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बड़ी चूकः तो इसलिए मिल गई देशद्रोह की अपराधी को जमानत
कर्नाटक के बेंगलुरु की एक अदालत ने अमूल्या लियोना को जमानत दे दी। फरवरी में एक रैली में अमूल्या ने ‘पाकिस्तान जिंदाबाद' के नारे लगाई थी। इस पर छात्रा अमूल्या लियोना की जमानत याचिका शहर की एक अदालत ने खारिज कर दी है।
बेंगलुरु : कर्नाटक के बेंगलुरु की एक अदालत ने अमूल्या लियोना को जमानत दे दी। फरवरी में एक रैली में अमूल्या ने ‘पाकिस्तान जिंदाबाद' के नारे लगाई थी। इस पर छात्रा अमूल्या लियोना की जमानत याचिका शहर की एक अदालत ने खारिज कर दी है।
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अमूल्या को 'पाकिस्तान जिंदाबाद' का नारे लगाने को लेकर देशद्रोह के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। वहीं, मजिस्ट्रेट अदालत ने राज्य द्वारा निर्धारित समय अवधि के भीतर आरोप पत्र दाखिल करने में विफल रहने पर छात्रा को जमानत दे दी है। बंगलूरू में पुलिस को 20 मई तक चार्जशीट दाखिल करना था, जो उसकी गिरफ्तारी के बाद 90 दिन की अवधि थी, लेकिन पुलिस द्वारा ऐसा करने में असमर्थता को लेकर मजिस्ट्रेट कोर्ट ने उसे 'डिफॉल्ट जमानत' दे दी है। पुलिस की तरफ से अमूल्या के खिलाफ तीन जून को मामला दर्ज किया गया था। एक अन्य अधिवक्ता ने कहा कि प्रारंभ में, सत्र अदालत के समक्ष 30 मई को 167 (2) धारा के तहत एक आवेदन दिया गया था, क्योंकि निचली अदालतों में लॉकडाउन के दौरान सुनवाई नहीं हो रही थी। उन्होंने कहा कि लेकिन मामले की जांच के दौरान मजिस्ट्रेट की अदालत के अधिकार क्षेत्र के भीतर डिफॉल्ट जमानत की प्रक्रिया आने के बाद पिछले सप्ताह आवेदन वापस ले लिया गया था।
बता दें अमूल्या ने बीते साल 20 फरवरी को एंटी-सीएए-एनआरसी रैली में 'पाकिस्तान जिंदाबाद' का नारा लगाया था। इससे पहले बुधवार को अमूल्या की जमानत याचिका बुधवार को खारिज करते हुए 60वें अतिरिक्त नगर दीवानी एवं सत्र न्यायाधीश विद्याधर शिराहट्टी ने कहा कि जांच पूरी नहीं हुई है और जांच अधिकारी ने अभी तक आरोप-पत्र दाखिल नहीं किया है।
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इसका मानना है कि वह पाकिस्तान और भारत सहित सभी देशों के लिए जिंदाबाद का नारा लगाकर सार्वभौमिक मानवता का संदेश देने की कोशिश कर रही थी।