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5G स्पेक्ट्रम की नीलामी के साथ देश में शुरू होगी चार कंपनियों में जंग, उपभोक्तओं को मिल सकता है इसका लाभ
5G Spectrum Auction: 5G स्पेक्ट्रम की नीलामी की शुरूआत 22 जुलाई से शुरू हो रही है। टेलीकॉम मिनिस्ट्री के प्रस्ताव के मुताबिक, स्पेक्ट्रम को अगले 20 साल के लिए नीलाम किया जाएगा।
Lucknow: 5G स्पेक्ट्रम की नीलामी (5G spectrum auction) की शुरूआत 22 जुलाई से शुरू हो रही है। टेलीकॉम मिनिस्ट्री (telecom ministry) के प्रस्ताव के मुताबिक, स्पेक्ट्रम को अगले 20 साल के लिए नीलाम किया जाएगा। नीलमी में सफल रहने वाली कंपनी 5जी सर्विस (5G service) मुहैया करा सकेगी। जानकारी के मुताबिक, यह मौजूदा 4जी सर्विस से 10 गुना अधिक तेज होगी। 5जी शुरू करने की फिलहाल कोई अधिकारिक तारीख नहीं आई है। मगर सरकार के मेंडेट के हिसाब से अगर कोई टेलीकॉम कंपनी 5G स्पेक्ट्रम खरीदती है तो उस 1 साल के अंदर सर्विस शुरू करनी ही होगी।
नीलामी में शामिल होने वाली कंपनियां
इस स्पेक्ट्रम नीलामी के लिए केवल भारतीय कंपनियों को शामिल होने की अनुमति मिली है। इस समय देश में दो सरकारी और दो निजी टेलीकॉम कंपनियां ऑपरेट कर रही हैं। सरकारी कंपनियों में एमटीएनएल और बीएसएनएल है। वहीं निजी कंपनियों में भारती एयरटेल, रिलांयस जियो और वोडाफोन-आइडिया शामिल है।
5जी के शुरू होने के फायदे
5जी इंटरनेट के भारत में शुरू होने से काफी कुछ बदलने वाला है। इससे न केवल लोगों का काम आसान होगा, बल्कि मनोरंजन और संचार के क्षेत्र में भी काफी कुछ बदल जाएगा। पहला फायदा तो ये होगा कि यूजर तेज स्पीड इंटरनेट का इस्तेमाल कर सकेंगे। यूट्यूब पर वीडियो बिना बफरिंग या बिना रुके चलेगा। वाट्सऐप कॉल में आवाज बिना रूके और साफ – साफ आएगी। 2 जीबी की मूवी 10 से 20 सेकेंड में डाउनलोड हो जाएगी। कृषि क्षेत्र में खेतों की देखरेख में ड्रोन का इस्तेमाल होगा। मेट्रो और बिना ड्राइवर के चलने वाले गाड़ियों को ऑपरेट करना आसान होगा।
इन शहरों में सबसे पहले लॉन्च हो सकता है 5जी इंटरनेट
भारत में 5जी इंटरनेट की सेवा (5g internet service) की शुरूआत 13 शहरों में सबसे पहले हो सकती है। इन शहरों में दिल्ली, मुंबई, कोलकाता, चेन्नई, अहमदाबाद, पुणे, बेंगलुरू, चंडीगढ़, गुरूग्राम, जामनगर, गांधीनगर और लखनऊ शामिल है। मीडिया रिपोर्टेस के मुताबिक, सितंबर तक इन शहरों में टेस्टिंग के लिए 5जी इंटरनेट सेवा की शुरूआत हो जाएगी। हालांकि, पूरे भारत में इसके पहुंचने में 2023 की पहली तिमाही तक का समय लग सकता है।
5जी आने के बाद डेटा प्लान महंगे हो जाएंगे ?
5जी डेटा प्लीन की कीमतों को लेकर अभी तक किसी टेलीकॉम कंपनियों ने कुछ नहीं बोला है। स्पेक्ट्रम की नीलामी के बाद ही कीमत पर से पर्दा उठेगा। जिन देशों में 5जी सेवाएं लॉन्च हो चुकी हैं, यदि उनमें 4जी और 5जी के बीच का अंतर देखा जाए तो अमेरिका में 4जी अनलिमिटेड सेवाओं के लिए जहां 68 डॉलर (5000 रूपये) खर्च करने पड़ते थे, वहीं 5जी में यह अंतर बढ़कर 89 डॉलर (करीब6500) तक पहुंच चुका है। 4G के मुकाबले 5G प्लान 10 से 30 फीसदी तक महंगे हैं।
हालांकि, भारत में यह फर्क काफी कम रहने की उम्मीद है, क्योंकि पिछले सालों में भारत में डेटा की कीमत विश्व में सबसे कम रही है। कुछ टेलीकॉम विशेषज्ञों का ये भी कहना है कि 5जी इंटरनेट के शुरू होने के बाद 4जी की तरह यहां भी प्राइस वॉर देखने को मिल सकता है। कंपनियां अधिक से अधिक 5जी इंटरनेट के ग्राहकों को अपने पाले में लाना चाहेगी। एक अनुमान के मुताबिक, आने वाले कुछ सालों में भारत में 5जी इंटरनेट उपभोक्ताओं की संख्या 50 करोड़ तक जा सकती है। निःसंदेह ये एक बड़ा आंकड़ा है, बिजनेस के लिहाज के देखें तो एक बड़ा बाजार।
4जी के दौरान जियो का रहा एकछत्र राज
रिलांयस जियो (Reliance Jio) ने मोबाइल टेलीफोनी के क्षेत्र में प्रवेश करते ही भारतीय टेलीकॉम बाजार में खलबली आ गई। नई सहस्राब्दी की शुरूआत में 15 के करीब टेलीकॉम कंपनियां भारतीय बाजार में हुआ करती थीं। इसके दूसरे दशक के अंत आते –आते केवल 4 कंपनियां बचीं। कई तो दिवालिया हो गईं और कुछ जो बचीं दूसरों के साथ विलय कर गईं।
जैसे आईडिया –वोडाफोन के साथ विलय कर गया, टेलीनॉर और टाटा डोकोमो एयरटेल के साथ विलय कर लिए, ताकि रिलायंस जियो के द्वारा पेश की गई प्रतिस्पर्धा में वे अपने को जीवित रख सकें। जियो के आक्रमक प्राइस वार के कारण मुकेश अंबानी के अपने भाई अनिल अंबानी के आर.कॉम और एयरसेल को खुद को दिवालिया घोषित करना पड़ा। ऐसे में 5जी इंटरनेट सेवा के आने के बाद भारतीय टेलीकॉम सेक्टर में क्या बदलाव देखने को मिलेंगे, फिलहाल ये भविष्य के गर्भ में है।