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Azmer Dargah : संभल में मस्जिद के बाद अब अजमेर दरगाह का होगा सर्वे? कोर्ट ने सभी पक्षों को भेजा नोटिस

Azmer Dargah Controversy : उत्तर प्रदेश के संभल में मस्जिद के सर्वे के बाद अब अजमेर की प्रसिद्ध दरगाह को लेकर विवाद शुरू हो गया है।

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Newstrack Network
Published on: 27 Nov 2024 7:02 PM IST (Updated on: 27 Nov 2024 7:37 PM IST)
Azmer Dargah : संभल में मस्जिद के बाद अब अजमेर दरगाह का होगा सर्वे? कोर्ट ने सभी पक्षों को भेजा नोटिस
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Azmer Dargah Controversy : उत्तर प्रदेश के संभल में मस्जिद के सर्वे के बाद अब राजस्थान के अजमेर की प्रसिद्ध दरगाह को लेकर विवाद शुरू हो गया है। हिन्दू पक्ष ने अजमेर दरगाह को शिव मंदिर बताते हुए कोर्ट में एक याचिका को दायर किया था, जिसे निचली अदालत ने स्वीकार कर लिया है। कोर्ट ने इस मामले की सुनवाई के लिए 20 दिसंबर की तारीख निर्धारित करते हुए सभी पक्षों को नोटिस भेज दिया है। बता दें कि यह याचिका हिंदू सेना के विष्णु गुप्ता ने दायर की है।

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, अजमेर पश्चिम सिविल कोर्ट के जज मनमोहन चंदेल ने बुधवार को इस मामले में सुनवाई की और तीन पक्षकारों को नोटिस जारी करते हुए अपना पक्ष रखने का आदेश दिया है। इस मामले में दरगाह कमेटी, अल्पसंख्यक मंत्रालय और भारतीय पुरातत्व विभाग को नोटिस जारी की गई है और उन्हें अगली तारीख पर पेश होने के लिए बुलाया गया है।

हिन्दू पक्ष ने किया ये दावा

हिन्दू पक्ष ने अपनी अपनी याचिका में दावा किया है कि दरगाह की जमीन पर पहले शिव मंदिर था और यहां पूजा होती थी। इसके साथ जलाभिषेक भी किया जाता था। उन्होंने याचिका में हर विलास शारदा द्वारा 1911 में लिखित पुस्तक का भी जिक्र किया। कहा गया है कि पुस्तक में भी दरगाह के स्थान पर हिन्दू पूजा होने का दावा किया गया है। याचिका में यह भी कहा गया है कि दरगाह परिसर में जो 75 फीट लंबा बुलंद दरवाजा है, उसके निर्माण में मंदिर के मलबे के अंश से साफ है कि तहखाने में गर्भगृह है।

पहले भी जांच की उठ चुकी मांग

बता दें कि इससे पहले साल 2022 में भी हिन्दू संगठनों ने अजमेर दरगाह के शिव मंदिर होने का दावा किया था। हिन्दू संगठन महाराणा प्रताप सेना ने तत्कालीन मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और केंद्र सरकार को पत्र लिखकर जांच कराने की मांग की थी। इस दौरान अजमेर दरगाह की खिड़कियों की तस्वीरों को भेजा गया था, उसमें स्वास्तिक के निशापन बने होने का दावा भी किया गया था।

बता दें कि संभल की जामा मस्जिद के पूजा स्थल होने के दावे के बाद कोर्ट ने सर्वे करने के आदेश दिए थे। सर्वे करने गई टीम जब वहां से बाहर निकल रही थी, तो वहां हिंसा भड़क गई थी। इसमें करीब चार लोगों की मौत भी हुई है। अभी यह मामला ठंडा भी नहीं हुआ था कि अजमेर दरगाह का नया मामला सामने आ गया है।



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Rajnish Verma

Rajnish Verma

Content Writer

वर्तमान में न्यूज ट्रैक के साथ सफर जारी है। बाबा साहेब भीमराव अम्बेडकर विश्वविद्यालय से पत्रकारिता की पढ़ाई पूरी की। मैने अपने पत्रकारिता सफर की शुरुआत इंडिया एलाइव मैगजीन के साथ की। इसके बाद अमृत प्रभात, कैनविज टाइम्स, श्री टाइम्स अखबार में कई साल अपनी सेवाएं दी। इसके बाद न्यूज टाइम्स वेब पोर्टल, पाक्षिक मैगजीन के साथ सफर जारी रहा। विद्या भारती प्रचार विभाग के लिए मीडिया कोआर्डीनेटर के रूप में लगभग तीन साल सेवाएं दीं। पत्रकारिता में लगभग 12 साल का अनुभव है। राजनीति, क्राइम, हेल्थ और समाज से जुड़े मुद्दों पर खास दिलचस्पी है।

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