×

Atul Subhash Suicide Case: अतुल सुभाष से भी भयानक थी इसकी कहानी, गुम हो गई फाइलों में

Atul Subhash Suicide Case: बेंगलुरु में अतुल सुभाष सुसाइड केस के बाद लोगों को साल 2009 में हुए सैयद मखदूम सुसाइड केस की कहानी याद आ गई है।

Ramkrishna Vajpei
Published on: 12 Dec 2024 2:22 PM IST
Atul Subhash Suicide Case
X

Atul Subhash Suicide Case

Atul Subhash Suicide Case: हाल में सुप्रीम कोर्ट ने 498 ए के दुरुपयोग पर चिंता जताई है। सिर्फ पति को फंसाने के लिए इस कानून का दुरुपयोग किया जाता है। ऐसे तमाम मामले में है जिसमें इस कानून के चलते लोगों ने जान दी है। जैसे दिवंगत सैयद अहमद ने आत्महत्या कर ली वह झूठी धारा 498ए के पीड़ित थे। मनोज भी पत्नी द्वारा प्रताड़ित थे, झूठी 498ए की धमकी उनकी काल बनी। निर्मला जो कि सास थी बहू की 498ए की धमकी से डरकर आत्महत्या कर ली। लोकेश को पत्नी ने छोड़ दिया था। 498ए में फंसाने की धमकी दी गई उसने आत्महत्या कर ली। अनुज ने भी झूठी 498ए की धमकी के चलते आत्महत्या कर ली। रवि ने 498ए के निपटारे के लिए 5 लाख की मांग पूरी न कर पाने पर आत्महत्या कर ली। अरुण ने पत्नी के व्यभिचारी होने के आरोपों और 498ए की धमकी के चलते आत्महत्या कर ली।

इसी तरह अमित ने 5 लाख की मांग अन्यथा 498ए की धमकी पर आत्महत्या कर ली। बहू ने झूठी 498ए दायर की तो महेंद्र ने आत्महत्या कर ली। हरकमलजीत से भाभी ने 50 लाख मांगे अन्यथा 498ए की धमकी दी उसने आत्महत्या कर ली। इसी तरह आरती जो कि एक 20 वर्षीय युवा लड़की थी भाभी द्वारा दी गई झूठी 498ए की धमकी से डर गई उसने भी आत्महत्या कर ली। ये हजारों लोगों में से कुछ ऐसे नाम हैं जो उस कानून की बलिवेदी पर मर रहे हैं जो लोगों को मरने से बचाने के लिए बनाया गया था।

ऐसी थी एक और घटना

बेंगलुरु के साफ्टवेयर इंजीनियर अतुल सुभाष की सुसाइड का मामला इन दिनों सुर्खियों में है। लोगों के तमाम रिएक्शन आ रहे हैं स्त्रीवादी सोच की पक्षधर जहां आज भी उसकी पत्नी के साथ खड़े दिख रहे हैं वहीं पुरुष भी प्रताड़ित होते हैं इस सोच के लोगों की सहानुभूति अतुल सुभाष के साथ है जो कि बेंगलुरु में साफ्टवेयर इंजीनियर था। लेकिन डेढ़ दशक में कुछ नहीं बदला। डेढ़ दशक पहले भी वही बेंगलुरु था आज भी वही है। साफ्टवेयर कंपनी तब भी थी और आज भी है। उस समय भी साफ्टवेयर इंजीनियर शिकार था और अब भी वही हुआ है। उसे भी बेटे से न मिलने देने का दर्द था और अतुल भी यही दर्द लेकर गया है। उसने भी फांसी लगाकर सुसाइड की थी और अतुल ने भी फांसी लगाकर जीवन का अंत किया। पत्नी को उसने भी जिम्मेदारी ठहराया था अतुल का भी यही रुख रहा। 10 अप्रैल 2009 को मुंबई मिरर की एक रिपोर्ट के मुताबिक बेटे से अलग कर दिये गए इंजीनियर ने फांसी लगाकर जान दे दी थी।

क्या था पुराना मामला

10 Apr 2009 उनके सुसाइड नोट के अनुसार, वह इसलिए हताश थे क्योंकि पत्नी और उनके अलग हुए रिश्तेदारों ने उन्हें उनके पांच साल के बेटे से मिलने से रोक दिया। 38 साल के सैयद अहमद मखदूम ने अपने दूसरी मंजिल के फ्लैट में छत के पंखे से लटक कर आत्महत्या कर ली थी।

अपने बेटे के नाम छोड़े गए नोट में मखदूम ने कहा कि वह उससे बहुत जुड़ा हुआ था और उसे देखने के लिए बेताब था लेकिन उसके ससुराल वालों ने उसे रोक दिया था। नोट में आगे लिखा था कि "वे सबक सीखेंगे और यह अन्य महिलाओं के लिए एक सबक होगा", और अपनी पत्नी और ससुराल वालों को उसकी मौत के लिए जिम्मेदार ठहराया।

जैसा कि मीडिया रिपोर्ट्स में बताया गया है कि मखदूम ने सन 2000 में बैंगलोर में एक सॉफ्टवेयर कंपनी ज्वाइन की थी। मैसूर की मूल निवासी और अपैरल कंपनी जॉकी में एचआर मैनेजर मुस्कान सेहर से विवाह किया। 2005 में उन्हें एक बेटा हुआ और 2008 में एक बेटी हुई लेकिन बेटी के जन्म के तुरंत बाद पति पत्नी में मतभेद हो गया और वे अलग हो गए। उनके तलाक और बच्चे की कस्टडी का मामला एक पारिवारिक अदालत में लंबित था। मखदूम ने अपनी पत्नी मुस्कान से अपने बेटे की कस्टडी उसे देने का अनुरोध किया था और वह कई बार अपनी पत्नी के घर गया था, लेकिन उसे लड़के को देखने या उससे बात करने से रोका गया था।

Atul Subhash Suicide Case: शादी में पुरुष मात्र ‘ATM’, पत्नी बोली- नहीं हैं पैसे तो कर लो सुसाइड

चौथा पति था मखदूम

इस मामले में एक रोचक बात यह थी कि मखदूम मुस्कान का चौथा पति था, मखदूम ने खुद आठ महीने पहले दूसरी शादी की थी। घटना के समय उसकी तीसरी पत्नी आयशा अपने माता-पिता के साथ चेन्नई में प्रसूति के लिए गई हुई थी। मखदूम चाइल्ड राइट्स इनिशिएटिव फॉर शेयर्ड पैरेंटिंग (CRISP) के सदस्य थे, जो बच्चों के कल्याण के लिए काम करने वाला एक गैर सरकारी संगठन है। एनजीओ के अध्यक्ष कुमार जागीरदार ने था कि मैं उसे पिछले एक साल से देख रहा था। हर शनिवार को वह हमारे पास आता था और अपने बेटे के बारे में सोचकर रोता था। हम उससे कहते थे कि उसे न्याय मिलेगा।

Atul Subhash Suicide Case: गिरफ्तारी के डर से फरार हुये सास और साले, अतुल सुभाष ने लगाये थे उत्पीड़न करने का आरोप

लेकिन मखदूम को न्याय नहीं मिला। डेढ़ दशक बाद फिर एक मखदूम ने जान दी। फिर पत्नी को कसूरवार ठहराया गया। बिहार निवासी अतुल सुभाष नामक युवक ने पत्नी की प्रताड़ना से तंग आकर आत्महत्या जैसा खौफनाक कदम उठाया। अतुल सुभाष नाम के व्यक्ति जो बेंगलुरु में एक कंपनी में वरिष्ठ पद पर थे, पारिवारिक कलह से गुजर रहे थे। सुसाइड से पहले उन्होंने एक वीडियो और 24 पन्नों का सुसाइड नोट छोड़ा, जिसमें अपनी पत्नी, उसके परिवार और न्यायाधीश को अपनी मौत के लिए जिम्मेदार ठहराया। नोट में उन्होंने आरोप लगाया कि उनकी पत्नी और ससुराल वालों ने झूठे मामलों के जरिए उन्हें मानसिक और भावनात्मक रूप से प्रताड़ित किया। वीडियो में उन्होंने कहा, मैं पूरी तरह से होश में हूं और अपनी इच्छा से यह कदम उठा रहा हूं।" सुसाइड नोट में उन्होंने अमेरिकी राष्ट्रपति और टेस्ला के सीईओ को टैग करते हुए भारत की न्याय व्यवस्था पर अपनी निराशा व्यक्त की।

इस खबर के लिखे जाने तक अतुल सुभाष की पत्नी और सास फरार है। साला और पत्नी के चाचा भी कहीं छिपे हुए हैं। कोई भी मीडिया के सामने नहीं आ रहा है।

Sonali kesarwani

Sonali kesarwani

Content Writer

Content Writer

Next Story