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Patanjali Case: बाबा रामदेव को झटका, दृष्टि आई ड्रॉप से लेकर मधुनाशिनी वटी तक बैन, 14 प्रोडक्ट्स के लाइसेंस रद्द

Patanjali Case: लाइसेंसिंग संस्था ने सुप्रीम कोर्ट में एक हलफनामा दायर कर कहा कि उसने भ्रामक विज्ञापन मामले में दिव्य योग फार्मेसी द्वारा निर्मित 13 उत्पादों के लाइसेंस निलंबित कर दिए हैं।

Viren Singh
Published on: 30 April 2024 10:52 AM IST (Updated on: 30 April 2024 11:00 AM IST)
Patanjali Case
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Patanjali Case (सोशल मीडिया)  

Patanjali Case: भ्रामक विज्ञापन केस में सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद बिना शर्त माफीमाना मांगने के बाद भी पतंजलि आयुर्वेद की मुश्किलें खत्म होने के नाम नहीं ले रही हैं। माफीनामा के बाद भी योग गुरु बाबा रामदेव की कंपनी पतंजलि आयुर्वेद को बड़ा झटका मिला है। उत्तराखंड लाइसेंसिंग प्राधिकरण ने सोमवार को भ्रामक विज्ञापनों का हवाला देते हुए 14 पतंजलि उत्पादों के विनिर्माण लाइसेंस को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है। 14 में से 13 उत्पाद पतंजलि की सहायक कंपनी दिव्य योग फार्मेसी के हैं। इसमें एक मात्र उत्पाद पतंजलि आयुर्वेद की दृष्टि आई ड्रॉप शामिल है।

सरकार ने कोर्ट में दायिर किया हलफनामा

लाइसेंसिंग संस्था ने सुप्रीम कोर्ट में एक हलफनामा दायर कर कहा कि उसने भ्रामक विज्ञापन मामले में दिव्य योग फार्मेसी द्वारा निर्मित 13 उत्पादों के लाइसेंस निलंबित कर दिए हैं। उत्तराखंड औषधि नियंत्रण विभाग के एक नोटिफिकेशन में कहा गया है कि दिव्य फार्मेंसी द्वारा अपने उत्पादों की प्रभावशीलता के बारे में बार-बार भ्रामक विज्ञापन प्रकाशित करने की वजह से लाइसेंस कैंसल किये गए हैं।

इन उत्पादों का किया लाइसेंस रद्द

उत्तराखंड में पारंपरिक दवाओं के दवा नियामक द्वारा 15 अप्रैल के आदेश में रामदेव की कंपनियों के विनिर्माण परमिट को निलंबित कर दिया गया था। इसमें 13 उत्पाद दिव्य फार्मेसी के हैं, जो कि स्वसारि गोल्ड, स्वासारि वटी, ब्रोंकोम, स्वसारि प्रवाहहिं, स्वासारी अवलेह, मुक्ता वटी अतिरिक्त शक्ति, लिपिडोम, बीपी ग्रिट, मधुघृत, मधुनाशिनी वटी अतिरिक्त शक्ति, लिवामृत एडवांस और लिवोग्रिट है, जबकि एक उत्पाद पंतजलि आयुर्वेद का दृष्टि आई ड्रॉप है।

सुप्रीम कोर्ट ने अपनी कुछ पारंपरिक आयुर्वेदिक दवाओं के भ्रामक विज्ञापनों को रोकने के लिए चल रहे एक मामले में अपने निर्देशों का पालन नहीं करने के लिए बाबा रामदेव की खिंचाई की है। इस साल 27 फरवरी को अदालत ने भ्रामक स्वास्थ्य उपचार विज्ञापनों को वितरित करने और पतंजलि को हृदय रोग और अस्थमा जैसी बीमारियों के इलाज के निराधार दावों वाले उत्पादों को बढ़ावा देने से रोकने के लिए योग गुरु बाबा रामदेव और उनके सहयोगी आचार्य बालकृष्ण को अवमानना नोटिस जारी किया।

कोर्ट से बाबा रामदेव में मांगी माफी

उसके बाद पतंजलि आयुर्वेद ने 22 अप्रैल को माफी जारी करते हुए कहा था कि वे भविष्य में ऐसी कोई गलती नहीं करेंगे। 23 अप्रैल को पिछली सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने अवमानना मामले की सुनवाई करते हुए रामदेव से पूछा था कि क्या माफी का आकार उनके विज्ञापनों के समान है। फिर दोबारा 24 अप्रैल को पतंजलि आयुर्वेद के सह-संस्थापक योग गुरु रामदेव और बालकृष्ण ने समाचार पत्रों में एक नया सार्वजनिक माफीनामा जारी किया था।

कोर्ट में आज भ्रामक विज्ञापन मामले की सुनवाई

सुप्रीम कोर्ट में 30 अप्रैल को फिर पंतजलि आयुर्वेद के भ्रामक विज्ञापन मामले में सुनवाई है। पिछली सुनवाई में कोर्ट ने बाबा रामदेव और कंपनी के सीईओ आचार्य बालकृष्ण को 30 अप्रैल की सुनवाई में कोर्ट में भौतिक रूप से पेश होने का आदेश दिया था.



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Viren Singh

Viren Singh

पत्रकारिता क्षेत्र में काम करते हुए 4 साल से अधिक समय हो गया है। इस दौरान टीवी व एजेंसी की पत्रकारिता का अनुभव लेते हुए अब डिजिटल मीडिया में काम कर रहा हूँ। वैसे तो सुई से लेकर हवाई जहाज की खबरें लिख सकता हूं। लेकिन राजनीति, खेल और बिजनेस को कवर करना अच्छा लगता है। वर्तमान में Newstrack.com से जुड़ा हूं और यहां पर व्यापार जगत की खबरें कवर करता हूं। मैंने पत्रकारिता की पढ़ाई मध्य प्रदेश के माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं जनसंचार विश्विविद्यालय से की है, यहां से मास्टर किया है।

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