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Health Ministry: हेल्थ वेलनेस सेंटरों को अब कहा जायेगा आरोग्य मंदिर, री ब्रांडिंग में नई टैगलाइन भी शामिल
Health Ministry: केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने आयुष्मान भारत स्वास्थ्य और कल्याण केंद्रों की रीब्रांडिंग को लागू करने के लिए राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को एक पत्र भेजा है।
Health Ministry: भारत सरकार ने अपनी स्वास्थ्य योजना "आयुष्मान भारत हेल्थ एंड वेलनेस" सेंटरों की रीब्रान्डिंग कर दी है। अब इन्हें "आयुष्मान आरोग्य मंदिर" के नाम से जाना जाएगा। इनको नई टैग लाइन भी दी गई है।
स्वास्थ्य मंत्रालय का फैसला
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने आयुष्मान भारत स्वास्थ्य और कल्याण केंद्रों की रीब्रांडिंग को लागू करने के लिए राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को एक पत्र भेजा है। राज्यों को आयुष्मान भारत-स्वास्थ्य और कल्याण केंद्र (एबी-एचडब्ल्यूसी) पोर्टल पर रीब्रांडेड प्राथमिक स्वास्थ्य सुविधाओं की तस्वीरें अपलोड करने के लिए भी कहा गया है।
"आरोग्यम परमं धनम्"
रीब्रांडेड एबी-एचडब्ल्यूसी की एक नई टैगलाइन भी होगी - 'आरोग्यम परमं धनम्'।
केंद्र के पत्र में कहा गया है कि कि राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (एनएचएम) का लोगो रीब्रांडेड केंद्रों में बरकरार रखा जाएगा।
2018 की योजना
याद दिला दें कि केंद्र ने 2018 में घोषणा की कि व्यापक प्राथमिक स्वास्थ्य देखभाल प्रदान करने के लिए मौजूदा उप स्वास्थ्य केंद्रों और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों को बदलकर देश में 1.5 लाख एचडब्ल्यूसी (हेल्थ वेलनेस सेंटर) बनाए जाएंगे और इसे आयुष्मान भारत के दो घटकों में से एक घोषित किया जाएगा। यह निर्णय लिया गया था कि इस काम के लिए केंद्र 60 फीसदी धनराशि प्रदान करेगा और बदले में, राज्य इसके डिज़ाइन मैनुअल का पालन करेंगे। अब तक, देश भर में 1.61 लाख एबी-एचडब्ल्यूसी को बदल दिया गया है, जो प्रारंभिक टारगेट से अधिक है।
कई सेवायें एक ही जगह
एबी - एचडब्ल्यूसी मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करते हैं; आपात्कालीन स्थिति और ट्रॉमा के लिए प्रथम स्तर की देखभाल, जिसमें अन्य चीजों के अलावा मुफ्त दवाएं और डायग्नोस्टिक सेवाएं शामिल हैं।
नया नाम
केंद्र ने कहा है कि नया नाम 'आयुष्मान आरोग्य मंदिर' और टैगलाइन 'आरोग्यम परमं धनम्' को सभी एबी-एचडब्ल्यूसी में मौजूदा शीर्षक 'आयुष्मान भारत - स्वास्थ्य और कल्याण केंद्र' की जगह लिखा जाना चाहिए।
अगर ब्रांडिंग के लिए हिंदी)/अंग्रेजी के अलावा अन्य भाषा का उपयोग किया जाना है, तो पूर्ण और सटीक शीर्षक का अन्य भाषाओं में अनुवाद किया जा सकता है, लेकिन टैगलाइन को राज्य भाषा में जस का तस लिखा जाना चाहिए। मौजूदा सुविधाओं का नाम बदलने के लिए 3,000 रुपये प्रति केंद्र देने का प्रस्ताव है।
इतनी बीमारियों की स्क्रीनिंग
24 नवंबर तक एबी-एचडब्ल्यूसी में हाई ब्लडप्रेशर के लिए 53.36 करोड़, मधुमेह के लिए 46.49 करोड़, ओरल कैंसर के लिए 31.48 करोड़, स्तन कैंसर के लिए 14.33 करोड़ और गर्भाशय ग्रीवा कैंसर के लिए 9.68 करोड़ से अधिक जांच की गई हैं।