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Bhai Dooj 2022 Shubh Muhurat: भाई दूज पर आज इतने बजे शुभ मुहूर्त, ऐसे तिलक करें बहने

Bhai Dooj 2022: भईया दूज का त्योहार हर साल कार्तिक महीने के शुक्ल पक्ष की द्वितीय तिथि को मनाया जाता है। भईया दूज पर बहनें भईयों के तिलक करती हैं मिठाई खिलती है और भगवान से अपने भईयों को सलामती, सुख-समृद्धि की कामना करती हैं और भईयों को आशीर्वाद देती हैं।

Vidushi Mishra
Published on: 27 Oct 2022 4:40 AM GMT (Updated on: 27 Oct 2022 4:40 AM GMT)
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भाई दूज (फोटो- सोशल मीडिया)

Bhai Dooj 2022 Shubh Muhurat: दिवाली का त्योहार धूमधाम से मनाने के बाद भाई-बहनों को भईया दूज का इंतजार रहता है। भईया दूज भाई-बहन के अटूट बंधन का त्योहार है। इस साल भईया दूज का त्योहार 26 अक्टूबर को मनाया जाएगा। लेकिन 26 अक्टूबर को दोपहर से भईया दूज का त्योहार मनाया जाएगा। क्योंकि दिवाली के अगले दिन यानी 25 अक्टूबर को सूर्य ग्रहण पड़ने से गोवर्धन पूजा और भईया दूज त्योहार 26 अक्टूबर को मनाए जाएंगें।

दरअसल हिंदू पंचांग के मुताबिक, भईया दूज का त्योहार हर साल कार्तिक महीने के शुक्ल पक्ष की द्वितीय तिथि को मनाया जाता है। भईया दूज पर बहनें भईयों के तिलक करती हैं मिठाई खिलती है और भगवान से अपने भईयों को सलामती, सुख-समृद्धि की कामना करती हैं और भईयों को आशीर्वाद देती हैं। ऐसे में इस साल दिवाली के अगले दिन सूर्यग्रहण पड़ने के गोवर्धन पूजा और भईया दूज त्योहार को लेकर लोगों में काफी मतभेद उत्पन्न हो गए हैं। आइए आपको सटीक जानकारी देते हुए बता दें कि आखिर भईया दूज कब है और भईया दूज का शुभ मुहूर्त कितने से कितने बजे तक है।

भाई दूज 2022 शुभ मुहूर्त
Bhai Dooj 2022 Shubh Muhurat

भईया दूज का शुभ मुहूर्त 26 अक्टूबर 2022 को है। क्योंकि 26 अक्टूबर को कार्तिक महीने के शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि लग रही है। तो इस हिसाब से भईया दूज दोपहर 2:42 से शुरू हो रहा है और अगले दिन 27 अक्टूबर को दोपहर 12:45 तक रहेगा।

भईया दूज शुभ मुहूर्त प्रारम्भ - 26 अक्टूबर 2022 को 02:42 PM बजे।

द्वितीया तिथि समाप्त - 27 अक्टूबर 2022 को 12:45 PM बजे।

भाई दूज पर बहने ऐसे करें भईयों का तिलक

भईया दूज वाले दिन भाई-बहन को इकट्ठा होना चाहिए।

बहने भाई के लिए पिसे हुए चावल का घोल बनाकर चौक बनाएं।

इस चौक की पूजा अर्चना करें।

पूजा में खीर-खिलौने का भोग चढ़ाएं।

पूजा करने के लिए समूचे चावल हाथ में लेकर कथा पढ़ें या सुने।

फिर भगवान गणेश की आरती करें।

यहां से पूजा संपन्न करने के बाद अब चौक से पूजे हुए चावल को एकत्र कर लें।

इस भईया के लिए बनाएं रोली के तिलक में डाल दें।

अब भाईयों को तिलक लगाएं और खील-खिलौना या मिठाई खिलाएं।

इसके बाद भाई बहन के पैर छूकर कुछ गिफ्ट या दक्षिणा देते हैं और बहन भाई को आशीर्वाद देती है।

Vidushi Mishra

Vidushi Mishra

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