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8 जनवरी को भारत बंद: बैंकों में भी नहीं होगा काम, जानिए बड़ी बातें

8 जनवरी को 10 ट्रेड यूनियंस ने भारत बंद की घोषणा की है। 6 बैंक यूनियंस ने भी हड़ताल का समर्थन किया है, जिसकी वजह से बैंकिंग कामकाज पर असर होगा। बैंक बंद रहने का असर एटीएम सर्विस पर होगा और 8-9 जनवरी को कैश की किल्लत होने की संभवाना है।

Dharmendra kumar
Published on: 7 Jan 2020 10:55 PM IST
8 जनवरी को भारत बंद: बैंकों में भी नहीं होगा काम, जानिए बड़ी बातें
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नई दिल्ली: 8 जनवरी को 10 ट्रेड यूनियंस ने भारत बंद की घोषणा की है। 6 बैंक यूनियंस ने भी हड़ताल का समर्थन किया है, जिसकी वजह से बैंकिंग कामकाज पर असर होगा। बैंक बंद रहने का असर एटीएम सर्विस पर होगा और 8-9 जनवरी को कैश की किल्लत होने की संभवाना है। ट्रेड यूनियंस की तरफ से संयुक्त बयान में कहा गया है कि इस हड़ताल में करीब 25 करोड़ लोग शामिल हो सकते हैं। भारत बंद से जुड़े इन प्रमुख बातों को जानना जरूरी है।

हड़ताल में शामिल यूनियन

INTUC, AITUC, HMS, CITU, AIUTUC, TUCC, SEWA, AICCTU, LPF, UTUC और कई अन्य सेक्टोरल इंडिपेंडेंट फेडरेशन और असोसिएशन्स हड़ताल में शामिल हैं।

इसके अलावा, 60 स्टूडेंट यूनियन, विश्वविद्यालय के अधिकारियों ने भी हड़ताल में शामिल होने का ऐलान किया है। य शिक्षा संस्थानों में फीस बढ़ोतरी और शिक्षा के कमर्शलाइजेशन का विरोध करेंगे।

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ये बैंक यूनियन शामिल

बैंक यूनियंस-ऑल इंडिया बैंक एंप्लॉयी असोसिएशन (AIBEA), ऑल इंडिया बैंक ऑफिसर्स असोसिएशन (AIBOA), BEFI, INBEF, INBOC और बैंक कर्मचारी सेना महासंघ (BKSM) हड़ताल का समर्थन करेंगे। बैंक यूनियन समर्थन कर रहे हैं, उनके समर्थित बैंक 8 जनवरी को बंद रहेंगे।

बैंकों के कामकाज पर असर होगा और ज्यादातर बैंक बंद रहेंगे तो कैश का डिस्ट्रीब्यूशन नहीं हो पाएगा, जिसकी वजहे एटीएम में कैश की किल्लत हो सकती है। कैश किल्लत की समस्या 9 जनवरी को भी बनी रह सकती है।

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बैंक से कैश निकासी और डिपॉजिट संभव नहीं होगा, इसके अलावा चेक क्लियरिंग का काम भी नहीं होगा। हालांकि, ऑनलाइन बैंकिंग के कामकाज पर किसी तरह का असर नहीं होगा। कई बैंक शेयर बाजार को जानकारी दे चुके हैं कि वे 8 जनवरी को बंद रहेंगे। बैंक कर्मचारी बैंक मर्जर के फैसले का लगातार विरोध कर रहे हैं, इसी वजह से वे हड़ताल में शामिल हो रहे हैं। हड़ताल का प्राइवेट बैंक पर कोई असर नहीं होगा।

ट्रेड यूनियनंस ने कहा है कि केंद्र सरकार की आर्थिक और जन विरोधी नीतियों के विरोध में हड़ताल का आयोजन किया गया है। इसके अलावा, वे प्रस्तावित लेबर लॉ का भी विरोध कर रहे हैं। स्टूडेंट यूनियंस शिक्षण संस्थानों में फीस बढ़ाने का विरोध कर रहे हैं।

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2 जनवरी को ट्रेड यूनियन के प्रतिनिधि लेबर मिनिस्टर से मुलाकात की, लेकिन बात नहीं बन पाई, जिसकी वजह से ट्रेड यूनियन ने 8 तारीख को घोषित हड़ताल को वापस नहीं लेने का फैसला किया।

Dharmendra kumar

Dharmendra kumar

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