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बनेगी BJP की सरकार: झारखंड रिजल्ट से पहले पार्टी ने खेल दिया ये बड़ा दांव

ताजा रूझानों के अनुसार तो भाजपा आंकड़ो में पीछे चल रही है। ऐसे में बीजेपी सरकार बनाने के लिए बड़े दलों ने पार्टियों से सम्पर्क करना शुरू कर दिया है। बताया जा रहा है कि झारखंड भाजपा ने अपने नेतृत्व में सरकार बनाने के लिए आजसू अध्यक्ष सुदेश महतो और जेवीएम के अध्यक्ष बाबूलाल मारंडी से संपर्क किया है।

Shivakant Shukla
Published on: 23 Dec 2019 7:54 AM GMT
बनेगी BJP की सरकार: झारखंड रिजल्ट से पहले पार्टी ने खेल दिया ये बड़ा दांव
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रांची: झारखंड विधानसभा चुनाव में अभी किसी भी पार्टी को बहुमत मिलता हुआ नजर नहीं आ रहा है। शुरूआती रूझानों के मुताबिक राज्य में महाराष्ट्र जैसे हालात बन सकते हैं। राज्य की 81 सीटों के लिए कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच शुरू हुई मतगणना में कांग्रेस-झामुमो-राजद गठबंधन और भाजपा के बीच कड़ी टक्कर चल रही है।

ताजा रूझानों के अनुसार तो भाजपा आंकड़ो में पीछे चल रही है। ऐसे में बीजेपी सरकार बनाने के लिए बड़े दलों ने पार्टियों से सम्पर्क करना शुरू कर दिया है। बताया जा रहा है कि झारखंड भाजपा ने अपने नेतृत्व में सरकार बनाने के लिए आजसू अध्यक्ष सुदेश महतो और जेवीएम के अध्यक्ष बाबूलाल मारंडी से संपर्क किया है।

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बताया जा रहा है भाजपा के झारखंड चुनाव प्रभारी ओम माथुर इस संबंध में रणनीति बना रहे हैं। वह चुनाव नतीजे साफ होने के बाद मुख्यमंत्री रघुवर दास से मुलाकात कर सकते हैं। शुरुआत रूझानों में आजसू छह और जेवीएम पांच सीटों पर आगे चल रही है। ये दोनों दल झारखंड में किंगमेकर साबित हो सकते हैं। तो आइए जानते हैं कौन हैं ये नेता

कौन हैं बाबूलाल मरांडी

उन्होंने साल 2000 में बिहार से अलग होकर झारखंड राज्य बनने के बाद एनडीए के नेतृत्व में राज्य की पहली सरकार बनाई थी। उन्हें झारखंड के प्रमुख आदिवासी नेताओं में गिना जाता है। वहीं इस विधानसभ चुनाव में बाबूलाल मरांडी के रुख पर भी सबकी निगाहें टिकी हैं। मरांडी ने 2006 में भाजपा से किनारा कर झारखंड विकास मोर्चा का गठन किया था। शहरी के साथ ही आदिवासी मतदाताओं में अच्छी पैठ रखने वाले मरांडी ने 2019 के लोकसभा चुनाव में मिली करारी शिकस्त के बाद अपनी पार्टी को महागठबंधन से अलग कर लिया था।

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साल 1989 में बाबूलाल मरांडी की शांतिदेवी से शादी हुई, जिससे उन्हें एक बेटा भी हुआ। हालांकि उनके बेटे अनूप मरांडी की 27 अक्तूबर 2007 को झारखंड के गिरिडीह क्षेत्र में हुए नक्सली हमले में मौत हो गई।

कौन हैं सुदेश महतो

ऑल झारखंड स्टूडेंट यूनियन आजसू के प्रमुख सुदेश महतो किंगमेकर की भूमिका निभा सकते हैं। एजेएसयू के अध्यक्ष सुदेश महतो को झारखंड की सियासत का मौसम वैज्ञानिक कहा जाता है। सूबे के अस्तित्व में आने के बाद अब तक एक भी ऐसी सरकार नहीं बनी, जिसमें सुदेश महतो की भागीदारी न हो। ध्यान रहे कि रघुवर सरकार में भाजपा के साथी रहे सुदेश महतो इस चुनाव में अलग चुनाव लड़े थे। रुझानों में उनकी पार्टी आजसू को सात सीटें मिलती दिखाई दे रही हैं।

झारखंड के उप मुख्यमंत्री रह चुके हैं सुदेश महतो

आजसू चीफ सुदेश महतो झारखंड के उप मुख्यमंत्री रह चुके हैं। इन्होंने झारखंड के गठन के साल 2000 में 25 साल की उम्र में अपना पहला चुनाव लड़ जीत हासिल की थी। इसके बाद बनी सरकार में सुदेश को सड़क निर्माण मंत्री बनाया गया। 29 दिसंबर 2009 को देश महतो ने झारखंड राज्य के उपमुख्यमंत्री पद की कमान संभाली थी।

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सुदेश महतो सिल्ली विधानसभा सीट से 2000, 2005 और 2009 में चुनाव जीत चुके हैं। इस बार भी वह सिल्ली विधानसभा सीट से ही चुनाव लड़ रहे हैं। महतो ने बाबूलाल मरांडी की सरकार को समर्थन दिया और बदले में उन्हें मंत्री पद मिला। इसके बाद वह आजसू के अध्यक्ष भी बने।

बीजेपी के हाथ से सत्ता जाती दिख रही है, तो ऐसे में सरकार बाबूलाल मरांडी को भी फिर से अपने साथ लाने की कोशिश कर सकती है। वहीं विपक्षी महागठबंधन भी भाजपा को सत्ता से दूर रखने के लिए इन नेताओं को अपने साथ लाना चाहेगी।

Shivakant Shukla

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