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मुजफ्फरपुर शेल्टर होम में बड़ा फैसला, सभी 21 दोषियों को हुई उम्र कैद
भारत में बहुत से ऐसे अपराध होते हैं, लेकिन कुछ केस ऐसे भी है जो लोगों के जेहन में बैठ जाते हैं। ऐसा ही केस बिहार के मुजफफरपुर में हुआ था।
पटना: भारत में बहुत से ऐसे अपराध होते हैं, लेकिन कुछ केस ऐसे भी है जो लोगों के जेहन में बैठ जाते हैं। ऐसा ही केस बिहार के मुजफफरपुर में हुआ था। अब मुजफफरपुर शेल्टर होम केस में दिल्ली की साकेत कोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाया है। साकेत कोर्ट ने इस मामले के किंगपिन और आरोपी करार दिए गए ब्रजेश ठाकुर को उम्रकैद की सजा सुनाई है।
ये मामला मुंबई की टाटा इंस्टिट्यूट ऑफ सोशल साइंस (TISS) की रिपोर्ट के बाद सामने आया था। इस मामले में साकेत कोर्ट ने ब्रजेश ठाकुर के साथ-साथ 21 आरोपियों के खिलाफ पॉक्सो, बलात्कार, आपराधिक साजिश और अन्य धाराओं में आरोप तय किया था। CBI ने इस मामले में ब्रजेश ठाकुर को खास आरोपी बनाया था।
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वर्ष 2018 में तय हुआ था आरोप
मुजफ्फरपुर शेल्टर होम केस को सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद दिल्ली ट्रांसफर किया गया था। उस समय से इस मामले की सुनवाई साकेत कोर्ट में चल रही थी और अब जाकर इसमें फैसला सुनाया गया। अदालत ने इस मामले में 20 मार्च, 2018 को आरोप तय किए थे।
चुनाव लड़ चुका है ब्रजेश ठाकुर
इस केस के मुख्य आरोपी ब्रजेश ठाकुर ने साल 2000 में मुजफ्फरपुर के कुढ़नी विधानसभा क्षेत्र से बिहार पीपुल्स पार्टी (बिपीपी) के टिकट पर चुनाव लड़ा था और हार गए थे। अदालत ने 30 मार्च, 2019 को ठाकुर समेत अन्य आरोपियों के खिलाफ बलात्कार और नाबालिगों के यौन शोषण का आपराधिक षड्यंत्र रचने के आरोप तय किए थे। कोर्ट ने बलात्कार, यौन उत्पीड़न, नाबालिगों को नशा देने, आपराधिक धमकी समेत अन्य अपराधों के लिए मुकदमा चलाया था।
क्या है पूरा मामला
आपको बता दें कि मुजफ्फरपुर शेल्टर होम मामले में 40 नाबालिग बच्चियों और लड़कियों से रेप और यौन शोषण होने की बात सामने आई थी। जिस शेल्टर होम में बच्चियों के साथ रेप हुआ था, वो ब्रजेश ठाकुर का है। इस मामले में ब्रजेश ठाकुर के अलावा शेल्टर होम के कर्मचारी और बिहार सरकार के समाज कल्याण विभाग के अधिकारी भी दोषी बनाए गए थे। SC ने बिहार से केस दिल्ली ट्रांसफर किया था।
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जब ये मामला सुर्खियों में आया फिर उसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने इसे बिहार से दिल्ली ट्रांसफर कर दिया था, जिसके बाद साकेत कोर्ट में इसकी सुनवाई चल रही थी। कोर्ट ने 20 मार्च, 2018 को मामले में आरोप तय किए थे। आरोपियों में आठ महिलाएं और 12 पुरुष शामिल हैं। कोर्ट ने ब्रजेश ठाकुर के साथ-साथ 21 आरोपियों के खिलाफ पॉक्सो, रेप, आपराधिक साजिश और अन्य धाराओं के अंदर आरोप तय किए थे।