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Indian Medical Students: मेडिकल की पढ़ाई का पसंदीदा डेस्टिनेशन बना बांग्लादेश, भारत के हजारों छात्र कर रहे पढ़ाई
Indian Medical Students: आसानी से एडमिशन और सस्ते में पढ़ाई। इन्हीं वजहों से बंगलादेश खासकर पश्चिम बंगाल के छात्रों के लिए मेडिकल की पढ़ाई का सबसे पसंदीदा ठिकाना बनता जा रहा है।
Indian Medical Students: बांग्लादेश में हाल ही में आए संकट और वहां से भारतीय छात्रों की वापसी ने इस देश को एक नई रोशनी में पेश किया है। सिर्फ 53 सार्वजनिक विश्वविद्यालयों, 107 निजी विश्वविद्यालयों और 3 अंतर्राष्ट्रीय विश्वविद्यालयों के साथ, बांग्लादेश भारतीय छात्रों के लिए एक स्टडी डेस्टिनेशन बन गया है। वर्तमान में, बांग्लादेश में विभिन्न शैक्षणिक कार्यक्रमों में 8,000 से अधिक छात्र नामांकित हैं, लेकिन उनकी पहली पसंद मेडिकल पढ़ाई है। दरअसल, बांग्लादेश में आरक्षण के खिलाफ प्रदर्शन और हिंसा के बाद वहां मेडिकल की पढ़ाई करने वाले भारतीय छात्रों की वापसी ने रूस-युक्रेन युद्ध के दौर की यादें ताजा कर दी हैं। बहुत से लोगों को अब पता चला होगा कि डॉक्टर बनने के ख्वाब देखने वाले बहुत से भारतीय छात्रों का एक पसंदीदा डेस्टिनेशन बांग्लादेश भी है और वहां बड़ी संख्या में भारतीय छात्र मेडिकल की पढ़ाई कर रहे हैं।
क्या है वजह?
युक्रेन या सेन्ट्रल एशिया में जा कर मेडिकल की पढ़ाई करने जो वजहें हैं वही वजह बांग्लादेश में भी है। आसानी से एडमिशन और सस्ते में पढ़ाई। इन्हीं वजहों से बंगलादेश खासकर पश्चिम बंगाल के छात्रों के लिए मेडिकल की पढ़ाई का सबसे पसंदीदा ठिकाना बनता जा रहा है। बांग्लादेश में कम खर्च के अलावा रहन-सहन, बोली और खान-पान की समानताओं ने भी इसमें काफी अहम भूमिका निभाई है। रूस-युक्रेन युद्ध के बाद पश्चिम बंगाल से पढ़ाई के लिए बांग्लादेश जाने वाले छात्रों की तादाद बढ़ी है। एक अनुमान है कि हर साल बंगाल से तीन हजार से ज्यादा छात्र बांग्लादेश के सरकारी और निजी मेडिकल कालेजों में दाखिला ले रहे हैं।
विदेशों में छात्रों के दाखिले में मदद करने वाली एक एजेंसी के अनुसार, भारत में निजी मेडिकल कालेजों में पढ़ाई का न्यूनतम खर्च 50 से 60 लाख के बीच होता है, कई कॉलेजों में तो यह खर्च एक करोड़ से भी ज्यादा का पड़ता है। लेकिन बांग्लादेश के मेडिकल कॉलेजों में यह खर्च लगभग आधा है। वहां सरकारी मेडिकल कॉलेजों में पांच हजार से ज्यादा सीटें हैं। शिक्षा का स्तर भी अच्छा माना जाता है। बांग्लादेश के 37 सरकारी मेडिकल कॉलेजों में करीब 4350 सीटें हैं जबकि 72 निजी कॉलेजों में सीटों की तादाद 6,489 है।
इसके अलावा बंगाल से बांग्लादेश स्थित कॉलेज तक आने-जाने का खर्च भी दूसरे देशों के मुकाबले काफी कम है। फ्लाइट के अलावा ट्रेन और बस सेवा उपलब्ध रहती है सो कॉलेज की छुट्टियों के दौरान तमाम छात्र बेहद कम खर्च और समय में घर लौट सकते हैं। फिलहाल बांग्लादेश में मेडिकल की पढ़ाई करने वाले करीब 8,500 छात्रों में से पांच हजार से ज्यादा बंगाल के ही हैं। सार्क देशों के लिए आरक्षण के तहत बांग्लादेश के सरकारी मेडिकल कॉलेजों में कुछ सीटें भारतीय छात्रों के लिए आरक्षित हैं।
दाखिले की आसान प्रक्रिया
छात्रों के अनुसार, बांग्लादेश में पढ़ाई का स्तर काफी बेहतर है। बांग्लादेश के कॉलेजों में दाखिले की प्रक्रिया काफी आसान है। वहां दाखिले के लिए आपको किसी एजेंट या सलाहकार की जरूरत नहीं पड़ती। सीधे कॉलेज को संबंधित कागजात भेज कर दाखिला ले सकते हैं। दाखिले के लिए एक ही शर्त है कि अभ्यर्थी को नीट की परीक्षा पास करनी होगी। छात्रों ने बताया कि बांग्लादेश के मेडिकल कॉलेज भारतीय चिकित्सा परिषद और विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा मान्यता प्राप्त हैं। छात्रों के अनुसार, यहाँ की मेडिकल शिक्षा की गुणवत्ता सराहनीय है और यह भारतीय सरकार के दिशा-निर्देशों से मेल खाती है। ढाका नेशनल मेडिकल कॉलेज की एक मजबूत प्रतिष्ठा है। इसके अलावा, बांग्लादेश में शिक्षा और रहने का खर्च अन्य देशों की तुलना में तुलनात्मक रूप से कम है।
बांग्लादेश में किफ़ायती अध्ययन
बांग्लादेश में, सरकारी मेडिकल कॉलेजों के लिए एमबीबीएस प्रोग्राम की लागत 20 लाख रुपये से 25 लाख रुपये के बीच और निजी मेडिकल कॉलेजों के लिए 30 लाख रुपये से 50 लाख रुपये के बीच होती है। एक छात्र के अनुसार, एडमिशन पाने के लिए कुल खर्चों में आवेदन शुल्क, यात्रा लागत, प्रारंभिक आवास और बसने का खर्च शामिल था। कुल मिलाकर, मैंने अपना प्रवेश सुरक्षित करने और बांग्लादेश में बसने के लिए लगभग 25,00,000 रुपये खर्च किए। बांग्लादेश में प्रवेश प्रक्रिया अपेक्षाकृत सीधी और आसान है। छात्र बताते हैं कि बांग्लादेश में विश्वविद्यालय सीधे प्रवेश स्वीकार करते हैं, जिसके बारे में बहुत से लोग नहीं जानते। इससे दलालों या एजेंटों से बचकर काफी पैसे बचाए जा सकते हैं। मेडिकल अध्ययन के लिए एक गंतव्य के रूप में बांग्लादेश में बढ़ती रुचि वैश्विक शिक्षा मानचित्र पर इसकी स्थिति को रेखांकित करती है। छात्रों द्वारा साझा किए गए अनुभवों से पता चलता है कि बांग्लादेश न केवल एक विकल्प है, बल्कि अपनी गुणवत्तापूर्ण शिक्षा, सस्ती लागत और सहायक वातावरण के कारण कई महत्वाकांक्षी डॉक्टरों के लिए एक पसंदीदा विकल्प है।