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Kashi Vishwanath: अब चांदी के नये पलंग पर विश्राम करेंगे बाबा विश्वनाथ, शिव भक्त ने अर्पित किया 25 किलो चांदी का नया आसन
Kashi Vishwanath: दक्षिण भारत के एक शिव भक्त ने बाबा को 25 किलो चांदी से निर्मित पलंग अर्पित की है। अब बाबा शयन आरती के बाद इसी पलंग पर विश्राम करेंगे।
Kashi Vishwanath: बाबा भोलेनाथ को प्रिय माने जाने वाले सावन महीने के दौरान काशी में बाबा विश्वनाथ (Baba Vishwanath) के दरबार में भक्तों का तांता लगा हुआ है। बाबा विश्वनाथ का दर्शन करने के लिए देश भर से श्रद्धालु बाबा के दरबार में पहुंच रहे हैं। जलाभिषेक के साथ ही बाबा को तरह-तरह की चीजें भी अर्पित की जा रही हैं।
इसी कड़ी में दक्षिण भारत के एक शिव भक्त ने बाबा को 25 किलो चांदी से निर्मित पलंग (new 25 kg silver bed) अर्पित की है। अब बाबा शयन आरती के बाद इसी पलंग पर विश्राम करेंगे। करीब 15 साल बाद बाबा अब रजत निर्मित नई पलंग पर विश्राम करेंगे।
महारूद्र यज्ञ के बाद अर्पित होगा नया आसन
श्री काशी नाटकोट्टई नगर क्षेत्रम प्रबंध सोसाइटी की ओर से रविवार को विश्वनाथ मंदिर प्रशासन को बाबा की नई पलंग सौंपी जाएगी। सोसायटी की ओर से विश्व कल्याण की कामना के साथ रथयात्रा स्थित अन्ना मलईयार नंदवनम परिसर में तीन दिन के महारुद्र यज्ञ का आयोजन किया गया है। आयोजन के अंतिम दिन आज कलश यात्रा से अभिमंत्रित गंगाजल से बाबा विश्वनाथ का जलाभिषेक होगा। फिर उन्हें चांदी का नया आसन अर्पित किया जाएगा।
पलंग के अलावा प्रबंध सोसाइटी की ओर से बाबा के भोग में उपयोग किए जाने वाले बर्तन भी चांदी के बनवाए गए हैं। बाबा के लिए बनवाए गए इन बर्तनों को भी आज उनके चरणों में अर्पित किया जाएगा। सोसाइटी से जुड़े हुए लोगों का कहना है कि बाबा विश्वनाथ के दरबार में चढ़ावा चढ़ाने से उन्हें असीम खुशी की प्राप्ति होती है।
15 साल बाद बदलेगा बाबा का आसन
बाबा विश्वनाथ के विश्राम के लिए अभी कांची के शंकराचार्य की ओर से अर्पित किए गए रजत के आसन का इस्तेमाल किया जाता है। शंकराचार्य ने यह आसन 15 साल पूर्व बाबा विश्वनाथ को अर्पित किया था। इस तरह 15 साल बाद बाबा अब नई रजत पलंग पर विश्राम करेंगे। तमिलनाडु के मदुरई निवासी शिव भक्त ए एन सुब्बाराव ने बाबा विश्वनाथ के रात्रि विश्राम के लिए चांदी का यह नया आसन तैयार कराया है।
नए आसन पर करीब पौने 13 लाख का खर्च
बाबा विश्वनाथ के लिए नई पलंग के निर्माण में काफी वक्त लगा और इसे बनाने में कारीगरों ने काफी कुशलता दिखाई है। पलंग के निर्माण में करीब 12 लाख 70 हजार रुपए का खर्च आया है। सोसाइटी से जुड़े हुए लोगों की बाबा विश्वनाथ में असीम आस्था रही है और पिछले 200 वर्षों से सोसाइटी से जुड़े लोग बाबा विश्वनाथ के लिए आसन अर्पित करते रहे हैं।
सोसाइटी ने बाबा के भोग में लगाने के लिए सारी व्यवस्था की जिम्मेदारी भी ले रखी है। अभी पिछले दिनों बाबा के एक भक्त ने बाबा को 60 किलो सोना अर्पित किया था। इसी सोने की मदद से विश्वनाथ मंदिर के गर्भगृह और बाहरी दीवारों पर सोने का पत्तर चढ़ाया गया है।
दूसरे सोमवार पर उमड़ेगी अपार भीड़
इस बीच सावन महीने के दौरान बाबा दरबार में जलाभिषेक करने के लिए भक्तों का ताता लगा हुआ है। शनिवार को मंगला आरती के बाद ही बाबा के दरबार में दर्शन पूजन का सिलसिला शुरू हो गया। दूरदराज से आने वाले भक्तों ने पहले गंगा स्नान किया और उसके बाद जल लेकर बाबा के दरबार में जलाभिषेक किया। सावन महीने के दौरान सबसे अधिक भीड़ गंगाद्वार की तरफ से ही लग रही है।
गंगा स्नान के बाद श्रद्धालु ललिता घाट होते हुए बाबा के धाम में पहुंचकर जलाभिषेक कर रहे हैं। शनिवार को करीब डेढ़ लाख शिव भक्तों ने बाबा के दरबार में जलाभिषेक किया। सोमवार को बाबा के दरबार में भक्तों की अपार भीड़ उमड़ने की संभावना है। सावन के दूसरे सोमवार पर सोम प्रदोष का संयोग सर्व सिद्धि कारक योग बना रहा है। इस कारण सावन के दूसरे सोमवार पर लाखों भक्तों के बाबा के दरबार में उमड़ने की उम्मीद है।