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NIA की पूछताछ में बड़ा खुलासा, PFI के निशाने पर थी PM मोदी की पटना रैली

केरल से गिरफ्तार शफीफ पैठ ने NIA को बताया कि उनके निशाने पर PM नरेंद्र मोदी की पटना रैली थी।PFI लीडर रैली के दौरान माहौल बिगाड़ना चाहते थे। इसके लिए बाकायदा बैनर-पोस्टर भी बनाए थे।

Krishna Chaudhary
Published on: 24 Sept 2022 12:27 PM IST (Updated on: 24 Sept 2022 12:45 PM IST)
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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (सोशल मीडिया)

PFI Wanted to Target PM Modi : राष्ट्रीय जांच एजेंसी (National Investigation Agency) यानि NIA ने हाल के दिनों में देशभर में पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) के कई ठिकानों पर छापेमारी की। अब NIA ने कई चौंकाने वाले खुलासे किए हैं। इसी कड़ी में केरल से गिरफ्तार PFI के सदस्य शफीक पैठ से पूछताछ में खुलासे से जांच एजेंसियां भी सकते में हैं। शफीफ पैठ ने NIA को बताया कि उनके निशाने पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पटना रैली (PM Narendra Modi Patna Rally) थी। शरीफ के अनुसार, PFI लीडर रैली के दौरान माहौल बिगाड़ना चाहते थे। उन्होंने बताया इसके लिए बाकायदा बैनर- पोस्टर भी बनाए गए थे।

कट्टरपंथी मुस्लिम संगठन पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) को लेकर राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने बड़ा खुलासा किया है। एनआईए ने केरल से गिरफ्तार किए गए पीएफआई के मेंबर शफीक पैठ से हुई पूछताछ का हवाला देते हुए बताया कि कट्टरपंथी संगठन के निशाने पर 12 जुलाई को बिहार की राजधानी में आयोजित प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की रैली थी। पीएफआई ने प्रधानमंत्री पर सटीक हमले की तैयारी को लेकर प्रशिक्षण शिविर का भी आयोजन किया था।

मकसद माहौल बिगाड़ना

शफीक पैठ ने जांच एजेंसी को बताया कि उसका मकसद रैली के दौरान वहां का माहौल बिगड़ाना था। पीएफआई ने इसके लिए बकायदा बैनर – पोस्टर भी बनवाए थे। संगठन का टेरर मॉड्यूल खतरनाक हथियारों और विस्फोटकों को जुटाने में लगा हुआ था। बता दें कि प्रधानमंत्री मोदी 12 जुलाई को बिहार विधानसभा के 100 साल पूरा होने के मौके पर आयोजित कार्यक्रम में भाग लेने राजधानी पटना आए थे।

पटना से भी संदिग्धों की हो चुकी है गिरफ्तारी

एनआईए का ये खुलासा अहम इसलिए है क्योंकि जुलाई में भी पटना पुलिस ने पीएफआई के संदिग्धों की गिरफ्तारी की थी। उस समय उनसे बरामद दस्तावेजों में इंडिया 2047 नाम से पीएफआई की बुकलेट भी थी। जिसमें 2047 तक भारत को मुस्लिम राष्ट्र बनाने का आतंकी ब्लूप्रिंट था। उस समय भी यह बात सामने आई थी कि पीएफआई अपने नापाक मंसूबों के लिए जगह -जगह ट्रेनिंग कैंप लगा रही है। हर बार की तरह पीएफआई ने इस बार भी अपने ऊपर लगे आरोपों को खारिज किया था।

वहीं, पीएफआई के संदिग्धों की गिरफ्तारी को लेकर पटना के एसएसपी मानवजीत सिंह ढिल्लों का एक को लेकर बिहार में जमकर बवाल हुआ था। ढिल्लों ने पीएफआई ट्रेनिंग कैंपों की तुलना आरएसएस की शाखा से कर दी थी, जिस पर तब सरकार में सहयोगी रही बीजेपी ने कड़ी आपत्ति जाहिर की थी। विवाद बढ़ने के बाद पटना एसएसपी को बयान पर सफाई देनी पड़ी थी।

पीएफआई को मिल रही भारी फंडिंग

जांच के दौरान एनआईए को ये भी पता चला है कि पीएफआई के खाते में साल भर में ही 120 करोड़ रूपये जमा हुए थे। इसके साथ ही बैंक में जमा पैसे से दोगुना पैसा नकद के रूप में इकट्ठा किया गया था। संगठन को ये पैसा न केवल देश के विभिन्न शहरों से मिल रहे थे बल्कि विदेशों से भी मोटी रकम आ रही थी। इस पैसे का इस्तेमाल देश विरोधी गतिविधियों में किया जाता था।

बता दें कि गुरुवार को एनआईए और ईडी ने देश के 15 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में 96 ठिकानों पर रेड मारी थी। उस दौरान एनआईए ने 106 लोगों को गिरफ्तार किया था। सबसे अधिक केरल से 22 गिरफ्तारियां हुई थीं। कल यानी शुक्रवार को केरल में पीएफआई ने इस कार्रवाई के विरूद्ध हिंसक विरोध प्रदर्शन भी किया था। केरल में संघ कार्यालय को पेट्रोल बम से उड़ाने की कोशिश भी की गई थी।



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अमन कुमार - बिहार से हूं। दिल्ली में पत्रकारिता की पढ़ाई और आकशवाणी से शुरू हुआ सफर जारी है। राजनीति, अर्थव्यवस्था और कोर्ट की ख़बरों में बेहद रुचि। दिल्ली के रास्ते लखनऊ में कदम आज भी बढ़ रहे। बिहार, यूपी, दिल्ली, हरियाणा सहित कई राज्यों के लिए डेस्क का अनुभव। प्रिंट, रेडियो, इलेक्ट्रॉनिक और डिजिटल मीडिया चारों प्लेटफॉर्म पर काम। फिल्म और फीचर लेखन के साथ फोटोग्राफी का शौक।

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