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Bharat Ratna: आडवाणी को भारत रत्न देने जाएंगी द्रौपदी मुर्मू, जानिए उनकी संघर्ष भरी कहानी
Bharat Ratna Award 2024: लालकृष्ण आडवाणी आजादी का जश्न नहीं मना पाए, क्योंकि बंटवारे की कुछ ही घंटों में ही उनका परिवार भारत आ गया था। वह राममंदिर के निर्माण के लिए काफी मुखर रहे। उन्होंने अपने राजनीतिक जीवन की शुरुआत आरएसएस से की।
Lal Krishna Adwani: नई दिल्ली के राष्ट्रपति भवन में वैसे तो पांच लोगों को देश के सर्वोच्च सम्मान भारत रत्न से सम्मानित किया जाना था, लेकिन लालकृष्ण आडवाणी का नाम होने के बाद भी वह कार्यक्रम में नहीं शामिल हो सके, जिसके बाद चार लोगों को शनिवार भारत रत्न पुरस्कार से सम्मानित किया गया। राष्ट्रपति ने द्रौपदी मुर्मू ने पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह, पीवी नरसिम्हा राव, बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री कर्पूरी ठाकुर, कृषि विज्ञानी एमएस स्वामीनाथन को भारत रत्न अवार्ड दिया। यह चारों पुरस्कार मरणोपरांत थे और यह पुरस्कार उनके परिजनों ने प्राप्त किया। वहीं, भाजपा के संस्थापक सदस्य एवं दिग्गज नेता लालकृष्ण आडवाणी को रविवार को भारत रत्न पुरस्कार से उनके आवास पर सम्मानित किया जाएगा। तो आईये जानते हैं लालकृष्ण आडवाडी के बारे में...।
पाकिस्तान के कराची में हुआ जन्म
लालकृष्ण आडवाणी का जन्म पाकिस्तान के कराची में 8 नवंबर, 1927 को एक हिंदू सिंधी परिवार में हुआ था। उनके पिता का नाम किशनचंद आडवाणी और मां का नाम ज्ञानी देवी है। पिता पेशे से एक कारोबारी थे। उनकी शुरुआती शिक्षा कराची के सेंट पैट्रिक हाई स्कूल से की, तब भारत-पाकिस्तान का बंटवारा नहीं हुआ। हालांकि बंटवारे के बाद उनका परिवार भारत चल आया और उन्होंने आगे शिक्षा भारत में ही ग्रहण की। आडवाणी ने ऑफ द बॉम्बे यूनिवर्सिटी से कानून की पढ़ाई (लॉ) की। उनकी शादी कमला आडवाणी से हुई। दोनों के एक बेटा और एक बेटी है। बेटे का ना जयंत आडवाणी और बेटी का नाम प्रतिभा आडवाणी है, जो अक्सर अपने पिता के साथ दिखाई देती हैं। हालांकि उनका बेटा राजनीति से दूर है।
रखी भाजपा की नींव
कहा जाता है कि लालकृष्ण आडवाणी आजादी का जश्न नहीं मना पाए, क्योंकि बंटवारे की कुछ ही घंटों में ही उनका परिवार भारत आ गया था। वह राममंदिर के निर्माण के लिए काफी मुखर रहे। उन्होंने अपने राजनीतिक जीवन की शुरुआत आरएसएस से की। उसके बाद उन्होंने संगठन में कई बड़ी जिम्मेदारियां निभाई। वह भारतीय जनता पार्टी के संस्थापक सदस्य हैं और कई वर्षों तक वे पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष रहे।
राम मंदिर के लिए किया कड़ा संर्घष
लालकृष्ण आडवाणी साल 1998-2004 तक भाजपा के नेतृत्व वाले नेशनल डेमोक्रेटिक अलायंस (एनडीए) में गृहमंत्री रहे, जबकि बीच में साल 2002 से लेकर 2004 तक वह भाजपा सरकार ने उप प्रधानमंत्री रहे। 10वीं और 14वीं लोकसभा में वह संसद में विपक्ष नेता रहे। राम मंदिर निर्माण के लिए आंदोलन में धार देने और लोगों को एकजुट करने में आडवाणी ने भी बड़ी भूमिका निभाई। 25 सितंबर, 1990 को आडवाणी सोमनाथ से लेकर आयोध्या तक राम रथ यात्रा लेकर निकले। देखते देखते इस रथ यात्रा को बड़ा समर्थन मिलने लगा और वह बड़े हिन्दू नेता के रूप में उभरे। उनकी इस संर्घष की जीत हुई है, राम मंदिर अपना भव्य स्वरूप ले रहा और मंदिर का उद्धाटन किया जा चुका है। साल 2015 में भारत सरकार ने पद्म विभूषण से सम्मानित किया गया था।
आज इन लोगों को मिला भारत रत्न
साल 2024 के भारत रत्न पुरस्कार देने के लिए शनिवार को राष्ट्रपति भवन में एक कार्यक्रम आयोजित किया गया। इसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सहित केंद्रीय मंत्रियों के अलावा गणमान्य लोगों ने भाग किया। साथ ही, वह परिवार के लोगों भी शामिल हुए, जिन्हें भारत रत्न पुरस्कार दिया जाना था। इसमें चौधरी चरण सिंह की ओर से जयंत सिंह शामिल हुए। पीवी नरसिम्हा राव की ओर से पीवी नरसिम्हा राव आए। कृषि विज्ञानी एमएस स्वामीनाथन की ओर से बेटी नित्या राव पहुंचीं, जबकि बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री कर्पूरी ठाकुर की तरफ उनके पुत्र रामनाथ ठाकुर पहुंचे, जबकि लालकृष्ण आडवाणी स्वस्थ्य संबंधी के चलते इस कार्यक्रम में नहीं पहुंचे।
राष्ट्रपति जाएंगी आडवाणी के घर
बता दें कि भाजपा के दिग्गज नेता लालकृष्ण आडवाणी को कल उनके आवास पर उन्हें देश के सर्वोच्च पुरस्कार भारत रत्न से सम्मान नवाजा जाएगा। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू रविवार को आडवाणी के घर जाकर उन्हें ये पुरस्कार प्रदान करेंगी। दरअसल, लालकृष्ण आडवाणी बीते कुछ वर्षों से अस्वस्थ चल रहे रहे हैं।