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India - China Border : दिवाली से पहले इन दो क्षेत्रों से हटेंगे भारत-चीन के सैनिक, टेंट और शेड
India - China Border : भारत और चीन के बीच सीमा पर हालात सामान्य होने लगे हैं। दोनों देशों के सैनिक लद्दाख के देपसांग और डेमचोक क्षेत्र से सैनिक, टेंड और शेड, सब हटेंगे, यह प्रक्रिया दिवाली से पहले पूरी हो जाएगी।
India - China Border : भारत और चीन के बीच सीमा पर हालात सामान्य होने लगे हैं। दोनों देशों के सैनिक लद्दाख के देपसांग और डेमचोक क्षेत्र से सैनिक, टेंड और शेड, सब हटेंगे, यह प्रक्रिया दिवाली से पहले पूरी हो जाएगी। इसके बाद दोनों देशों के सैनिक गश्त फिर से शुरू करेंगे। 2020 से पहले की स्थिति में लौट आएंगे।
भारत-चीन, दोनों देशों के सैनिक दिवाली से पहले अप्रैल 2020 से पहले की स्थिति में वापस आ जाएंगे और सभी अस्थायी बुनियादी ढांचे (शेड या टेंट) हटा दिए जाएंगे, हालांकि ग्राउंड कमांडर नियमित बैठकें करना जारी रखेंगे।
समझौते के बाद तनाव हुआ कम
सूत्रों ने बताया कि दोनों देश देपसांग और डेमचोक क्षेत्रों में निगरानी विकल्प भी जारी रहेगा और गश्त पर निकलने से पहले किसी भी गलतफहमी से बचने के लिए एक-दूसरे को सूचित करेंगे। बता दें कि बीते सप्ताह दोनों देशों एक सीमा पर चल रहे विवाद को लेकर समझौता किया था। इसके बाद से वास्तविक नियंत्रण रेखा पर चल रहा सैन्य और कूटनीतिक तनाव लगभग समाप्त हो गया है।
झड़प के बाद बढ़ गया था तनाव
गौरतलब है कि मई 2020 में पैंगोंग झील क्षेत्र में भारत-चीन के सैनिकों के बीच झड़प हुई थी। इसके बाद जून में गलवान में झड़प हुई थी। इस दौरान करीब 20 भारतीय सैनिक शहीद हुए थे, जबकि चीन सैनिक भी मारे गए थे। हालांकि चीन ने अपने सैनिकों के मारे जाने की खबर को स्वीकार करने से मना कर दिया था। इस सैन्य झड़प के बाद दोनों देशों के बीच तनाव बढ़ गया था।
सीमा पर बढ़ाई थी सैन्य उपस्थिति
गलवान हिंसा के बाद दोनों देशों ने वास्तविक अंतरराष्ट्रीय सीमा (LAC) पर सैन्य उपस्थिति बढ़ा दी थी। पिछले साल अगस्त में यह बताया गया था कि दिल्ली ने पूर्वी लद्दाख में लगभग 70,000 सैनिकों, 90 से अधिक टैंकों और सैकड़ों पैदल सेना के लड़ाकू वाहनों को हवाई मार्ग से भेजा था। इसके साथ ही इस क्षेत्र में सुखोई और जगुआर लड़ाकू जेट विमानों को भी तैनात किया था।
सेना ने पहले कहा था कि बीजिंग ने भी पूर्वी लद्दाख और उत्तरी मोर्चे पर, यहां तक कि (भारत की) पूर्वी कमान तक काफी संख्या में सैनिकों को तैनात किया था।