कोरोना वायरस से जुड़ी बड़ी खबरः इसलिए सिर्फ मनुष्यों को संक्रमित कर रहा वायरस

चीन ने लगातार अंतरराष्ट्रीय शोध का और इस बात का खंडन करता रहा है कि विषाणु की उत्पत्ति मध्य चीनी शहर में स्थित वुहान इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी में एक उच्च-सुरक्षा जीव विज्ञान प्रयोगशाला में हुई। जहां पिछले साल के अंत में कोविद -19 बीमारी का प्रकोप हुआ था।

राम केवी
Published on: 20 May 2020 1:25 PM GMT
कोरोना वायरस से जुड़ी बड़ी खबरः इसलिए सिर्फ मनुष्यों को संक्रमित कर रहा वायरस
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रामकृष्ण वाजपेयी

कोरोनावायरस पर हुए एक नये अध्ययन में कहा गया है कि यह वायरस जानवरों के मुकाबले कहीं अधिक तेजी से मनुष्यों पर अटैक कर रहा है। इससे ऐसा लगता है कि जैसे इसे मनुष्यों के लिए ही बनाया गया हो। अब यह बात दीगर है कि ये वायरस प्रकृति से उपजा है या इसका जन्मस्थान कहीं और है।

एक शोध में इस बात का खुलासा हुआ है कि नोवेल कोरोनोवायरस जानवरों के बजाय मानव कोशिकाओं को संक्रमित करने के लिए बेहद अनुकूल है। यह शोध ऑस्ट्रेलिया में शोधकर्ताओं ने की है। इस नए अध्ययन में वायरस की उत्पत्ति के बारे में भी सवाल उठाये गए हैं। गौरतलब है कि कोरोना वायरस से मंगलवार तक 318,000 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है और पूरी दुनिया में 50 लाख से अधिक बीमार हो चुके हैं।

क्या सिर्फ मनुष्यों पर अटैक के लिए बना है कोरोनावायरस

"सिलिको" या कंप्यूटर सिमुलेशन विधि का उपयोग करते हुए शोधकर्ताओं ने पाया कि "... SARSCoV2 [वायरस जो कोविद -19 का कारण बनता है] विशिष्ट रूप से मनुष्यों को संक्रमित करने के लिए अनुकूल है, ऐसे में सवाल यह उठता है कि क्या यह दुर्लभ वायरस प्रकृति में उत्पन्न हुआ है या इसकी उत्पत्ति कहीं और हुई है।”

भारत में दो प्रशिक्षुओं सहित चार शोधकर्ताओं ने मानव और पैंगोलिन सहित कई जानवरों पर कोविद -19 वायरस के "स्पाइक प्रोटीन" के संबंध का परीक्षण किया।

अध्ययन में पाया गया, " SARSCoV2 में विशेष रूप से स्पाइक प्रोटीन में मानव ACE2 (कोशिकाओं पर एक रिसेप्टर) के लिए उच्चतम बाध्यकारी ऊर्जा थी, जो चमगादड़ सहित अन्य परीक्षण की गई प्रजातियों से अधिक थी। अध्ययन का नतीजा यह इंगित करता है कि SARSCoV2 मनुष्यों के लिए एक अत्यधिक अनुकूलित रोगज़नक़ है। ”

अध्ययन यूएस-आधारित कॉर्नेल विश्वविद्यालय के प्री-प्रिंट सर्वर पर उपलब्ध है। अनुसंधान प्रशंसनीय है, लेकिन अमेरिका के रटगर्स विश्वविद्यालय में रसायन विज्ञान और रासायनिक जीवविज्ञान विभाग से रिचर्ड एच एब्राइट इन्हें कमजोर सबूत बताया है।

चीन ने लगातार अंतरराष्ट्रीय शोध का और इस बात का खंडन करता रहा है कि विषाणु की उत्पत्ति मध्य चीनी शहर में स्थित वुहान इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी में एक उच्च-सुरक्षा जीव विज्ञान प्रयोगशाला में हुई। जहां पिछले साल के अंत में कोविद -19 बीमारी का प्रकोप हुआ था।

अलबत्ता शोध कर्ता डाटा का विश्लेषण करते समय हैरान थे कि यह वायरस कितनी तेजी से मनुष्यों को अपनी चपेट में ले रहा है। जबकि जानवरों पर नतीजे इस स्तर के संक्रमण के नहीं मिले हैं।

राम केवी

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