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Yakub Memon Grave: कौन था याकूब मेमन? जिसकी कब्र पर छिड़ा विवाद, हुआ चौंकाने वाला खुलासा

Beautification of Yakub Memon Grave: कब्रिस्तान ट्रस्ट ने का कहना है कि, मार्बल लगाने की अनुमति पिछले साल ट्रस्ट की तरफ से मेमन परिवार को दी गई।

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Written By aman
Published on: 9 Sept 2022 3:39 PM IST
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Yakub Memon

Yakub Memon Grave: देश की व्यापारिक राजधानी मुंबई में वर्ष 1993 में हुए सिलसिलेवार बम धमाकों (1993 Mumbai Serial Blast) के आरोपी याकूब मेमन की कब्र पर शुरू हुआ विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा। याकूब की कब्र को मजार की शक्ल देने के बाद शुरू हुआ विवाद अब राजनीतिक रंग ले चुका है। अब इस मामले में याकूब के भाई टाइगर मेमन की भी एंट्री हो चुकी है। टाइगर की ओर से बड़ा कब्रिस्तान ट्रस्ट के एक पूर्व सदस्य को धमकी दी गई थी।

टाइगर मेमन की तरफ से धमकी देने वाले शख्स ने कहा था, कि याकूब की कब्र की जगह हमारे नाम की जाए। अगर ऐसा नहीं होता है तो इसके गंभीर परिणाम भुगतने होंगे। इस मामले में जिस शख्स को धमकी दी गई उसका नाम जझील नवरंगे बताया जा रहा है। नवरंगे को ये धमकी साल 2020 में दी गई थी।उन्होंने इसके बाद इसकी शिकायत मुंबई पुलिस के तत्कालीन कमिश्नर, महाराष्ट्र एटीएस के चीफ तथा बॉम्बे हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस तक को दी थी।

अभी क्यों सुर्खियों में आया याकूब मेमन?

आपको बता दें कि, 1993 के बम्बई बम ब्लास्ट केस के आरोपी याकूब मेमन की कब्र को मजार बनाने की कोशिश की गई है। मजार की ख्वाहिश रखने वालों ने कब्र के आस पास चमकीली लाइट्स तक लगा दी। कब्र के पास मार्बल भी लगाया गया। हालांकि, भारी विरोध के बाद पुलिस ने यहां से लाइट्स हटा दी है। याकूब मेमन की ये कब्र मरीन लाइंस स्टेशन के पास कब्रिस्तान में है। इसे 'बड़ा कब्रिस्तान' के नाम से भी जाना जाता है। लेकिन, सवाल ये है कि यहां टाइल्स और लाइट्स लगाने की इजाजत किसने दी? इस मुद्दे पर जब कब्रिस्तान के केयरटेकर से TOI ने बात की तो उसका कहना था कि मेमन परिवार ने यह जगह ली है। याकूब मेमन के बाद उसके अन्य रिश्तेदारों को भी यहीं दफनाया गया है।

लाइट्स और टाइल्स पर ये कहा कब्रिस्तान ट्रस्ट ने?

याकूब मेमन की कब्र को मजार का रूप दिए जाने के बाद सवाल अब कब्रिस्तान ट्रस्ट से भी पूछे जाने लगे हैं। इस पर ट्रस्ट का कहना है कि, मार्बल लगाने की अनुमति पिछले साल ट्रस्ट की तरफ से मेमन परिवार को दी गई थी। ट्रस्ट वाले बताते हैं कि, मेमन परिवार की कब्र के पास पेड़ था। जिसके गिरने के बाद परिवार को कब्र के पास मार्बल लगाने की परमिशन दी गई। लाइट के सवाल पर उनका कहना है कि इसी साल 19 मार्च को शब-ए-बारात के दिन ये लाइटें लगाई गई थीं।

1993 बम धमाकों से ऐसे जुड़ा याकूब मेमन

अगर आपको नहीं पता है तो हम बताने जा रहे हैं कि याकूब मेमन है कौन? याकूब मेमन 1993 में हुए बंबई बम विस्फोट का आरोपी था। उसे 2015 में फांसी की सजा सुनाई गई। फांसी पड़ने के बाद मुंबई के बड़ा कब्रिस्तान में उसके शव को दफनाया गया। याकूब मेमन बंबई बम धमाकों के एक अन्य आरोपी टाइगर मेमन का भाई है। NIA ने हाल ही में टाइगर मेमन पर 15 लाख का इनाम घोषित किया है। इन सब का सरगना अंडरवर्ल्ड डॉन और आतंकी दाऊद इब्राहिम है। दाऊद पर भी NIA ने 25 लाख का इनाम घोषित किया है।दाऊद इब्राहिम के कहने पर ही याकूब और टाइगर मेमन ने बाबरी मस्जिद विध्वंस के बाद मुंबई को सिलसिलेवार धमाकों से दहलाने की साजिश रची थी।

कौन था याकूब मेमन ?

याकूब मेमन का पूरा नाम याकूब अब्दुल रज्जाक मेमन है। याकूब अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम के लिए काम करता था। बाबरी मस्जिद विध्वंस के बाद दाऊद के इशारे पर ही इसने अपने गुर्गों के साथ मिलकर मुंबई में कई जगह बम धमाके की साजिश रची। मुंबई बम ब्लास्ट में याकूब मेमन परिवार के चार लोग शामिल थे। इस धमाके का मुख्य मुख्य आरोपी टाइगर मेमन, याकूब का बड़ा भाई है। याकूब पर धमाके की साजिश के लिए पैसे जुटाने का भी आरोप था। धमाके के बाद वह देश छोड़कर भाग गया था। मगर, 1994 में याकूब को काठमांडू हवाई अड्डे से गिरफ्तार किया गया। याकूब मेमन को टाडा अदालत ने 27 जुलाई 2007 को मौत की सजा सुनाई। साल 2013 में याकूब की दया याचिका को राष्ट्रपति ने खारिज कर दिया। जेल में रहते 2013 में याकूब ने इग्नू से अंग्रेजी में पोस्ट ग्रेजुएशन की डिग्री हासिल की। साल 2015 में याकूब मेमन को फांसी पर लटका दिया गया।



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अमन कुमार - बिहार से हूं। दिल्ली में पत्रकारिता की पढ़ाई और आकशवाणी से शुरू हुआ सफर जारी है। राजनीति, अर्थव्यवस्था और कोर्ट की ख़बरों में बेहद रुचि। दिल्ली के रास्ते लखनऊ में कदम आज भी बढ़ रहे। बिहार, यूपी, दिल्ली, हरियाणा सहित कई राज्यों के लिए डेस्क का अनुभव। प्रिंट, रेडियो, इलेक्ट्रॉनिक और डिजिटल मीडिया चारों प्लेटफॉर्म पर काम। फिल्म और फीचर लेखन के साथ फोटोग्राफी का शौक।

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