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बांग्लादेश में जारी है बवाल, 1971 में पाकिस्तान के सरेंडर से जुड़ी मूर्तियां तोड़ीं, थरूर ने जताई हालात पर चिंता

Bangladesh News: 1971 के शहीद मेमोरियल स्थल पर मौजूद पाकिस्तान के सरेंडर से जुड़ी मूर्तियों को तोड़े जाने का खुलासा हुआ है।

Anshuman Tiwari
Written By Anshuman Tiwari
Published on: 12 Aug 2024 12:13 PM IST (Updated on: 12 Aug 2024 12:23 PM IST)
shashi tharoor
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Shashi Tharoor  (photo: social media )

Bangladesh News: बांग्लादेश में सत्ता परिवर्तन के बावजूद माहौल सुधारने का नाम नहीं ले रहा है। प्रधानमंत्री पद से शेख हसीना के इस्तीफे के बावजूद अभी तक हालात सामान्य नहीं हुए हैं। देश में अराजकता फैलने के बाद अभी तक सैकड़ों लोगों की मौत हो चुकी है और तमाम प्रतिमाओं व राष्ट्रीय स्मारकों को निशाना बनाया जा चुका है।

अब 1971 के शहीद मेमोरियल स्थल पर मौजूद पाकिस्तान के सरेंडर से जुड़ी मूर्तियों को तोड़े जाने का खुलासा हुआ है। कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने इसकी तस्वीर शेयर करने के साथ ही इस तरह की घटनाओं पर चिंता जताई है। उन्होंने अंतरिम सरकार से मांग की है कि देश में कानून का राज स्थापित किया जाना चाहिए।

पाक के सरेंडर से जुड़ी प्रतिमा तोड़ी

बांग्लादेश में हिंसा का माहौल शुरू होने के बाद कई मूर्तियों को निशाना बनाया जा चुका है। उपद्रवियों ने शेख हसीना के इस्तीफे के बाद बंग बंधु शेख मुजीबुर रहमान की प्रतिमा भी क्षतिग्रस्त कर दी थी। उनसे जुड़े हुए स्मारक को भी आग के हवाले कर दिया गया था। अब 1971 के युद्ध में पाकिस्तान के सरेंडर को दिखाने वाली प्रतिमा को निशाना बनाया गया है।

कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने कहा कि भारत विरोधी उपद्रवियों ने इस प्रतिमा को तोड़ा है। उन्होंने इस बाबत पोस्ट में लिखा कि मुजीब नगर में 1971 के शहीद मेमोरियल कॉम्प्लेक्स में भारत विरोधी उपद्रवियों ने प्रतिमाओं को पूरी तरह तबाह कर दिया है। इन प्रतिमाओं को इस तरह देखना बेहद दुखद है।

उन्होंने कहा कि इससे पहले भी भारतीय संस्कृति केंद्र, मंदिरों और हिंदुओं के घरों पर हमले हुए हैं। यह सबकुछ ऐसे समय पर हो रहा है जब खबरें आ रहे हैं कि कुछ मुस्लिम नागरिक अल्पसंख्यकों के घरों और पूजा स्थलों की रक्षा कर रहे हैं।

अराजकता माफ करने लायक नहीं

कांग्रेस सांसद ने कहा कि कुछ आंदोलनकारियों का एजेंडा बिल्कुल साफ है। मोहम्मद यूनुस और उनकी अंतरिम सरकार को हर धर्म से जुड़े सभी बांग्लादेशियों की सुरक्षा के लिए कानून और व्यवस्था को बहाल करना चाहिए। इसके लिए जरूरी कदम उठाए जाने चाहिए। उन्होंने कहा कि इस स्थल-पुथल के दौर में भारत बांग्लादेश के साथ खड़ा है मगर इस तरह की अराजकता के लिए कोई माफी नहीं हो सकती।


93,000 सैनिकों के साथ किया था सरेंडर

बांग्लादेश की आजादी के लिए 1971 में जंग लड़ी गई थी। इस युद्ध के दौरान पाकिस्तान को करारी हार का सामना करना पड़ा था। पाकिस्तान ने भारतीय फौज के सामने सरेंडर कर दिया था। बांग्लादेश में लगी यह प्रतिमा पाकिस्तान के सरेंडर की याद दिलाती थी। इस प्रतिमा में पाकिस्तानी सेना के मेजर जनरल अमीर अब्दुल्ला खान नियाजी को भारतीय सेना और बांग्लादेश की मुक्ति वाहिनी को 'समर्पण पत्र' पर हस्ताक्षर करते हुए दर्शाया गया था।

मेजर जनरल नियाजी ने अपने 93,000 सैनिकों के साथ भारत के पूर्वी कमान के तत्कालीन जनरल ऑफिसर कमांडिंग-इन-चीफ लेफ्टिनेंट जनरल जगजीत सिंह अरोड़ा के सामने आत्मसमर्पण किया था। द्वितीय विश्व युद्ध के बाद यह सबसे बड़ा सैन्य आत्मसमर्पण था। अब उपद्रवी तत्वों ने इस प्रतिमा को भी निशाना बनाया है।

बांग्लादेश में हिंदुओं पर भी लगातार हमले किए जा रहे हैं। कट्टरपंथियों के हमले से भयभीत काफी संख्या में हिंदू बॉर्डर पर डेरा डाले हुए हैं और भारत सरकार से शरण देने की मांग कर रहे हैं।





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Monika

Monika

Content Writer

पत्रकारिता के क्षेत्र में मुझे 4 सालों का अनुभव हैं. जिसमें मैंने मनोरंजन, लाइफस्टाइल से लेकर नेशनल और इंटरनेशनल ख़बरें लिखी. साथ ही साथ वायस ओवर का भी काम किया. मैंने बीए जर्नलिज्म के बाद MJMC किया है

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