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देशभर में बैंककर्मियों की हड़ताल से बैंकों में कामकाज प्रभावित
नई दिल्ली: बैंकों की देशव्यापी बैंक हड़ताल में महाराष्ट्र के 150,000 से अधिक बैंक कर्मचारी भी शामिल हैं। इससे मुंबई में बैंकिंग कामकाज बाधित हो गया है। बैंक अधिकारी विभिन्न लंबित मांगों को लेकर हड़ताल पर हैं।
अखिल भारतीय बैंक कर्मचारी संग (एआईबीईए) के नेता विश्वास उतागी ने कहा कि हड़ताल से 31 सार्वजनिक बैंकों की 42,000 शाखाएं प्रभावित हुई हैं। इसमें भारतीय स्टेट बैंक और आईडीबीआई बैंक, 18 पुराने बैंक, आठ विदेशी बैंक और 56 क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक शामिल हैं।
उतागी ने बताया, "हड़ताल की वजह से चेक क्लीयरिंग कामकाज, वित्तीय लेनदेन और अन्य दैनिक बैंकिंग कार्यप्रणालियां बाधित हो गई हैं। कई एटीएम, जो कामकाज कर रहे हैं, उनमें दोपहर तक नकदी खत्म हो जाएगी।"
उन्होंने कहा कि इस एकदिवसीय हड़ताल में देशभर की 125,000 बैंक शाखाओं के 10 लाख से अधिक बैंक कर्मचारी शामिल हैं।
हिमाचल : हड़ताल के कारण बैंकों में कामकाज ठप
बैंकिंग क्षेत्र में प्रस्तावित सुधारों के खिलाफ विरोध दर्ज करने के लिए देशभर में दिनभर की हड़ताल में समर्थन देते हुए मंगलवार को हिमाचल प्रदेश के लगभग सभी शहरों में बैंककर्मी हड़ताल में शामिल हैं, जिसके चलते राष्ट्रीयकृत बैंक बंद हैं।
पुलिस ने कहा कि हालांकि हड़ताल शांतिपूर्ण है और कहीं भी यातायात में व्यवधान पैदा करने या हड़ताल के कारण हिंसा की कोई सूचना नहीं है।
संघ नेता प्रेम वर्मा ने शिमला में कहा, "पूरे राज्य में बैंक बंद हैं।"
राजधानी शिमला और सोलन जिले में बद्दी बरोतिवाला नालागढ़ औद्योगिक क्षेत्र में हड़ताल का ज्यादा असर नजर आया।
सोलन, धर्मशाला, कांगड़ा, पालमपुर, मंडी, रामपुर, कुल्लू, मनाली, उना और हमीरपुर शहरों में भी पूर्ण बंद रहा।
तमिलनाडु : बैंककर्मियों की हड़ताल से बैंकों में कामकाज प्रभावित
अपनी मांगों को लेकर करीब 55,000 बैंककर्मियों की हड़ताल के कारण मंगलवार को तमिलनाडु के बैंकों में कामकाज प्रभावित हो रहा है। अखिल भारतीय बैंक कर्मचारी संगठन के महाप्रबंधक सी.एच. वेंकटचलम ने कहा, "यह सुबह से शाम तक की हड़ताल है, क्योंकि बैंकों में चेक क्लीयरिंग का काम सुबह छह बजे शुरू हो जाता है। 10,300 शाखाओं के कर्मचारियों ने बैंकिंग क्षेत्र के प्रति नीतियों के विरोध में हड़ताल कर दी है।"
वेंकटचलम ने कहा कि इस बीच करीब 7,300 करोड़ रुपये मूल्य के करीब 12 लाख वित्तीय साधन क्लीयर नहीं होंगे।
बैंक शाखाओं के बंद होने के कारण एटीएम मशीनें भी सामान्य समय से पहले खाली हो सकती हैं।
हड़ताल के कारण सरकारी निधि का लेनदेन, विदेशी मुद्रा लेनदेन, ऋण मंजूरी और अन्य कामकाज भी प्रभावित होगा।
सामान्य तौर पर दक्षिण, पश्चिम और उत्तर (चेन्नई, मुंबई और दिल्ली) से संचालित तीन क्लीयरिंग ग्रिड्स से हर रोज करीब 20,000 करोड़ रुपये मूल्य के औसतन 40 लाख चेक और वित्तीय साधनों का लेनदेन होता है।
एआईबीईए ने मंगलवार को जारी एक बयान में कहा कि 17 सूत्री मांगों में प्रमुख मांग सार्वजनिक क्षेत्रों के बैंकों को पर्याप्त पूंजी देने से इनकार किए जाने से संबंधित है, जिससे निजीकरण की स्थिति पैदा होगी।
एआईबीईए ने कहा, "बैंकों के निजीकरण का अर्थ है कि हमारे बैंकों में मौजूद आम जनता के 80 लाख करोड़ रुपयों का निजीकरण हो जाएगा।"
संगठन ने कहा, "यह देश और जनता के लिए जोखिमभरा है। बैंकों के निजीकरण से कृषि, ग्रामीण विकास, शिक्षा जैसे प्राथमिकता वाले क्षेत्रों को ऋण नहीं मिल पाएगा।"