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सरकार ने मानी भारतीय किसान संघ की मांग, तो तय होगा सब्जियों का MRP

Rishi
Published on: 12 Jan 2018 8:11 PM IST
सरकार ने मानी भारतीय किसान संघ की मांग, तो तय होगा सब्जियों का MRP
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नई दिल्ली : देश के आम बजट को पेश होने में अब बीस दिनों से भी कम का वक्त बचा है। केंद्र की बीजेपी सरकार का यह आखिरी पूर्ण बजट है और अगले वर्ष लोकसभा चुनाव भी होने हैं। ऐसे में उम्मीद है कि इसमें देश के सभी वर्गों के लिए कुछ खास होगा। इस मौके को देखते हुए किसानों के हक के लिए लड़ाई लड़ने वाले भारतीय किसान संघ ने सरकार से बजट में सब्जियों के दाम तय करने की मांग की है।

संघ महासचिव मोहिनी मोहन मिश्रा ने कहा कि सरकार को चाहिए कि वो सब्जियों और अन्य कृषि उपज के दाम तय करे।

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उन्होंने तर्क देते हुए कहा कि किसान टमाटर पैदा करते हैं। बिचौलिये उसे पांच रुपये प्रतिकिलो खरीद मंडी में 30 रूपये प्रति किलो बेच देते हैं। वही टमाटर आम आदमी को 50 रुपए किलो मिलता है।

आपको बता दें, हालत यह है कि किसान खेती से जुड़े सामान को अधिकतम मूल्य पर खरीदता है। जबकि उपज न्यूनतम मूल्य पर बेचता है। देश का दुर्भाग्य है कि कृषि प्रधान होते हुए भी देश में किसानों को कभी भी लाभ नहीं मिलता। किसानों के बच्चे अच्छे से पढ़ नहीं पाते बच्चों की शादियों में काफी दिक्कते आती हैं।

बीजेपी ने चुनावों के दौरान वादा भी किया था कि किसानों को मिनिमम सपोर्ट प्राइज देंगे। लेकिन वर्तमान में ऐसा होता नजर नहीं आता है। जबकि केंद्रीय कृषि मंत्री राधामोहन सिंह भी संसद के शीतकालीन सत्र में कह चुके हैं कि किसानों को एमएसपी नहीं मिल पा रहा है।

अब जबकि आरएसएस के अनुषंगी संगठन भारतीय किसान संघ ने सब्जियों की कीमत तय करने की मांग की है। तो लगता है कि ऐसा हो सकता है। यदि ऐसा हुआ तो किसानों और उपभोक्ताओं को भी इसका लाभ होगा।

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आशीष शर्मा ऋषि वेब और न्यूज चैनल के मंझे हुए पत्रकार हैं। आशीष को 13 साल का अनुभव है। ऋषि ने टोटल टीवी से अपनी पत्रकारीय पारी की शुरुआत की। इसके बाद वे साधना टीवी, टीवी 100 जैसे टीवी संस्थानों में रहे। इसके बाद वे न्यूज़ पोर्टल पर्दाफाश, द न्यूज़ में स्टेट हेड के पद पर कार्यरत थे। निर्मल बाबा, राधे मां और गोपाल कांडा पर की गई इनकी स्टोरीज ने काफी चर्चा बटोरी। यूपी में बसपा सरकार के दौरान हुए पैकफेड, ओटी घोटाला को ब्रेक कर चुके हैं। अफ़्रीकी खूनी हीरों से जुडी बड़ी खबर भी आम आदमी के सामने लाए हैं। यूपी की जेलों में चलने वाले माफिया गिरोहों पर की गयी उनकी ख़बर को काफी सराहा गया। कापी एडिटिंग और रिपोर्टिंग में दक्ष ऋषि अपनी विशेष शैली के लिए जाने जाते हैं।

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