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बच्ची अरिहा शाह की वापसी के लिए भारत सख्त, जर्मन राजदूत को किया तलब, 20 महीने से 'फॉस्टर केयर' में हो रही देखरेख
Baby Ariha in Germany: भारतीय विदेश मंत्रालय और बर्लिन स्थित भारतीय दूतावास लगातार बच्ची अरिहा शाह की वापसी की पैरवी कर रहा है। अरिंदम बागची ने कहा, आगे भी दबाव बनाते रहेंगे।
Baby Ariha in Germany: भारत ने इस हफ्ते जर्मन राजदूत फिलिप एकरमैन (German Ambassador Philipp Ackermann) को तलब किया। भारत सरकार ने एक बच्ची की वापसी के लिए फिलिप एकरमैन से कहा है। दरअसल, ये बच्ची पिछले 20 महीने से भी अधिक समय से राजधानी बर्लिन के 'फॉस्टर केयर' में है। बच्ची का नाम अरिहा शाह (Ariha Shah) है, जिसे दुर्घटनावश चोट लगने के बाद 23 सितंबर, 2021 को जर्मनी के युवा कल्याण कार्यालय की देखरेख में रखा गया था। तब से वह 'फॉस्टर केयर' में है। घटना के वक़्त अरिहा की आयु महज 7 महीने थी।
आपको बता दें, 'फोस्टर केयर' (Foster Care) एक ऐसी व्यवस्था है जिसके तहत बच्चे को देखभाल के उद्देश्य से सरकार द्वारा प्रमाणित परिवार के सदस्यों के साथ रखा जाता है। इन्हें आमतौर पर पालक माता-पिता कहा जाता है। भारतीय विदेश मंत्रालय के स्पोक्सपर्सन अरिंदम बागची (Arindam Bagchi) ने बताया कि, 'जर्मन राजदूत फिलिप एकरमैन को इस हफ्ते की शुरुआत में तलब किया गया था। उन्हें अरिहा शाह मुद्दे पर भारत की चिंताओं से स्पष्ट तौर पर अवगत कराया गया।'
'अरिहा के अधिकारों का उल्लंघन हो रहा है'
भारत का मानना है कि बच्ची के लिए उसके भाषाई (linguistic), धार्मिक (Religious), सांस्कृतिक और सामाजिक परिवेश (Cultural and Social Environment) में रहना बेहद महत्वपूर्ण है। अरिंदम बागची ने कहा, 'हमने इस मामले को उच्च प्राथमिकता पर रखा है। क्योंकि, हमारा मानना है कि बच्चे को जर्मन फॉस्टर केयर में रखे जाने से उसके सांस्कृतिक अधिकारों तथा एक भारतीय के रूप में उसके अधिकारों का उल्लंघन हो रहा है।'
जर्मन अधिकारियों पर दबाव रहेगा बरकरार
भारतीय विदेश मंत्रालय ने कहा कि, 'हम इस मामले पर जर्मनी के अधिकारियों पर दबाव बनाना जारी रखेंगे'। वहीं, जर्मन अधिकारियों ने ये आरोप लगाते हुए बच्ची को फॉस्टर केयर में भेज दिया कि उसके भारतीय माता-पिता उसे परेशान करते थे। भारतीय विदेश मंत्रालय और बर्लिन स्थित भारतीय दूतावास (Indian Embassy, Berlin) लगातार अरिहा शाह की भारत वापसी की पैरवी कर रहा है। पिछले वर्ष दिसंबर में विदेश मंत्री एस जयशंकर (S Jaishankar) ने जर्मन विदेश मंत्री एनालेना बेयरबॉक को बच्ची के संबंध में अपनी चिंताओं से अवगत कराया था।