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Atul Subhash: पत्नी ने कहा था-सब मरते हैं तो तुम क्यों नहीं मर जाते? अतुल की सुसाइड नोट में हैं कई राज
Atul Subhash: अतुल ने 24 पन्नों के सुसाइड नोट में कई जिक्र किए हैं। जिसमें उसने शादी के बाद जारी तनाव, उसके खिलाफ दर्ज कई मामलों, उसकी पत्नी, रिश्तेदार और एक न्यायाधीश की ओर से प्रताड़ित किए जाने का जिक्र किया है।
Atul Subhash: आईटी पेशेवर अतुल सुभाष ने मौत से पहले जो सुसाइड नोट लिखा और डेढ़ घंटे का वीडिया बनाया है। उससे न्याय व्यवस्था पर भी सवाल खड़े होने लगे हैं। आत्महत्या को अंतिम विकल्प चुनने वाले अतुल ने जान देने से पहले करीब डेढ़ घंटे का वीडियो व 24 पन्ने का जो सुसाइड नोट छोड़ा है वह काफी कुछ कहता है। 34 वर्षीय आईटी पेशेवर अतुल सुभाष ने सुसाइड नोट में शादीशुदा जिंदगी के सामाजिक तानेबाने की खामियां, जीवनसाथी के लालच और षड्यंत्र की पूरी दास्तां के साथ ही कानूनी महकमे में व्याप्त भ्रष्टाचार के पोल को खोल कर रख दिया है। सुसाइड नोट और वीडियो संदेश कुछ मित्रों व वैवाहिक मामलों से त्रस्त पुरुषों की मदद करने वाली एक एनजीओ से साझा करते हुए अतुल ने सुसाइड कर ली।
इस मामले में अतुल के भाई विकास कुमार की शिकायत पर मराठाहल्ली पुलिस ने अतुल की पत्नी निकिता सिंघानिया समेत चार लोगों के खिलाफ बीएनएस की धारा 108 और 3(5) के तहत एफआईआर दर्ज कर ली है। ये एफआईआर निकिता सिंघानिया, उनकी मां निशा सिंघानिया, भाई अनुराग सिंघानिया और चाचा सुशील सिंघानिया के खिलाफ दर्ज की गई है।
बंगलूरू पुलिस को अतुल की आत्महत्या की खबर एनजीओ से मिली। सूचना पर मंजूनाथ लेआउट स्थित फ्लैट पर पहुंची पुलिस ने देखा की वहां पर अतुल का शव पंखे से लटका हुआ था और जिनके सीने पर गोंद से चस्पा पन्नों में लिखा था न्याय अभी बाकी है। इस दौरान पुलिस मौके पर 24 पन्ने का एक सुसाइड नोट मिला, जिनमें चार पन्ने हाथ से और 20 कंप्यूटर से प्रिंट किए गए थे। अतुल ने 24 पन्नों के सुसाइड नोट में अपने भावनात्मक संकट, पत्नी की प्रताड़ना और न्यायपालिका से मिली निराशा के बारे में लिखा है। सुसाइड नोट के मुताबिक, मूल तौर पर बिहार के समस्तीपुर के रहने वाले अतुल सुभाष बंगलूरू में एक निजी कंपनी में शीर्ष पद पर कार्यरत थे। अतुल की 2019 में जौनपुर की निकिता सिंघानिया से शादी हुई और एक साल बाद ही एक बेटा हो गया।
मामला निपटाने को मांगे 5 लाख... मेरा फैसला बाकी है
अतुल ने सुसाइड नोट में लिखा कि उनके खिलाफ नौ मामलों में छह के मुकदमे ट्रायल कोर्ट और तीन हाईकोर्ट में थे। दो साल में कोर्ट की 120 तारीखें लगीं, जिससे पूरी तरह टूट गया। जौनपुर अदालत की जज और उनके स्टाफ ने मामला निपटाने के लिए पांच लाख रुपये की रिश्वत भी मांगी। अतुल ने लिखा, इस सिस्टम ने मुझे न्याय नहीं दिया, मेरा फैसला बाकी है।
पत्नी ने दर्ज करा दिए थे 9 मामले
अतुल ने अपने सुसाइड नोट में जो लिखा है उसमें उन्होंने कहा है कि पत्नी निकिता एक आईटी कंपनी में नौकरी करती है। 2021 में पत्नी बेटे को लेकर मायके जौनपुर आ गई और अतुल व उसके परिवार पर दहेज उत्पीड़न, हत्या की कोशिश, अप्राकृतिक यौन संबंध बनाने के लिए मजबूर करने समेत 9 अलग-अलग मामले दर्ज करा दिए। 40 हजार रुपये महीना के गुजारा भत्ता के अलावा दो-चार लाख रुपये की और मांग की। कर्नाटक पुलिस ने अतुल के भाई की शिकायत पर पत्नी निकिता सिंघानिया, सास निशा सिंघानिया और साले अनुराग उर्फ पीयूष सिंघानिया, चचेरा ससुर सुशील सिंघानिया के खिलाफ बीएनएस की विभिन्न धाराओं में मामला दर्ज किया है।
सब मरते हैं तो तुम क्यों नहीं मर जाते?
अतुल ने सुसाइड नोट में जौनपुर की परिवार अदालत की एक सुनवाई का जिक्र करते हुए कहा कि उन्होंने जज के समक्ष जब बताया कि उनकी पत्नी ने झूठे मामले दर्ज किए हैं, तो जज ने कहा, तो क्या हुआ? वह आपकी पत्नी है और यह आम बात है। अतुल ने कहा कि झूठे मामलों के कारण कई लोग मर जाते हैं, तो निकिता ने कहा कि आप भी ऐसा क्यों नहीं करते? इस पर जज ने जोर से ठहाका लगाया। अतुल ने लिखा, पत्नी ने ही मुझे सही रास्ता दिखाया। मर जाना ही इन सब का अंत है। अतुल ने बताया कि उनकी पत्नी ने शुरू में 1 करोड़ रुपये की मांग की, बाद में मांग बढ़ाकर 3 करोड़ रुपये कर दी।