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Bageshwar Dham On MP Election: क्यों बाबा बागेश्वर का मध्य प्रदेश चुनाव से तगड़ा जुड़ाव ? प्रतिष्ठा है दांव पर
Bageshwar Dham Sarkar On MP Election 2023: बाबा के दरबार में माथा टेकने वाले तमाम उम्मीदवार भी बाबा का आशीर्वाद पाने में कामयाब हो गये हैं। बाबा के चमत्कारों से अभिभूत ये सभी उम्मीदवार अपनी जीत के प्रति आश्वस्त दिखते हैं।
Bageshwar Dham On MP Election 2023: मध्य प्रदेश चुनाव में लड़ाई सिर्फ़ कांग्रेस व भाजपा के बीच होती हुई भले ही दिख रही हो पर उस लड़ाई में दांव पर इस बार अचानक सनातन के पैरोकार बन कर उभरे बाबा बागेश्वर धीरेंद्र शास्त्री की इज़्ज़त भी है। क्योंकि बाबा के दरबार में माथा टेकने वाले तमाम उम्मीदवार भी बाबा का आशीर्वाद पाने में कामयाब हो गये हैं। बाबा के चमत्कारों से अभिभूत ये सभी उम्मीदवार अपनी जीत के प्रति आश्वस्त दिखते हैं।
कई तो अपनी चुनावी सभाओं में यह तक कहने में कोई गुरेज़ नहीं करते हैं कि उन्हें बाबा बागेश्वर धीरेंद्र शास्त्री का आशीर्वाद मिल गया है। अब बस जनता जनार्दन का आशीर्वाद चाहिए । पर बाबा बागेश्वर यह भूल जा रहे हैं कि कई बार तो उनका आशीर्वाद एक ही विधानसभा क्षेत्र के कांग्रेस व भाजपा दोनों उम्मीदवारों को मिल जा रहा है। यह महज़ इसलिए हो रहा है क्योंकि बाबा के दरबार से कोई सवाली ख़ाली नहीं लौटता । इसलिए जो आया है, उसे विजयी भव का आशीर्वाद देने से बाबा खुद को क्यों अलग रखें।
आखिर कौन हैं 'बाबा' धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ?
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खजुराहो भाजपा की पारंपरिक सीट
वैसे तो बाबा बागेश्वर धीरेंद्र ब्रह्मचारी लोकसभा की खजुराहो सीट से आते हैं। यह भाजपा की पारंपरिक सीट है। इस सीट से 1989,1991,1996,1998 से कभी भाजपा की फयरब्रांड नेता रही उमा भारती विजय होती रही है। 1999 में यह सीट कांग्रेस के खाते में चली गई। कांग्रेस के सत्यव्रत चतुर्वेदी जीते। पर फिर 2004,2009,2014 और 2019 में इस सीट को भाजपा ने अपने खाते में कर ली। इन सालों में हुए लोकसभा चुनाव में क्रमशः रामकृष्ण कुसमारिया, जीतेन्द्र सिंह बुंदेला, नागेंद्र सिंह और बीड़ी शर्मा विजयी हुए। खजुराहो लोकसभा कटनी, पन्ना और छत्तरपुर तीन ज़िलों में फैला है।
बाबा की निरंतर बढ़ रही ख्याति
छत्तरपुर ज़िले की चंदला व राजनगर, पन्ना ज़िले की पन्ना और गुन्नौर, कटनी ज़िले की विजय राघवगढ ,मुरवारा और बहोरीबंद सीटें आती है। इन सभ सीटों के भाजपा उम्मीदवार को बाबा के दरबार में मत्था टेकते नहीं देखा गया है। इसकी वजह अपने ज़िले और आसपास कोई प्रभाव नहीं रखते हैं। इनके चमत्कार पर इलाकाई लोगों को यक़ीन नहीं है। इस पर अलग से लिखना माकूल होगा कि इसकी वजह क्या और क्यों है? पर यह ज़रूर है कि बाबा की निरंतर बढ़ रही ख्याति व उनके दरबार में आने वाले लोगों की तादाद से ईलाकाई लोग बहुत प्रसन्न हैं। क्योंकि सड़कें बन रही है। बन गई है। कई दुकानें भी आसपास खुल रही है। कई लोगों को रोज़गार मिला हुआ है। पर बाबा ने दतिया में नरोत्तम मिश्रा के लिए कथा की। बड़ा मल्हार के विधायक प्रद्मुमन लोँधी पर बाबा की कृपा बरसती है।
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ज्योंतिरादित्य सिंधिया के शिष्य रहे कांग्रेस से भाजपा में आये अशोक नगर के महेंद्र यादव भी बाबा के प्रिय लोगों में हैं। बाबा ने छत्तरपुर के नौगाँव में नीरज की यजमानी में कथा कही। नीरज महाराजपुर विधानसभा से आते हैं। जब भी बाबा कहीं जाते हैं तो एयरपोर्ट पर उन्हें लेने व छोड़ेंने जाने वालों में एक चेहरा स्थाई तौर से दिखता है। वह है राजगनगर के अरविंद पटोरियाँ का। पटोरियाँ के राज़ी ख़ुशी का श्रेय भी बाबा बागेश्वर धीरेंद्र शास्त्री को ही जाता है।