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आयुष मंत्रालय की बड़ी पहल, केंद्र सरकार भी बना रही कोरोना की आयुर्वेदिक दवा
इस कमेटी में विशेषज्ञों ने रिसर्च प्रोटोकॉल और डिजाइन तैयार किए हैं। जो आयुर्वेदिक औषधियों के माध्यम से कोरोना के बचने में तैयार होने वाली औषधि में मदद कर
नई दिल्ली: देश में कोरोना अपना विकराल रूप फिर से दिखा रहा है। जिसके बाद से सरकार इसके रोकथाम के लिए कई कदम उठा रही है। कोरोना वैक्सीन बनने के बाद केंद्र सरकार ने आयुर्वेद के साथ चलने का फैसला लिया है। बाबा रामदेव की कोरोना की आयुर्वेदिक दवा बनाने को लेकर काफी विवाद हुआ। जिसके बाद सरकार ने इस दिशा में अपना कदम बढ़ाया है और अब जल्द ही आयुष मंत्रालय कोरोना की नई दवाई तैयार करेगा।
कमेटी का हुआ गठन
आपको बता दें कि आयुष मंत्रालय ने आयुष अनुसंधान एवं विकास कमेटी का गठन किया है। जिसे जैव चिकित्सा वैज्ञानिक एवं विश्वविद्यालय अनुदान आयोग के पूर्व उपाध्यक्ष प्रोफेसर भूषण पटवर्धन की अध्यक्षता में किया गया। इस कमेटी में अखिल भारतीय चिकित्सा अनुसंधान संस्थान (ICMR) समेत एम्स और कई नामी चिकित्सा अनुसंधान संस्थान के वैज्ञानिक प्रतिनिधि शामिल किए गए हैं।
कोरोना का कारगर इलाज
अधिकारियों के मुताबिक कमेटी में इस बात का शोध किया जाएगा, कि भारतीय पुरातन चिकित्सा पद्धति के पैमाने पर किस प्रकार की आयुर्वेदिक दवा कोरोना में कारगर साबित होगी। आयुष विभाग द्वारा कोरोना की आयुर्वेदिक दवा बनाने के लिए सिर्फ आयुर्वेदिक चिकित्सकों का ही सहारा नहीं लिया जा रहा है, बल्कि आईसीएमआर, विज्ञान एवं औद्योगिक अनुसंधान परिषद, समेत देश के कई नामी आयुर्वेदिक चिकित्सा संस्थानों के वैज्ञानिक इसमें शामिल किए जाएंगे।
विशेषज्ञों के साथ तैयारी
जानकारी के मुताबिक इस कमेटी में विशेषज्ञों ने रिसर्च प्रोटोकॉल और डिजाइन तैयार किए हैं। जो आयुर्वेदिक औषधियों के माध्यम से कोरोना के बचने में तैयार होने वाली औषधि में मदद कर सकें।
कोर ग्रुप का गठन
आयुष मंत्रालय ने इस कमेटी के अलावा कोर ग्रुप का गठन भी किया है। जो भारतीय पुरातन आयुर्वेदिक सिद्धांतों के अनुरूप कोविड में सहायक दवाओं को तैयार करने में मदद करेगा। वैज्ञानिकों के मुताबिक शोध के बाद जो दवाएं तैयार होंगी, उनमें कोरोना को रोकने वाली (इम्युनो मॉड्यूलेटर) दवा के साथ कोविड के संक्रमण के बाद मरीजों को दी जाने वाली दवा शामिल है।
वहीं वैज्ञानिकों के मुताबिक तमाम बीमारियों को दूर करने में कारगर अश्वगंधा, पिपली,यष्टिमधु, गुडुची, और पाली हर्बल औषधी योग का इस्तेमाल करने की दिशा में शोध किया जा रहा है।