में इसका उपयोग किया जाता है।



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Rajnish Verma

Rajnish Verma

Content Writer

वर्तमान में न्यूज ट्रैक के साथ सफर जारी है। बाबा साहेब भीमराव अम्बेडकर विश्वविद्यालय से पत्रकारिता की पढ़ाई पूरी की। मैने अपने पत्रकारिता सफर की शुरुआत इंडिया एलाइव मैगजीन के साथ की। इसके बाद अमृत प्रभात, कैनविज टाइम्स, श्री टाइम्स अखबार में कई साल अपनी सेवाएं दी। इसके बाद न्यूज टाइम्स वेब पोर्टल, पाक्षिक मैगजीन के साथ सफर जारी रहा। विद्या भारती प्रचार विभाग के लिए मीडिया कोआर्डीनेटर के रूप में लगभग तीन साल सेवाएं दीं। पत्रकारिता में लगभग 12 साल का अनुभव है। राजनीति, क्राइम, हेल्थ और समाज से जुड़े मुद्दों पर खास दिलचस्पी है।

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