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नौकरी करने वाले अब बने नेता
भोपाल। सरकारी नौकरी में रहते हुए नेताओं की ताकत रू-ब-रू होने वाले प्रशासनिक अधिकारियों नौकरी छोड़ कर या रिटायरमेंट के बाद नेतागीरी की राह पकड़ रहे हैं। ये चलन तेजी से बढ़ा है। मध्य प्रदेश में जहां सपाक्स नाम के संगठन में अधिकारी गोलबंद हो रहे हैं। वहीं तमाम नौकरशाह सत्ताधारी पार्टी का भी दामन थाम रहे हैं। कई तो पहले से ही राजनीतिक दलों का पल्ला पकड़े हुए हैं।
इन्हीं में से एक बड़ा नाम हैं रुस्तम सिंह जो पूर्व आईपीएस अधिकारी हैं। मौजूदा केंद्रीय मंत्री और मध्य प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती के समय पर रुस्तम की राजनीति में एंट्री हुई थी। फिलहाल रुस्तम सिंह मौजूदा सरकार में स्वास्थ्य मंत्री हैं। भाजपा से जुड़ कर राजनीति में बुलंदी पाने वाले नौकरशाहों में पूर्व आईएएस भागीरथ प्रसाद का नाम भी है। इन्होंने प्रशासनिक सेवा छोड़ कर इंदौर विश्वविद्यालय के कुलपति का भार संभाला। इसके बाद भाजपा की तरफ से राजनीति में एंट्री की और अभी वह भिंड के सांसद भी हैं।
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भाजपा का दामन थामने वालों में पूर्व आईएएस एसएस रूपला, पूर्व आईएएस एसएन चौहान, पूर्व आरपीएस पन्नालाल अवस्थी, पूर्व आईपीएस हरिसिंह यादव भी शामिल हैं। ये लोग टिकट की मांग कर रहे हैं। मुख्यमंत्री के ओएसडी रहे पूर्व आईएएस रूपला सुसनेर सीट से टिकट की मांग कर रहे हैं तो एसएन चौहान पन्ना जिले से टिकट मांग कर रहे हैं। पूर्व आरपीएस पन्नालाल अवस्थी भी चित्रकूट के डीएसपी और रीवा के सीएसपी रह चुके हैंं और राजनगर सीट से टिकट की मांग कर रहे हैं। ग्वालियर के डीआईजी रह चुके पूर्व आईपीएस हरीसिंह यादव भी दतिया जिले से भाजपा का टिकट मांग कर रहे हैं।
उधर कांग्रेस के साथ जुडऩे वाले नौकरशाहों की भी कोई कमी नहीं है। अभी हाल ही में कई पूर्व प्रशासनिक अधिकारियों ने पार्टी से नाता जोड़ा है। इनमें से एक प्रिंटिंग घोटाले के आरोप में बर्खास्त हुईं पूर्व आईएएस अधिकारी शशि कर्णावत भी हैं। कांग्रेस से जुडऩे वालों में 1981 बैच की अफसर अजिता वाजपेयी पांडे का नाम भी है। अजिता मध्य प्रदेश में शक्ति एप की प्रमुख भी हैं। पूर्व आईएएस लक्ष्मीकांत द्विवेदी ने छह महीने पहले ही कांग्रेस का दामन थामा था। वे कटनी जिले में संगठन का काम देख रहे हैं और यहीं से टिकट भी चाहते हैं। पूर्व आइएएस बाथम भी कुछ ही समय पहले कांग्रेस पार्टी से जुड़े हैं। बाथम को कांग्रेस ने पार्टी की घोषणा समिति में प्रशासनिक सेक्टर की देखरेख का जिम्मा सौंपा है।