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मोदी सरकार का एक और कदम, लाल बत्ती के बाद अब पूर्व सांसदों के लिए मंत्रालयों के दरवाजे बंद

देश में इस वक्त करीब 2500 पूर्व सांसद हैं। इनमें से करीब 300 ऐसे हैं जो पूर्व सांसद के अलावा पूर्व में केंद्र सरकार में मंत्री भी रह चुके हैं। यानी ऐसे सभी लोग चाहे भले ही वे उस विभाग में मंत्री रहे हों, बिना अनुमति व पास के अपने पूर्व मंत्रालय में प्रवेश नहीं पा सकेंगे।

zafar
Published on: 14 May 2017 3:23 PM IST
मोदी सरकार का एक और कदम, लाल बत्ती के बाद अब पूर्व सांसदों के लिए मंत्रालयों के दरवाजे बंद
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उमाकांत लखेड़ा

नई दिल्ली: देश के पूर्व सांसदों का अब केंद्र सरकार के मंत्रालयों में प्रवेश प्रतिबंधित कर दिया गया है। ऐसे पूर्व सांसद अगर किसी मंत्रालय के अधिकारी या मंत्रियों या उनके स्टाफ तक पहुंचना चाहते हैं तो इसके लिए उन्हें संबंधित अधिकारी तक पहुंचने के लिए अलग से पास बनवाना पड़ेगा।

केंद्र सरकार के सूत्रों का कहना है कि वीवीआईपी कल्चर खत्म करने के साथ ही केंद्र सरकार के संवेदनशील मंत्रालयों के कामकाज में व्यवधान रोकने व पूर्व सांसदों की बढ़ती तादाद पर अंकुश के लिए इस तरह का कदम उठाया गया है।

आगे स्लाइड में पढ़िये कौन कौन होंगे प्रभावित...

गिरी गाज

कई पूर्व सांसदों ने बातचीत में बताया कि शास्त्री भवन व उद्योग भवन स्थित केंद्र सरकार के मंत्रालयों में प्रवेश करते सुरक्षा कर्मियों ने उनसे पास मांगा। पूर्व सांसद का पास देखने पर उन्हें जानकारी दी गई कि किसी भी पूर्व सांसद को स्वागत कक्ष से जारी पास के माध्यम से ही मंत्रालय या सरकारी विभागों में प्रवेश की अनुमति होगी। कई राज्यों से केंद्र सरकार के कार्यालयों में काम के सिलसिले में आने वाले वर्तमान विधायकों पर भी इसी तरह की गाज गिर गई है।

देश में इस वक्त करीब 2500 पूर्व सांसद हैं। इनमें से करीब 300 ऐसे हैं जो पूर्व सांसद के अलावा पूर्व में केंद्र सरकार में मंत्री भी रह चुके हैं। यानी ऐसे सभी लोग चाहे भले ही वे उस विभाग में मंत्री रहे हों, बिना अनुमति व पास के अपने पूर्व मंत्रालय में प्रवेश नहीं पा सकेंगे।

देश में बड़ी तादाद में पूर्व राज्यपाल भी हैं जो पूर्व सांसद रह चुके हैं, वे भी अब इसी श्रेणी में गिने जाएंगे जिन्हें पास बनाने के बाद ही मंत्रालयों में प्रवेश मिलेगा।

आगे स्लाइड में जानिये इससे पहले कब लगी थी पाबंदी...

याद आईं इंदिरा

बतादें कि पूर्व सांसदों पर इस तरह का प्रतिबंध इंदिरा गांधी ने आपातकाल के दौरान लगाया था। तब उन्होंने सरकारी गोपनीयता लीक न होने व सरकारी कार्यालयों के कामकाज में बाधा पड़ने की शिकायतों के नाम पर केंद्र सरकार के कार्यालयों में प्रवेश को प्रतिबंधित किया था।

केंद्र सरकार के मंत्रालयों व विभागों में प्रवेश पर लगी ताजा पाबंदी का कई पूर्व सांसदों ने कड़ा विरोध किया है। पूर्व सांसदों की एसोसिएशन जल्द ही लोकसभा स्पीकर सुमित्रा महाजन व राज्यसभा के सभापति हामिद अंसारी को एक ज्ञापन देकर पूर्व सांसदों पर लगी इस पाबंदी को तत्काल हटाने की मांग करेगी।

आगे स्लाइड में, कैसे विरोध करेंगे पूर्व सांसद...

सांसद करेंगे विरोध

पूर्व सांसदों ने कहा है कि वे गृहमंत्री राजनाथ सिंह से मिलकर विरोध दर्ज करेंगे। इन पूर्व सांसदों का कहना है कि आम जनता की कई जायज शिकायतों को लेकर उन्हें समय-समय पर मंत्रालयों में अधिकारियों व मंत्रियों से मिलना पड़ता है। इस तरह पास बनाने की अनिवार्यता पूर्व सांसद के नाते उनकी अवमानना है तथा इससे उनकी प्रतिष्ठा को चोट पहुंचती है।

बतादें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इससे पहले गुजरात सचिवालय में इस तरह का नियम बनवाया था जिसके तहत सचिवालय में विधायकों व पत्रकारों के प्रवेश पर पाबंदी लगाई गई थी। यदि उन्हें किसी अधिकारी से मिलना जरूरी होता था तो अधिकारी को नीचे स्वागत कक्ष के हॉल में उनसे मिलने आना पड़ता था।



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