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Corona in India: कोरोना से सावधान! मास्क पहनना मत छोड़िये
Corona in India: लोगों से मास्क पहनने को कहा गया है। दरअसल लोगों ने मास्क पहनना छोड़ ही दिया है। यदि ये मान लिया जाये कि सामान्य जनजीवन को बाधित करने की क्षमता अब महामारी में नहीं है सो महामारी का अंत हो गया।
Corona in India: चीन और कई अन्य देशों में कोरोना फिर से फैलने से चिंता पैदा हो गयी है और सरकार ने एहतियाती उपाय करने का ऐलान किया है। लोगों से मास्क पहनने को कहा गया है। दरअसल लोगों ने मास्क पहनना छोड़ ही दिया है। यदि ये मान लिया जाये कि सामान्य जनजीवन को बाधित करने की क्षमता अब महामारी में नहीं है सो महामारी का अंत हो गया तो ये कह सकते हैं कि भारत सहित अधिकांश देशों में महामारी को वास्तव में समाप्त कहा जा सकता है। अधिकांश आम लोगों को अब बीमारी होने का डर नहीं लगता; हालाँकि, जैसा कि सरकार बार-बार चेतावनी दे रही है, आत्मसंतुष्ट होना नुकसानदेह हो सकता है।
24 मार्च, 2020 से गृह मंत्रालय राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एनडीएमए) के माध्यम से कोरोना की रोकथाम के लिए आदेश और दिशानिर्देश जारी कर रहा था। इन दिशा निर्देशों में मास्क पहनना भी शामिल है। आपदा प्रबंधन अधिनियम, 2005 के तहत ऐसा किया गया था लेकिन इस वर्ष 1 अप्रैल से डीएम अधिनियम के निरसन के साथ, मास्क पहनना अब कानूनी रूप से लागू नहीं किया जा सकता है। अब सिर्फ एक एडवाईजरी ही जारी की जा सकती है।
वैसे, भारत में कोरोना पूरी तरह ख़त्म नहीं हुआ है और अभी भी लोगों को यह बीमारी हो रही है, हालांकि संक्रमण के मामले अब बहुत कम हैं। स्वास्थ्य मंत्रालय के होम पेज पर कोरोना डैशबोर्ड के अनुसार, गुरुवार सुबह तक देश में केवल 3,402 सक्रिय मामले थे। इनमें से अधिकांश मामले केरल (1,438) और कर्नाटक (1,263) में थे।
हालाँकि, इस तथ्य पर ध्यान देना चाहिए कि ये पुष्ट मामले हैं - यानी, जो आरटी-पीसीआर परीक्षण में कोरोनावायरस के लिए सकारात्मक पाए गए हैं। देश में कोरोना परीक्षण का स्तर इस समय अधिक नहीं है।
इसके अलावा, ऐसे लोग भी हो सकते हैं जो संक्रमित हों लेकिन उनका टेस्ट नहीं हुआ है और ऐसे लोग भी हो सकते हैं जिन्होंने रैपिड एंटीजन किट के जरिए घर पर जांच की हो। ऐसे लोगों का कोई डेटा नहीं है।
जहाँ तक वैक्सीनेशन की बात है तो, देश में वैक्सीनेशन कवरेज काफी व्यापक रहा है। 22 दिसंबर को दोपहर तक को-विन वेबसाइट पर लाइव डैशबोर्ड दिखा रहा था कि 220 करोड़ से अधिक शॉट्स दिए जा चुके हैं, जिनमें 102.71 करोड़ पहली खुराक, 95.10 करोड़ दूसरी खुराक और 22.19 करोड़ "एहतियात" या बूस्टर खुराक शामिल हैं।
बड़ी संख्या में पहली और दूसरी खुराक का मतलब है कि 12 साल से ऊपर के लगभग हर भारतीय को दोहरा टीका लगाया गया जा चुका है। हालांकि, एहतियाती खुराक का कवरेज पर्याप्त नहीं रहा है और ये बताता है कि लोगों में अब बीमारी का डर नहीं है जिसकी वजह मामलों की कम संख्या और बीमारी से लगभग शून्य मौतों का होना है।
बहुत से देशों मों वैक्सीन की चौथी डोज़ भी लग चुकी है लेकिन भारत में अभी चौथे शॉट की अनुमति नहीं है। सरकार पूर्ण टीकाकरण को टीके की दो खुराक के रूप में परिभाषित करती है, और एहतियाती खुराक पूर्ण टीकाकरण के अतिरिक्त है।
कोरोना टीकाकरण एक ऐसी प्रक्रिया है जो केंद्रीकृत कोविन प्लेटफॉर्म के माध्यम से प्रत्येक व्यक्ति की पहचान करती है, और सिस्टम में फिलहाल चौथी खुराक के लिए कोई प्रावधान नहीं है।