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RTI: भगत सिंह-सुखदेव-राजगुरु को अब तक नहीं मिला 'शहीद' का दर्जा, सरकारी किताब में 'आतंकी

एक बात जानकर आपको आश्चर्य होगा कि देश की आजादी के लिए कुर्बानी देने वाले स्वतंत्रता सेनानी भगत सिंह, सुखदेव और राजगुरु को भारत सरकार ने अभी तक 'शहीद' का दर्जा नहीं दिया है। एक आरटीआई में इस बात का खुलासा हुआ है।

priyankajoshi
Published on: 7 Dec 2017 10:39 AM GMT
RTI: भगत सिंह-सुखदेव-राजगुरु को अब तक नहीं मिला शहीद का दर्जा, सरकारी किताब में आतंकी
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नई दिल्ली: एक बात जानकर आपको आश्चर्य होगा कि देश की आजादी के लिए कुर्बानी देने वाले स्वतंत्रता सेनानी भगत सिंह, सुखदेव और राजगुरु को भारत सरकार ने अभी तक 'शहीद' का दर्जा नहीं दिया है। एक आरटीआई में इस बात का खुलासा हुआ है।

दरअसल, ये खुलासा एक आरटीआई के जरिए हुआ है। यह आरटीआई इंडियन काउंसिल ऑफ हिस्टोरिकल रिसर्च (आईसीएचआर) में दाखिल की गई थी। सूचना का अधिकार के तहत ये बात सामने आई है कि आईसीएचआर की ओर से नवंबर में रिलीज की गई किताब में भगत सिंह दो शहीदों को 'कट्टर युवा' और 'आतंकी' करार दिया गया है।

पिछली सरकारों ने किया नजरअंदाज

आपको बता दें, कि आईसीएचआर मानव संसाधन विकास मंत्रालय (एचआरडी) के अंतर्गत आने वाला संगठन है। इसके चेयरमैन भारत सरकार की ओर से नियुक्त होते हैं। अंग्रेजी वेबसाइट 'टाइम्स नाउ' की रिपोर्ट में यह बात सामने आई है। साथ ही, यह भी खुलासा हुआ है कि पिछली सरकारें लगातार इन तीनों क्रांतिकारियों की शहादत को नजरअंदाज करती आई है।

आरटीआई के जरिए जम्मू के कार्यकर्ता रोहित चौधरी ने पूछा था, कि 'क्या तीनों शहीदों को शहीद का दर्जा दिया गया है? पहले भी बता चुके हैं 'आतंकी' गौरतलब है, कि ऐसा पहली बार नहीं हुआ है। इससे पहले भी भगत सिंह को आतंकी बताए जाने पर विवाद हो चुका है। पिछले साल दिल्ली विश्वविद्यालय के इतिहास के पाठ्यक्रम में शामिल एक किताब, जिसमें भगत सिंह को 'क्रांतिकारी-आतंकवादी' करार दिया गया था, के हिंदी अनुवाद की बिक्री आदि को रोकने का फैसला लिया गया था।

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इन्होंने पत्रकारीय जीवन की शुरुआत नई दिल्ली में एनडीटीवी से की। इसके अलावा हिंदुस्तान लखनऊ में भी इटर्नशिप किया। वर्तमान में वेब पोर्टल न्यूज़ ट्रैक में दो साल से उप संपादक के पद पर कार्यरत है।

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