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शीतकाल के लिए बंद हुए बदरीनाथ धाम के कपाट, उमड़ा श्रद्धालुओं का हुजूम

बदरीनाथ धाम के कपाट बुधवार दोपहर बाद 3.45 बजे शीतकाल के लिए बंद कर दिए गए। अब भगवान बदरी विशाल की शीतकालीन पूजा पांडुकेश्वर में होगी। कपाट बंदी उत्सव को यादगार बनाने के लिए बदरीनाथ मंदिर को फूलों से सजाया गया था।

tiwarishalini
Published on: 16 Nov 2016 7:06 PM IST
शीतकाल के लिए बंद हुए बदरीनाथ धाम के कपाट, उमड़ा श्रद्धालुओं का हुजूम
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देहरादून/सहारनपुर: बदरीनाथ धाम के कपाट बुधवार दोपहर बाद 3.45 बजे शीतकाल (6 महीने) के लिए बंद कर दिए गए। कपाट बंदी उत्सव को यादगार बनाने के लिए बदरीनाथ मंदिर को फूलों से सजाया गया था। इसके साथ ही भगवान बदरी विशाल के आभूषण उतारे गए और उनका फूलों से श्रृंगार किया गया। कपाटबंदी से पहले विशेष पूजा अर्चना की गई। कपाटबंद होने से पहले उत्तराखंड के सीएम हरीश रावत ने भी भगवान बदरी विशाल के दर्शन किए। भगवान को 36 व्यंजन और 56 भोग अर्पित किए गए।

उमड़ा श्रद्धालुओं का हुजूम

-कपाट बंदी का साक्षी बनने के लिए बदरीनाथ धाम में हजारों श्रद्धालुओं का हुजूम उमड़ा ।

-मंदिर के कपाट बंदी अवसर को यादगार बनाने के लिए अलकनंदा नदी पर स्थित पुल से बदरीनाथ मंदिर तक फूलों के द्वार बनाए गए।

-मंदिर को भी फूलों से सजाया गया है। इस कार्य में ऋषिकेश के श्रद्धालु दिनभर जुटे रहे।

-ये श्रद्धालु प्रतिवर्ष कपाट बंद होने और खुलने के अवसर पर बदरीनाथ धाम आकर मंदिर को फूलों से सजाते हैं।

-बता दें कि केदारनाथ और यमुनोत्री मंदिरों के पवित्र कपाट भी विधि विधान के साथ सर्दियों के लिए बंद किए जा चुके हैं।



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tiwarishalini

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