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Indian Train Speed: ट्रेनों की औसत स्पीड 51 किमी प्रति घंटा!
Indian Train Speed: भारत में ट्रेनों की औसत स्पीड में कोई ख़ास फर्क नहीं आया है। सरकारी आंकड़ों के अनुसार, यात्री ट्रेनों की औसत गति थोड़ी बढ़ गई है, लेकिन मालगाड़ियों की औसत गति 2019-20 के कोरोना पूर्व समय के समान ही बनी हुई है।
ट्रेनों की औसत स्पीड 51 किमी प्रति घंटा, जानें क्या है कारण: Photo- Social Media
Indian Train Speed: भारत में ट्रेनों की औसत स्पीड में कोई ख़ास फर्क नहीं आया है। सरकारी आंकड़ों के अनुसार, यात्री ट्रेनों की औसत गति थोड़ी बढ़ गई है, लेकिन मालगाड़ियों की औसत गति 2019-20 के कोरोना पूर्व समय के समान ही बनी हुई है। रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने पिछले पांच वर्षों में विभिन्न प्रकार की यात्री और मालगाड़ियों की औसत गति पर सीपीआई (एम) सांसद वी सिवादासन द्वारा उठाए गए सवालों के लिखित जवाब में ये जानकारी दी।
मालगाड़ी की औसत स्पीड 23.6 किलोमीटर प्रति घंटा
फाईनेंशियल एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट के अनुसार, आंकड़ों से पता चला है कि 2019-20 और 2023-24 (नवंबर तक) में मालगाड़ियों की औसत गति 23.6 किमी प्रति घंटा थी, जबकि मेल/एक्सप्रेस ट्रेनों की औसत गति 2019-20 में 50.6 किमी प्रति घंटे से बढ़कर 2023-24 में (नवम्बर तक) 51.1 किमी प्रति घंटे हो गई। साधारण ट्रेनों की औसत गति भी 2019-20 में 33.5 किमी प्रति घंटे से बढ़कर 2023-24 में 35.1 किमी प्रति घंटे हो गई। रेलवे ने 2020-21 और 2022-23 का डेटा यह कहते हुए साझा नहीं किया कि यह कोरोना महामारी से प्रभावित है।
ट्रेनों की कम गति के लिए विभिन्न कारक
रिपोर्ट के अनुसार, कोरोना के बाद जब चरणबद्ध तरीके से ट्रेनों का ऑपरेशन फिर से शुरू किया गया तो सभी ट्रेनों की औसत गति में सुधार हुआ। अन्य कई कारक जैसे नियंत्रण विभाग में जनशक्ति की कमी, ट्रैक का अत्यधिक उपयोग, जिससे भीड़भाड़ होती है, सिग्नल, ट्रैक, ओएचई का निरंतर रखरखाव आदि कुछ ऐसे कारण थे, जिन्होंने सभी ट्रेनों की गति को सीमित कर दिया।
पहले, उच्च वेतनमान और अतिरिक्त लाभों के कारण, प्रमुख फीडर कैडर (स्टेशन मास्टर) के पास तेजी से पदोन्नति का रास्ता था, लेकिन अब स्टेशन मास्टर और अनुभाग नियंत्रकों के समान ग्रेड वेतन के कारण (केंद्रीय वेतन आयोग), ट्रेन नियंत्रक पद के लिए आवेदन करने के लिए स्टेशन मास्टर वर्ग की अनिच्छा थी।