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भव्य राम मंदिर के लिए अयोध्या ही नहीं इन जगहों पर भी हो रही तैयारी, मिलेंगे करोड़ों
अयोध्या में राम जन्मभूमि पर सुप्रीम कोर्ट ने अपना फैसला सुना दिया है। देश की सर्वोच्च अदालत ने राम जन्मभूमि विवाद मामले पर 40 दिन तक लगातार सुनवाई की और फिर फैसला सुरक्षित रख लिया था। अब सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले पर फैसला सुना दिया है।
लखनऊ: अयोध्या में राम जन्मभूमि पर सुप्रीम कोर्ट ने अपना फैसला सुना दिया है। देश की सर्वोच्च अदालत ने राम जन्मभूमि विवाद मामले पर 40 दिन तक लगातार सुनवाई की और फिर फैसला सुरक्षित रख लिया था। अब सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले पर फैसला सुना दिया है।
सुप्रीम कोर्ट ने फैसले में इस मामले के तीन पक्षों में से हिंदू पक्ष(रामलला) को विवादित भूमि दे दी। जबकि मुस्लिम पक्ष सुन्नी वक्फ बोर्ड को अयोध्या में ही अलग स्थान पर 5 एकड़ भूमि देने का आदेश दिया है।
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सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद राम मंदिर निर्माण के कार्य में तेजी आ गई है। राम मंदिर के निर्माण में लगने वाली सामग्री का काम अयोध्या के अलावा देश के कई हिस्सों में चल रहा है। कहा जाता है कि मंदिर के निर्माण के लिए 60 प्रतिशत पत्थरों का काम हो गया है और अब सिर्फ 40 प्रतिशत काम बाकी है।
राम मंदिर निर्माण के लिए 30 अगस्त 1990 को अयोध्या के कारसेवकपुरम में पत्थरों को तराशने का काम शुरू हुआ जो अभी जारी है। इसके अलावा फतेहपुर सीकरी, राजस्थान के भरतपुर, दौंसा और सिरोही जिले में भी पत्थरों को तराशने का काम चल रहा है।
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राम मंदिर में 2100 किलो का घंटा लगेगा जिसका निर्णाण यूपी के जलेसर में हो रहा है। इस घंटे का निर्माण मुस्लिम कारीगर कर रहे हैं।
अयोध्या में बनने वाला भगवान राम का मंदिर नागर शैली का होगा जो करीब 270 फुट लंबा, 145 फुट चौड़ा और 141 फुट ऊंचा होगा। यह मंदिर नागर शैली में बना अष्ट कोणीय होगा। मंदिर का शिखर भी अष्ट कोणीय बनेगा।
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राम मंदिर दो मंजिला होगा, जिसमें नीचे रामलला की मूर्ति बैठेगी और ऊपर राम दरबार होगा। मंदिर में सिंह द्वार, नृत्य मंडप, रंग मंडप, कोली, गर्भ गृह और परिक्रमा मार्ग होगा। मंदिर का निर्माण शिव शास्त्र के मुताबिक होगा। राम मंदिर में करीब 250 स्तंभ लगेंगे और एक-एक पिलर में 16-16 मूर्तियां होंगी। इसमें 12 सूर्य के स्वरूप बनेंगे।
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इसके अलावा राम मंदिर निर्माण के लिए कई देश के कई मंदिरों और ट्रस्ट ने पैसे देने का ऐलान किया है। दक्षिण भारत का प्रसिद्ध मंदिर तिरुपति बालाजी मंदिर निर्माण के लिए 1 करोड़ रुपए देगा। इसके अलावा पटना का महावीर सेवा ट्रस्ट मंदिर निर्माण के लिए 10 करोड़ रुपए देगा।
इस ट्रस्ट के अध्यक्ष पूर्व आइपीएस अधिकारी आचार्य किशोर कुणाल ने बताया कि महावीर सेवा ट्रस्ट हर साल 2 करोड़ रुपए देगा।