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SC/ST आरक्षण के विरोध में दलित संगठन के भारत बंद आन्दोलन को मिला विपक्षी पार्टियों का साथ, जानिए क्या कहा
Bharat Bandh 2024: सुप्रीम कोर्ट ने जब से SC/ST वर्ग के अंदर आरक्षण को लेकर अपना फैसला सुनाया है तब से यह विषय काफी सुर्ख़ियों में आ गया है। आज यानी 21 अगस्त को दलित संगठन द्वारा इस आरक्षण के विरोध में भारत बंद का आवाहन किया गया है। जिसको लेकर विपक्षी पार्टियों ने अपना समर्थन दिखाया है।
Bharat Bandh 2024: आज SC/ST आरक्षण को लेकर दलित समुदाय के लोगों द्वारा भारत बंद का आवाहन किया गया है जिसे अब विपक्षी पार्टियों का साथ मिल गया है। आज सुबह ही बसपा सुप्रीमो मायावती ने एक्स पर ट्वीट करके अपना समर्थन जताया है उन्होंने कहा, “बीएसपी का भारत बंद को समर्थन, क्योंकि भाजपा व कांग्रेस आदि पार्टियों के आरक्षण विरोधी षडयंत्र एवं इसे निष्प्रभावी बनाकर अन्ततः खत्म करने की मिलीभगत के कारण 1 अगस्त 2024 को SC/ST के उपवर्गीकरण व इनमें क्रीमीलेयर सम्बंधी मा. सुप्रीम कोर्ट के निर्णय के विरुद्ध इनमें रोष व आक्रोश।” आज इस आंदोलन को जहाँ मायावती ने अपना समर्थन दिया वहीं सपा मुखिया अखिलेश यादव ने भी अपना पूरा समर्थन दिखाया।
अखिलेश यादव ने क्या लिखा
भारत बंद आंदोलन को अपना समर्थन दिखाते हुए अखिलेश यादव ने एक्स पर पोस्ट किया है। उन्होंने लिखा, “आरक्षण की रक्षा के लिए जन-आंदोलन एक सकारात्मक प्रयास है। ये शोषित-वंचित के बीच चेतना का नया संचार करेगा और आरक्षण से किसी भी प्रकार की छेड़छाड़ के ख़िलाफ़ जन शक्ति का एक कवच साबित होगा। शांतिपूर्ण आंदोलन लोकतांत्रिक अधिकार होता है।” उन्होंने आगे कहा- “बाबा साहब भीमराव अंबेडकर जी ने पहले ही आगाह किया था कि संविधान तभी कारगर साबित होगा जब उसको लागू करनेवालों की मंशा सही होगी। सत्तासीन सरकारें ही जब धोखाधड़ी, घपलों-घोटालों से संविधान और संविधान द्वारा दिये गये अधिकारों के साथ खिलवाड़ करेंगी तो जनता को सड़कों पर उतरना ही होगा। जन-आंदोलन बेलगाम सरकार पर लगाम लगाते हैं।”
क्या है पूरा मामला
सुप्रीम कोर्ट ने अभी कुछ दिन पहले एक फैसला सुनाया था जिसमें उन्होंने SC/ST के अंदर क्रीमी लेयर लाने की बात कही। जहां राज्य सरकारों के पास ये अधिकार होगा कि वो किसे उस वर्ग में डालना चाहते है। इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने ये भी बताया कि जिन लोगों को क्रीमी लेयर में डाला जायेगा उनके पास क्या क्या ज़रूरी दस्तावेज होने चाहिए। इस फैसले के बाद से SC/STआरक्षण का मामला काफी ज्यादा चर्चा में है, और विपक्ष आये दिन सरकार को घेरती है कि इस फैसले के तहत वो आरक्षण ख़त्म करना चाहती है।