×

आ गया किसानों का बड़ा फैसला, अब 1 फरवरी को करेंगे ये काम

किसान अगर 95 फीसद हैं तो पांच फीसद में पूरे देश का प्रतिनिधित्व करते उत्तर प्रदेश व उत्तराखंड के चंद किसान हैं। इससे एक बात और साबित होती है कि किसानों के नाम पर इस आंदोलन को फाइनेंसिंग कांग्रेस समर्थित स्रोत कर रहे हैं।

SK Gautam
Published on: 26 Jan 2021 12:04 PM IST
आ गया किसानों का बड़ा फैसला, अब 1 फरवरी को करेंगे ये काम
X
आ गया किसानों का बड़ा फैसलाः अब 1 फरवरी को करेंगे ये काम

रामकृष्ण वाजपेयी

लखनऊ: किसान आंदोलनकारियों ने बैरिकेडिंग तोड़ते हुए दी गई समय सीमा से पहले ही ट्रैक्टर रैली की शुरुआत कर अपनी मंशा जाहिर कर दी है। ये सरकार के सब्र का इम्तिहान लेने जैसा है। इससे एक बात और साबित होती है कि दिल्ली की सीमा पर डेरा डाले इन किसानों की मंशा न तो किसानों की समस्या हल करने की है न ही उनके इरादे नेक हैं। उनका मकसद अब साफ हो चला है जबकि धरने में अब तक देखा जाए तो पंजाब और हरियाणा के ही किसान अगर 95 फीसद हैं तो पांच फीसद में पूरे देश का प्रतिनिधित्व करते उत्तर प्रदेश व उत्तराखंड के चंद किसान हैं। इससे एक बात और साबित होती है कि किसानों के नाम पर इस आंदोलन को फाइनेंसिंग कांग्रेस समर्थित स्रोत कर रहे हैं।

संसद के लिए पैदल मार्च करेंगे किसान

उधर राष्ट्रीय राजधानी में गणतंत्र दिवस के मुख्य आयोजन पर अपनी मेगा ट्रैक्टर रैली से एक दिन पहले ही किसान नेताओं ने आंदोलन के अगले चरण का एलान करते हुए कहा है कि वे 1 फरवरी को जिस दिन केंद्रीय बजट पेश किया जाएगा, संसद के लिए पैदल मार्च करेंगे। कीर्ति किसान यूनियन के केंद्रीय नेता डॉ. दर्शन पाल, जो केंद्र के साथ बैठकों का हिस्सा रहे हैं, ने यह एलान किया "1 फरवरी को किसान कानूनों के खिलाफ पैदल संसद की ओर मार्च करेंगे।"

kisan Movement-2

ये भी देखें: दिल्ली में 50 फीसदी लोगों को हो चुका है कोरोना, सीरी सर्वे में मिले ये बड़े संकेत

नेताओं ने पहले ही कह दिया था कि मंगलवार का ट्रैक्टर मार्च अद्वितीय होगा जब आम लोग गणतंत्र दिवस समारोह का हिस्सा बनेंगे। किसान मामलों के जानकारों का कहना है कि चंद नेताओं की शह पर अपना जीवन दांव पर लगा रहे इन किसानों को समझदारी से काम करने की जरूरत है। आंदोलन के चलते अबतक 27 किसानों की जानें जा चुकी हैं। अब भारतीय किसान यूनियन (बीकेयू) के अध्यक्ष बलबीर सिंह राजेवाल ट्रैक्टर रैली समाप्त होने के बाद, किसानों से अपने गांवों में वापस नहीं जाने के लिए कहा है, इनकी मंशा इन किसानों को दिल्ली की सीमाओं पर रोकने की है।

50 हजार ट्रैक्टरों के शामिल होने की संभावना

उधर मेगा रैली से एक दिन पहले, दिल्ली पुलिस ने ट्रैक्टर की रैली के लिए अनापत्ति प्रमाण पत्र (एनओसी) दिया था, जिसमें 37 शर्तें थीं, जिसमें आयोजकों को 5,000 ट्रैक्टरों के साथ रैली में इकट्ठा होने की सीमा 5,000 व्यक्तियों तक ही रखने को कहा गया था। हालांकि, किसान आंदोलन से जुड़े नेता करीब 2 लाख ट्रैक्टरों के रैली का हिस्सा बनने की उम्मीद कर रहे हैं। हालांकि खुफिया रिपोर्टों के मुताबिक रैली में लगभग 50 हजार ट्रैक्टरों के शामिल होने की संभावना है।

kisan Movement-3

ये भी देखें: ट्रैक्टर परेड से पहले किसानों का बवाल, बैरिकेड तोड़ दिल्ली में घुसे

दुश्मन देश भी किसान आंदोलन से फायदा उठाने की घात में, एक वरिष्ठ अधिकारी ने दावा किया कि ट्रैकटर मार्च के दौरान गड़बड़ी के इरादे से पाकिस्तान में पिछले 25 दिनों में लगभग 1,100 ट्विटर अकाउंट बनाए गए हैं। हमारी टीम किसान नेताओं के साथ समन्वय कर रही है और हमने उन्हें अपनी लाइव स्ट्रीम पर किसी भी तरह की अफवाहों पर अंकुश लगाने के लिए कहा है।

दोस्तों देश दुनिया की और को तेजी से जानने के लिए बनें रहें न्यूजट्रैक के साथ। हमें फेसबुक पर फॉलों करने के लिए @newstrack और ट्विटर पर फॉलो करने के लिए @newstrackmedia पर क्लिक करें।

SK Gautam

SK Gautam

Next Story