Bageshwar Dham News: आखिर कौन हैं 'बाबा' धीरेंद्र शास्त्री? आइए जाने इनके बारे में सब कुछ

Bageshwar Dham Wikipidiya in Hindi: बाबा धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री इन दिनों खासी चर्चा में हैं। कोई उनको ढोंगी और अंधविश्वास फैलाने वाला बाबा कह रहा है तो कोई उनको सिद्ध और अंतर्यामी बाबा घोषित कर रहा है

Neel Mani Lal
Published on: 22 Jan 2023 5:54 AM GMT (Updated on: 22 Jan 2023 6:00 AM GMT)
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पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री (Social Media)

Bageshwar Dham Biography: बागेश्वर धाम सरकार या 'बाबा' धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री इन दिनों खासी चर्चा में हैं। कोई उनको ढोंगी और अंधविश्वास फैलाने वाला बाबा कह रहा है तो कोई उनको सिद्ध और अंतर्यामी बाबा घोषित कर रहा है। सोशल मीडिया प्लेटफार्मों पर इनकी अच्छी खासी फॉलोइंग है। ऐसे में जानना जरूरी है कि अचानक जबर्दस्त चर्चा में आये धीरेंद्र गर्ग या धीरेंद्र शास्त्री आखिर हैं कौन।

पूरा परिवार जुड़ा है मंदिर से

बागेश्वर धाम मंदिर दरअसल मध्य प्रदेश के छतरपुर में गड़ा गंज गांव में स्थित बालाजी हनुमान का मंदिर है। धीरेंद्र शास्त्री इसी मंदिर के महंत हैं। धीरेंद्र कृष्ण का जन्म 4 जुलाई 1996 को हुआ था। उनका जन्म का नाम धीरेंद्र कृष्णा गर्ग है। बाद में उन्होंने अपना नाम धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री कर लिया। उनकी मां का नाम सरोज गर्ग और पिता का नाम करपाल गर्ग है। उनके दादा भगवानदास गर्ग एक संत थे जो हनुमान मंदिर के पास निर्मोही अखाड़े से जुड़े हुए थे।

गरीबी और शिक्षा

कहा जाता है कि धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने अपना बचपन बहुत गरीबी में बिताया था। उनका पूरा परिवार मिट्टी के घर में रहा करता था। धीरेंद्र ने अपनी प्राथमिक शिक्षा गांव के सरकारी स्कूल से पूरी की। बाद में उन्होंने बीए किया। आर्थिक अभाव और धर्म में भक्ति और आस्था के कारण, उन्होंने बीच में ही पढ़ाई छोड़ दी। उनके पिता पुजारी के रूप में अपनी कमाई से परिवार का पालन-पोषण करते थे। धीरेंद्र के छोटे भाई शालिग्राम गर्ग जी महाराज भी बागेश्वर धाम को समर्पित हैं। बताया जाता है कि धीरेंद्र शास्त्री ने 11 साल की उम्र से ही बागेश्वर धाम में पूजा पाठ शुरू कर दी थी। इनकी एक बहन भी हैं।बताया जाता है कि धीरेंद्र शास्त्री की नेट वर्थ करीब 20 करोड़ रुपये है।

दादा आये थे चित्रकूट से

बागेश्वर धाम की वेबसाइट पर उपलब्ध जानकारी के अनुसार, शास्त्री अपने दादा गुरुजी महाराज के उत्तराधिकारी हैं जो एक 'सिद्ध' संत थे। कहा जाता है कि गड़ा गंज गांव में स्थित हनुमान जी का मंदिर सैकड़ों सालों पुराना है। 1986 में इस मंदिर का रेनोवेशन कराया गया था। इसके बाद 1987 के आसपास वहां पर एक साधु का आगमन हुआ जिनको बाबा सेतु लाल जी महाराज के नाम से जाना जाता था। ये चित्रकूट से दीक्षा ले कर आये थे। इनको भगवान दास जी महाराज के नाम से भी जाना जाता था। धीरेंद्र शास्त्री इन्हीं के पौत्र हैं। 1989 में उन्होंने बागेश्वर मंदिर में एक विशाल महायज्ञ का आयोजन किया। 2012 में बागेश्वर धाम में श्रद्धालुओं की समस्याओं के निवारण के लिए दरबार लगना शुरू हुआ और धीरे-धीरे भक्तगण जुड़ने लगे।

क्या है विवाद

बागेश्वर धाम में धीरेंद्र शास्त्री की कथा के दौरान लोगों की समस्याएं सुनने और उसका समाधान करने का दावा किया जाता है। कहा जाता है कि भूत, प्रेत से लेकर बीमारी तक का इलाज बाबा की कथा में होता है। बाबा के समर्थक दावा करते हैं कि धीरेंद्र शास्त्री इंसान को देखते ही उसकी हर तरह की परेशानी जान लेते हैं और उसका समाधान करते हैं। वहीं, बागेश्वर धाम सरकार का कहना है कि वह लोगों की अर्जियां बालाजी हनुमान तक पहुंचाने का जरिया मात्र हैं। जिन्हें भगवान सुनकर समाधान देते हैं। इन्हीं दावों को नगापुर की अंध श्रद्धा निर्मूलन समिति ने चुनौती दी। यहीं से विवाद की शुरुआत हुई। अंधविश्वास का विवाद सामने आने के बाद धीरेंद्र शास्त्री ने सफाई पेश की और कहा कि वह अपने दरबार में किसी को बुलाते नहीं हैं। लोग खुद की मर्जी से आते हैं। वह तो सिर्फ लोगों की अर्जियों को भगवान के सामने रखते हैं।

चमत्कार का बोलबाला

हाल के वर्षों में, धीरेंद्र शास्त्री ने भक्तों के बीच और सोशल मीडिया पर बहुत लोकप्रियता हासिल की है। बागेश्वर धाम में हर मंगलवार और शनिवार को एक दरबार आयोजित किया जाता है, जिसमें धीरेंद्र शास्त्री भगवान हनुमान के भक्तों की समस्याओं को हल करने के लिए अपने चमत्कारों का प्रदर्शन करते हैं। हालाँकि, शास्त्री ने हमेशा दावा किया है कि यह भगवान हनुमान की शक्ति और चमत्कार है जो भक्तों को आशीर्वाद देते हैं और वह केवल एक माध्यम हैं और उनके पास कोई अलौकिक शक्ति नहीं है। धीरेंद्र शास्त्री अक्सर हिंदुओं से दरगाहों और चर्चों में जाने से परहेज करने और सनातन धर्म के प्रति सच्चे रहने का आग्रह करते रहते हैं।

गदा लेकर चलते हैं बाबा

धीरेंद्र शास्त्री हमेशा एक छोटी गदा लेकर चलते हैं। उनका कहना है कि इससे उन्हें हनुमान जी की शक्तियां मिलती रहती हैं। वह हनुमान जी की आराधना करने के लिए लोगों को प्रेरित भी करते हैं।

क्या है दरबार में अर्जी का सिस्टम

बागेश्वर धाम पहुंचने पर, श्रद्धालुओं को रजिस्ट्रेशन करवाना होता है। यहीं से टोकन मिलता है। टोकन मिलने के बाद, श्रद्धालुओं को अपना नाम, स्थान व मोबाइल नंबर देना होता है। रजिस्ट्रेशन करवाने के बाद, फरियादी को बालाजी अर्थात हनुमान जी व महादेव शिव को अर्जी लगानी होती है।

लाल काली पोटली

मंदिर परिसर में हजारों लाल व काले रंग की पोटली यानी अर्जी बंधी दिखती है। फरियादी को भी एक लाल रंग के कपड़े में नारियल लपेट कर मन में अपनी समस्या को दोहराते हुए इस पोटली अर्थात अर्जी को बांधना होता है। लाल और काले रंग की अर्जी में अंतर यह है कि काले रंग की अर्जी सिर्फ भूत-प्रेत बाधा वाले व ऊपरी समस्याओं से ग्रसित व्यक्ति बांधते हैं। जबकि लाल रंग की अर्जी अन्य सभी समस्याओं के लिए बांधी जाती है। अर्जी बांधने की जगह पर ही महादेव और महाबली का मंदिर है। जहां अर्जी लगाने के बाद, फरियादी 21 बार परिक्रमा करते हैं। इस दौरान मन में अपनी मुराद को लगातार दोहराया जाता है।ऐसी मान्यता है कि इस जगह पर धाम की सभी अलौकिक शक्तियां निवास करती हैं। इसी जगह पर 3 संतों की भी समाधियां हैं जो बागेश्वर सरकार के गुरु हैं। इसके बाद पेशियों का सिलसिला शुरू होता है। जहां मुख्य रूप से मंगलवार व शनिवार को पेशी होती है।

सोशल मीडिया पर भारी फॉलोइंग

यूट्यूब पर बागेश्वर धाम सरकार नाम से चैनल है जिसके 36.5 लाख सब्सक्राइबर हैं। इनके चमत्कार वाले वीडियो लाखों में देखे जाते हैं। चमत्कार का वर्णन करते एक वीडियो को तो 99 लाख बार देखा गया है।

इसी तरह इंस्टाग्राम पर बाबा के 1 लाख 39 हजार फॉलोवर हैं। जबकि ये किसी को फॉलो नहीं करते। फेसबुक पर बागेश्वर धाम सरकार एकाउंट के 29 लाख फॉलोवर्स दिखाए गए हैं। ट्विटर पर इनके 44.8 हजार फॉलोवर हैं।

विवादित बयान

- अपने एक कार्यक्रम में धीरेंद्र शास्त्री ने कहा था कि सब हिंदू एक हो जाओ और पत्थर मारने वालों पर बुलडोजर चलवाओ। कुछ दिन बाद हम भी बुलडोजर खरीदने वाले हैं। अभी पैसे नहीं हैं वर्ना हम भी बुलडोजर खरीदेंगे और राम के काज पर, सनातनी महात्माओं पर और संतों पर पत्थर चलाने वालों पर हम बुलडोजर चलाएंगे।

- श्रद्धा मर्डर केस पर धीरेंद्र शास्त्री ने अपने कार्यक्रम में कहा था कि हम चुप नहीं रहेंगे। अपनी बेटियों पर अत्याचार नहीं होने देंगे। भारत अकबर का देश नहीं है। भारत सुभाष चंद्र बोस और चंद्रशेखर आजाद का देश है। भारत संतों-सन्यासियों का देश है। हम सनातन के खिलाफ नहीं सुन सकते।

- एक कार्यक्रम में धीरेंद्र शास्त्री ने कहा था कि कोर्ट ने कहा है कि साईं बाबा, सनातनी नहीं हैं, हिंदू नहीं हैं। साईं बाबा भगवान नहीं हैं। उन्होंने साईं बाबा का नाम लिए बिना कहा कि जब पूजा करने के लिए अपने 33 कोटि देवी-देवता हैं तो फिर किसी चांद मियां को पूजने की क्या जरूरत है।

Jugul Kishor

Jugul Kishor

Content Writer

मीडिया में पांच साल से ज्यादा काम करने का अनुभव। डाइनामाइट न्यूज पोर्टल से शुरुवात, पंजाब केसरी ग्रुप (नवोदय टाइम्स) अखबार में उप संपादक की ज़िम्मेदारी निभाने के बाद, लखनऊ में Newstrack.Com में कंटेंट राइटर के पद पर कार्यरत हूं। भारतीय विद्या भवन दिल्ली से मास कम्युनिकेशन (हिंदी) डिप्लोमा और एमजेएमसी किया है। B.A, Mass communication (Hindi), MJMC.

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