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Union Budget 2024: निवेशकों को तगड़ा झटका, कैपिटल गेन टैक्स बढ़ाया गया
Union Budget 2024: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कैपिटल गेन टैक्स बढ़ाने के साथ ही कैपिटल गेन टैक्स लिमिट भी बढ़ा दी है। अब 1.25 लाख रुपये कैपिटल गेन पर कोई टैक्स नहीं देना होगा।
Union Budget 2024: केंद्रीय बजट में निवेशकों को तगड़ा झटका लगा है। बजट में कैपिटल गेन टैक्स के तहत लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन को 2.50 फीसदी बढ़ाकर 12 फीसदी कर दिया गया है. वहीं, चुनिंदा असेट्स पर शॉर्ट टर्म कैपिटल गेन टैक्स बढ़ाकर 20 फीसदी किया गया है।
क्या क्या हुआ?
लांग टर्म कैपिटल गेन यानी दो वर्ष से अधिक समय तक रखी गई परिसंपत्तियों को बेचने से होने वाले लाभ पर टैक्स बढ़ा दिया गया है। अभी तक टैक्स 10 प्रतिशत था जिसे अब बढ़ाकर 12.5 प्रतिशत कर दिया गया है। वहीं चुनिंदा असेट्स पर शॉर्ट टर्म कैपिटल गेन टैक्स बढ़ाकर 20 फीसदी किया गया है। इन घोषणाओं के चलते शेयर बाजार में भारी गिरावट देखी जा रही है।
लिमिट भी बढ़ी
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कैपिटल गेन टैक्स बढ़ाने के साथ ही कैपिटल गेन टैक्स लिमिट भी बढ़ा दी है। अब 1.25 लाख रुपये कैपिटल गेन पर कोई टैक्स नहीं देना होगा। पहले ये लिमिट 1 लाख रुपये सालाना थी। यह शॉर्ट टर्म कैपिटल गेन और लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन दोनों पर लागू होगा।
वर्तमान स्थिति
शेयर बाजार में अभी कैपिटल गेन टैक्स दो तरीके से लगता है। अगर किसी स्टॉक को एक साल के भीतर बेचा जाता है तो उसपर हुए मुनाफे पर शॉर्ट टर्म कैपिटल गेन टैक्स लगता है, जो आपके टैक्स स्लैब के आधार पर लगाया जाता है। वहीं, अगर स्टॉक को एक साल बाद बेचा तो लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन टैक्स लगता है। इसमें एक लाख रुपये तक हुआ मुनाफा टैक्स के दायरे से बाहर होगा, जबकि इससे ज्यादा के मुनाफे पर 10 फीसदी दर से टैक्स देना होगा।
जो नहीं जानते उन्हें बता दें कि पूंजी यानी कैपिटल से हुए लाभ पर जो टैक्स लगाया जाता है, उसे कैपिटल गेन टैक्स कहा जाता है। यह दो तरह का शॉर्ट टर्म कैपिटल गेन और लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन टैक्स होता है। शॉर्ट टर्म कैपिटल गेन पर 15 फीसदी का टैक्स लगता है और लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन पर 10 फीसदी का टैक्स लगता है। 1 लाख तक के वार्षिक कैपिटल गेन पर कोई टैक्स नहीं देना होता है।
बहरहाल, बाज़ार को बजट की ये घोषणाएं नरात्मक लगीं और सबसे ज़्यादा गिरावट पीएसयू स्टॉक में रही। इरकॉन, एनबीसीसी, हुडको, आईआरएफसी, रेलवे विकास निगम जैसे पीएसयू स्टॉक में सबसे अधिक गिरावट देखी गई और इनमें 10 प्रतिशत की गिरावट हुई।