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Jama Masjid: शाही इमाम बुखारी ने लिया यू-टर्न, LG के अनुरोध पर रद्द हुआ लड़कियों की एंट्री बैन का फैसला

Jama Masjid : दिल्ली की ऐतिहासिक जामा मस्जिद में लड़कियों के प्रवेश पर लगाई गई पाबंदी को हटा ली गई है। विवाद बढ़ने और एलजी के प्रयास के बाद ये प्रतिबंध हटा लिया गया है।

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Written By aman
Published on: 24 Nov 2022 2:11 PM GMT (Updated on: 24 Nov 2022 2:31 PM GMT)
ban on entry of girls in delhi jama masjid lifted lg vk saxena talked to shahi imam bukhari
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Jama Masjid (Social Media)

Jama Masjid : दिल्ली की ऐतिहासिक जामा मस्जिद (Delhi Jama Masjid) में लड़कियों के प्रवेश पर लगाई गई पाबंदी को हटा लिया गया है। राजनिवास सूत्रों के अनुसार, दिल्ली के लेफ्टिनेंट गवर्नर वीके सक्सेना (LG VK Saxena) ने जामा मस्जिद के शाही इमाम बुखारी (Syed Ahmed Bukhari) से बात की और जामा मस्जिद में महिलाओं के प्रवेश पर प्रतिबंध (Jama Masjid Girls Entry Ban) लगाने वाले आदेश को रद्द करने का अनुरोध किया। बताया जा रहा है, इमाम बुखारी ने आदेश को रद्द करने पर सहमति जताई। गौरतलब है कि, इस मसले पर काफी विवाद बढ़ चला था।

हालांकि, शाही इमाम बुखारी का कहना है कि मस्जिद की मर्यादा भंग करने की इजाजत किसी को नहीं होगी। कोई लड़की अगर हाथ में फूल लेकर मस्जिद में प्रवेश करती तो उससे सवाल जरूर पूछे जाएंगे। ज्ञात हो कि, इससे पहले दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष स्वाति मालीवाल (Delhi Commission for Women Swati Maliwal) ने इस फैसले पर विरोध जताया था। उन्होंने ट्वीट कर अपनी बात राखी थी। स्वाति मालीवाल ने कहा था, 'इबादत का जितना हक एक पुरुष को है उतना ही एक महिला को भी है। इसलिए मैं जामा मस्जिद के इमाम को नोटिस जारी कर रही हूं। इस तरह महिलाओं की एंट्री बैन करने का अधिकार किसी को नहीं है।'

जामा मस्जिद के PRO ने दी थी सफाई

विवाद बढ़ता देख जामा मस्जिद के पीआरओ सबीउल्लाह खान (Sabiullah Khan, PRO of Jama Masjid) ने सफाई देते हुए कहा, 'अकेली लड़कियों के प्रवेश पर रोक लगाई गई है। यह एक धार्मिक स्थान है। इसे देखते हुए फैसला लिया गया है। इबादत करने वालों के लिए कोई रोक नहीं है।'

क्या है मामला?

गौरतलब है कि, दिल्ली की ऐतिहासिक जामा मस्जिद (Delhi Jama Masjid) ने लड़कियों की एंट्री बैन कर दी गई है। मस्जिद के तीनों प्रवेश द्वार पर एक नोटिस बोर्ड लगा दिया गया है। जिस पर लिखा है, 'जामा मस्जिद में लड़की या लड़कियों का अकेले दाखला मना है।' कहने का मतलब, ये कि लड़की या लड़कियों के साथ अगर अगर कोई पुरुष अभिभावक नहीं है तो उन्हें मस्जिद में प्रवेश नहीं मिलेगी। माना जा रहा है कि मस्जिद परिसर में अश्लीलता रोकने के लिए ये कदम उठाया गया है। इसे लेकर विवाद होता दिख रहा है। दिल्ली महिला आयोग (Delhi Commission for Women ) की अध्यक्ष स्वाति मालीवाल ने इसकी आलोचना की। मालीवाल ने इस संबंध में इमाम को नोटिस जारी करने की बात कही है।

क्या कहा था शाही इमाम ने?

जामा मस्जिद (Jama Masjid) के शाही इमाम सैयद अहमद बुखारी (Syed Ahmed Bukhari) ने साफ तौर पर कहा कि, 'नमाज पढ़ने के लिए आने वाली महिलाओं को नहीं रोका जाएगा।' उन्होंने स्पष्ट किया कि ऐसी शिकायतें आ रही थीं कि लड़कियां अपने प्रेमी के साथ मस्जिद में आती हैं। इसलिए ऐसी लड़कियों के प्रवेश पर रोक लगाई गई है। शाही इमाम आगे कहते हैं, अगर कोई महिला जामा मस्जिद आना चाहती है, तो उसे अपने परिवार या पति के साथ आना होगा।'

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अमन कुमार - बिहार से हूं। दिल्ली में पत्रकारिता की पढ़ाई और आकशवाणी से शुरू हुआ सफर जारी है। राजनीति, अर्थव्यवस्था और कोर्ट की ख़बरों में बेहद रुचि। दिल्ली के रास्ते लखनऊ में कदम आज भी बढ़ रहे। बिहार, यूपी, दिल्ली, हरियाणा सहित कई राज्यों के लिए डेस्क का अनुभव। प्रिंट, रेडियो, इलेक्ट्रॉनिक और डिजिटल मीडिया चारों प्लेटफॉर्म पर काम। फिल्म और फीचर लेखन के साथ फोटोग्राफी का शौक।

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