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Jama Masjid: जामा मस्जिद में महिलाओं की एंट्री बैन पर बोले शाही इमाम- 'लड़कियां अकेले आ रहीं, दोस्तों का इंतजार..'

Jama Masjid: दिल्ली की ऐतिहासिक जामा मस्जिद द्वारा लड़कियों के प्रवेश पर रोक लगाने के बाद दिल्ली महिला आयोग ने संज्ञान लिया है। स्वाति मालीवाल ने के इमाम को नोटिस जारी किया है।

aman
Written By aman
Published on: 24 Nov 2022 6:17 PM IST (Updated on: 24 Nov 2022 8:01 PM IST)
banning entry of women in jama masjid is wrong dsw swati maliwal issuing notice to imam
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जामा मस्जिद (Social Media)

Jama Masjid : दिल्ली की ऐतिहासिक जामा मस्जिद (Delhi Jama Masjid) द्वारा लड़कियों के प्रवेश पर रोक लगाने के बाद दिल्ली महिला आयोग ने संज्ञान लिया है। दिल्ली महिला आयोग (Delhi Commission for Women) की अध्यक्ष स्वाति मालीवाल (Swati Maliwal) ने दिल्ली जामा मस्जिद के इमाम को नोटिस जारी किया है। स्वाति मालीवाल ने कहा, 'जामा मस्जिद में महिलाओं की एंट्री बैन करना गलत जय। मैं इमाम को नोटिस जारी कर रही हूं।' इस पूरे विवाद पर जामा मस्जिद शाही इमाम सैयद अहमद बुखारी और जनसंपर्क अधिकारी (PRO) सबीउल्लाह खान का बयान आया है।

जामा मस्जिद के PRO ने क्या कहा?

जामा मस्जिद शाही इमाम सैयद अहमद बुखारी ने कहा, इस पूरे विवाद पर कहा, 'ऐसी कोई भी जगह, चाहे मस्जिद हो, मंदिर हो या गुरद्वारा। ये इबादत की जगह हैं। इस काम के लिए आने पर कोई पाबंदी नहीं है। आज ही करीब 20 से 25 लड़कियां आई, उन्हें दाखिल होने की इजाजत दी गई। उन्होंने कहा, लड़कियां यहां आती हैं और दोस्तों का इंतजार करती हैं।' इससे पहले जामा मस्जिद के जनसंपर्क अधिकारी (PRO) सबीउल्लाह खान ने कहा, कि 'परिवार के साथ आने पर लड़की या महिलाओं के प्रवेश पर रोक नहीं लगाई गई है। मगर, अकेले लड़कियों के आने पर रोक है। इसकी वजह पूछे जाने पर उन्होंने कहा, मस्जिद में वीडियो बनाना सहित कुछ ऐसे कृत्य होते रहे, जो पूरी तरह अनुचित है। उसके मद्देनजर यह फैसला किया गया।'

क्या है मामला?

गौरतलब है कि, दिल्ली की ऐतिहासिक जामा मस्जिद (Delhi Jama Masjid) ने लड़कियों की एंट्री बैन कर दी गई है। मस्जिद के तीनों प्रवेश द्वार पर एक नोटिस बोर्ड लगा दिया गया है। जिस पर लिखा है, 'जामा मस्जिद में लड़की या लड़कियों का अकेले दाखला मना है।' कहने का मतलब, ये कि लड़की या लड़कियों के साथ अगर अगर कोई पुरुष अभिभावक नहीं है तो उन्हें मस्जिद में प्रवेश नहीं मिलेगी। माना जा रहा है कि मस्जिद परिसर में अश्लीलता रोकने के लिए ये कदम उठाया गया है। इसे लेकर विवाद होता दिख रहा है। दिल्ली महिला आयोग (Delhi Commission for Women ) की अध्यक्ष स्वाति मालीवाल ने इसकी आलोचना की। मालीवाल ने इस संबंध में इमाम को नोटिस जारी करने की बात कही है।

क्या कहना है शाही इमाम का?

जामा मस्जिद (Jama Masjid) के शाही इमाम सैयद अहमद बुखारी (Syed Ahmed Bukhari) ने साफ तौर पर कहा कि, 'नमाज पढ़ने के लिए आने वाली महिलाओं को नहीं रोका जाएगा।' उन्होंने स्पष्ट किया कि ऐसी शिकायतें आ रही थीं कि लड़कियां अपने प्रेमी के साथ मस्जिद में आती हैं। इसलिए ऐसी लड़कियों के प्रवेश पर रोक लगाई गई है। शाही इमाम आगे कहते हैं, अगर कोई महिला जामा मस्जिद आना चाहती है, तो उसे अपने परिवार या पति के साथ आना होगा।'

'महिलाओं के मस्जिद में प्रवेश को नहीं रोकता इस्लाम'

आपको बता दें कि, ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (AIMPLB) ने जनवरी 2020 में सुप्रीम कोर्ट में कहा था, कि 'इस्लाम न तो मस्जिद में महिलाओं को आने से रोकता है और न ही नमाज पढ़ने से।' हालांकि, AIMPLB ने साथ ही ये भी कहा था कि इस्लाम में महिलाओं का जुमे की नमाज में शामिल होना जरूरी नहीं है। बोर्ड मस्जिदों पर कोई नियम नहीं थोप सकता।'

मस्जिद में कब नहीं जा सकती महिलाएं

कुछ वर्ष पूर्व भी मस्जिदों में महिलाओं के प्रवेश का मुद्दा सुर्ख़ियों में रहा था। तब सुन्नियों के जाने-माने धर्मगुरु मौलाना खालिद रशीद फरंगी महली (Maulana Khalid Rashid Firangi Mahli) ने कहा था, 'इस्लाम मस्जिद में महिलाओं के नमाज पढ़ने की इजाजत देता है। बड़ी संख्या में मुस्लिम महिलाएं मस्जिदों में नमाज पढ़ती हैं। मगर, उन्होंने ये भी जोड़ा कि माहवारी के समय महिलाएं मस्जिद नहीं आ सकतीं।'



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aman

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Content Writer

अमन कुमार - बिहार से हूं। दिल्ली में पत्रकारिता की पढ़ाई और आकशवाणी से शुरू हुआ सफर जारी है। राजनीति, अर्थव्यवस्था और कोर्ट की ख़बरों में बेहद रुचि। दिल्ली के रास्ते लखनऊ में कदम आज भी बढ़ रहे। बिहार, यूपी, दिल्ली, हरियाणा सहित कई राज्यों के लिए डेस्क का अनुभव। प्रिंट, रेडियो, इलेक्ट्रॉनिक और डिजिटल मीडिया चारों प्लेटफॉर्म पर काम। फिल्म और फीचर लेखन के साथ फोटोग्राफी का शौक।

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