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NCP Fight: NCP पर कब्जे की जंग हुई तीखी, अजित पवार का 42 विधायकों के समर्थन का दावा, शरद गुट ने दावे को बताया काल्पनिक और फर्जी

NCP Fight: अजित पवार गुट की ओर से आयोग के सामने शरद पवार पर तानाशाही से भरा हुआ व्यवहार करने और पार्टी में कभी भी लोकतांत्रिक सिद्धांतों का पालन न करने का बड़ा आरोप भी लगाया गया है।

Anshuman Tiwari
Written By Anshuman Tiwari
Published on: 7 Oct 2023 11:36 AM IST
Ajit Pawar
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Ajit Pawar (photo: social media )

NCP Fight: राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) पर प्रभुत्व की जंग में अजित पवार गुट ने चुनाव आयोग के सामने बड़ा दावा किया है। आयोग के सामने अजित पवार गुट की ओर से दाखिल किए गए हलफनामे में दावा किया गया है कि एनसीपी के 53 में से 42 विधायक और 9 में से 6 एमएलसी अजित पवार के साथ हैं। इसके साथ ही दो सांसदों के समर्थन का दावा भी किया गया है। अजित पवार गुट की ओर से उनके वकील शुक्रवार को चुनाव आयोग के सामने पेश हुए। अजित पवार गुट की ओर से आयोग के सामने शरद पवार पर तानाशाही से भरा हुआ व्यवहार करने और पार्टी में कभी भी लोकतांत्रिक सिद्धांतों का पालन न करने का बड़ा आरोप भी लगाया गया है।

दूसरी ओर शरद पवार गुट ने अजित पवार की ओर से किए गए दावे को पूरी तरह काल्पनिक बताया है। शरद पवार गुट का कहना है कि अजित पवार की ओर से किए गए दावे में कोई दम नहीं है और यह दावा फर्जी दस्तावेजों के आधार पर किया गया है। एनसीपी के मुखिया शरद पवार ने पार्टी पर पूरा नियंत्रण होने का दावा भी किया है। अब इस मामले में चुनाव आयोग ने सुनवाई के लिए 9 अक्टूबर को अगली तारीख तय की है।

पार्टी के शरद पवार के साथ होने का दावा

एनसीपी में अजित पवार की अगुवाई में हुई बगावत के बाद पार्टी पर कब्जे को लेकर दोनों गुट आमने-सामने हैं। पार्टी में बगावत के बाद ही यह मामला चुनाव आयोग के पास पहुंच गया था। शुक्रवार को आयोग में करीब दो घंटे तक चली सुनवाई के दौरान शरद पवार गुट की दलील थी कि पार्टी पूरी तरह शरद पवार के साथ है। शरद पवार गुट की ओर से यह भी दावा किया गया कि संगठन के 90 फ़ीसदी लोग शरद पवार के साथ बने हुए हैं।

शरद पवार गुट की ओर से यह दलील भी दी गई की सांसद और विधायकों की जिस संख्या के आधार पर अजित पवार गुट की ओर से पार्टी पर दावा किया जा रहा है,उनकी अयोग्यता का मामला भी सवालिया घेरे में है। ऐसे में अजित पवार गुट के दावे में कोई दम नहीं माना जा सकता।

शरद पवार गुट का कहना था कि फर्जी दस्तावेजों के आधार पर पार्टी पर प्रभुत्व स्थापित करने की कोशिश की जा रही है। शरद पवार गुट का यह भी कहना था कि सोमवार को अजित पवार गुट की दलीलें सुनने के बाद अब पूरी तरह शरद पवार गुट का पक्ष भी सुना जाए। शरद गुट ने गलत नीयत के साथ पार्टी को तोड़ने का आरोप भी लगाया।

अजित पवार का 42 विधायकों के समर्थन का दावा

दूसरी ओर महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम अजित पवार की ओर से चुनाव आयोग के सामने 24 पेज का हलफनामा दाखिल किया गया है। इस हलफनामे में एनसीपी के 53 में से 42 विधायकों के समर्थन का दावा किया गया है। 9 में से 6 एमएलसी का समर्थन हासिल होने का दावा भी किया गया है।

अजित पवार ने यह भी कहा कि शरद पवार की ओर से दाखिल किए गए हलफनामे में गलत बयानी की गई है। अजित पवार गुट ने शरद पवार पर तानाशाह की तरह व्यवहार करने और पार्टी में लोकतांत्रिक सिद्धांतों का पालन न करने का आरोप भी लगाया।

शरद पवार को धोखा देने का आरोप

महाराष्ट्र विधानसभा में विपक्ष के नेता जितेंद्र अव्हाड़ भी इस सुनवाई के दौरान मौजूद थे। अव्हाड़ ने अजित पवार गुट पर शरद पवार को धोखा देने और असभ्य होने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि यह काफी दुखद है कि जिस नेता ने उन्हें पाला पोसा और उन्हें आगे बढ़ाने का काम किया, उसे ऐसी चीजों का सामना करना पड़ रहा है। शरद पवार गुट की ओर से वरिष्ठ वकील अभिषेक मनु सिंघवी चुनाव आयोग के सामने पेश हुए।

सिंघवी ने चुनाव आयोग के सामने कहा कि अजित पवार खेमे की ओर से दी गई दलीलें दिलचस्प और आश्चर्यजनक हैं। आयोग की सुनवाई के बाद सिंघवी ने कहा कि एनसीपी के 99 फ़ीसदी लोग शरद पवार के साथ हैं और इस कारण पार्टी पर उनका पूरी तरह नियंत्रण बना हुआ है।

एनसीपी पर कब्जे की जंग अब काफी तीखी हो गई है और दोनों गुट पार्टी और सिंबल पर कब्जे की नीयत से एक-दूसरे पर हमला कर रहे हैं। चुनाव आयोग ने अब इस मामले में 9 अक्टूबर को सुनवाई के लिए अगली तारीख तय की है। अब सबकी निगाहें चुनाव आयोग के फैसले पर टिकी हुई हैं।



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Monika

Monika

Content Writer

पत्रकारिता के क्षेत्र में मुझे 4 सालों का अनुभव हैं. जिसमें मैंने मनोरंजन, लाइफस्टाइल से लेकर नेशनल और इंटरनेशनल ख़बरें लिखी. साथ ही साथ वायस ओवर का भी काम किया. मैंने बीए जर्नलिज्म के बाद MJMC किया है

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