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शुभ मुहूर्त होलिका दहन 2019:सालों बाद बना मातंग योग

रंग और उल्लास का पर्व होली बुधवार को है। रंगोत्सव यानी धुरड्डी गुरुवार को होगी। काफी समय बाद दोनों ही दिन मातंग योग बन रहा है। भद्रा के अधिक समय रहने के कारण इस बार होलिका दहन बुधवार की रात्रि नौ बजे के बाद हो सकेगा। सात साल बाद बृहस्पति के उच्च प्रभाव में दुल्हैंडी यानी रंगोत्सव होगा।

Anoop Ojha
Published on: 20 March 2019 6:29 AM GMT
शुभ मुहूर्त होलिका दहन 2019:सालों बाद बना मातंग योग
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रंग और उल्लास का पर्व होली बुधवार को है। रंगोत्सव यानी धुरड्डी गुरुवार को होगी। काफी समय बाद दोनों ही दिन मातंग योग बन रहा है। भद्रा के अधिक समय रहने के कारण इस बार होलिका दहन बुधवार की रात्रि नौ बजे के बाद हो सकेगा। सात साल बाद बृहस्पति के उच्च प्रभाव में दुल्हैंडी यानी रंगोत्सव होगा।

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होलिका दहन का मुहूर्त सबसे महत्वपूर्ण माना गया है। भद्रा मुख में होलिका दहन किसी भी कीमत पर नहीं हो सकता है। भद्रा रहित प्रदोष व्यापिनी पूर्णिमा तिथि ही सबसे शुभ मुहूर्त होती है। भद्रा में होलिका दहन नहीं करते हैं। भद्रा समाप्ति पर ही होलिका दहन करना चाहिए।

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20 मार्च को प्रातः 10:45 से रात्रि 08:59 तक भद्रा रहेगी

अतः रात्रि 09 बजे के बाद होलिका दहन करना चाहिए

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सबसे पहले माता होलिका की विधिवत तथा शास्त्रवत पूजा होती है। भक्त प्रहलाद की कथा होती है। सम्मत में शुद्ध हवन सामग्री भी डाली जाती है। कपूर तथा चंदन की कुछ लकड़ी भी होती है। सब लोग फिर सामूहिक भक्ति गीत गाकर होलिका माता को प्रसन्न करते हैं। इस दिन अपनी किसी एक न एक बुराई को दहन अर्थात समाप्त करने का संकल्प लेना चाहिए। फिर सामूहिक फाल्गुन गीत होता है। अबीर तथा गुलाल लगा के एक दूसरे से गले मिलते हैं।

Anoop Ojha

Anoop Ojha

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