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Delhi News: पूजा खेडकर को हाईकोर्ट से बड़ी राहत, 4 अक्टूबर तक टली गिरफ्तारी
Delhi News:हाईकोर्ट में सुनवाई के दौरान पूजा खेडकर के वकील ने कहा कि पूजा खेडकर महाराष्ट्र में ही हैं। अभी यह मामला मीडिया में काफी चर्चा में है। पूरी मीडिया का ध्यान पूजा खेडकर पर है। ऐसे में वह काफी दबाव में हैं।
Delhi News: बर्खास्त ट्रेनी आईएएस पूजा खेडकर को गुरुवार को दिल्ली हाईकोर्ट से बड़ी राहत मिली है। हाईकोर्ट ने उनकी गिरफ्तारी पर लगी रोक को अब 4 अक्टूबर 2024 तक बढ़ा दिया है। कोर्ट ने यह आदेश पूजा खेडकर की अग्रिम जमानत याचिका पर सुनवाई के बाद दिया है।
बता दें कि 31 जुलाई 2024 को यूपीएससी ने पूजा खेडकर की उम्मीदवारी रद्द की थी और उन्हें भविष्य में किसी भी परीक्षा में शामिल होने पर रोक लगा दी थी। यूपीएससी ने यह निर्णय तब लिया था जब पूजा खेडकर को अपनी शक्तियों का दुरुपयोग करने और सीएसई (सिविल सेवा परीक्षा) 2022 नियमों के प्रावधानों का उल्लंघन करने का दोषी पाया गया, जिसमें पूजा द्वारा अपनी पहचान को गलत तरीके से पेश करना भी शामिल था। इसको लेकर पूजा ने हाईकोर्ट का रूख किया था।
हाईकोर्ट में सुनवाई के दौरान पूजा खेडकर के वकील ने कहा कि पूजा खेडकर महाराष्ट्र में ही हैं। अभी यह मामला मीडिया में काफी चर्चा में है। पूरी मीडिया का ध्यान पूजा खेडकर पर है। ऐसे में वह काफी दबाव में हैं। वहीं मीडिया के दबाव वाली बात पर दिल्ली पुलिस के वकील ने कहा कि जांच एजेंसियों पर कभी दबाव नहीं होता। वहीं यूपीएससी के वकील ने कहा कि वह अपनी वजह से मशहूर हुई हैं। वकील ने कहा, ऐसा है तो उन्हें कोई प्रेस कॉन्फ्रेंस नहीं करनी चाहिए। दिल्ली हाईकोर्ट ने पहले 28 अगस्त को पूजा खेडकर की गिरफ्तारी पर 5 सितंबर तक रोक लगाई थी, जिसे बाद में 26 सितंबर तक बढ़ा दिया गया था। अब वकील ने जवाब दाखिल करने के लिए एक सप्ताह का और समय मांगा है जिसके कारण से पूजा खेडकर की गिरफ्तारी पर 4 अक्टूबर तक रोक बढ़ा दी गई है। इस तरह उनकी गिरफ्तारी अब सात दिन और टल गई है।
इससे पहले दिल्ली पुलिस ने पूजा खेडकर की अग्रिम जमानत याचिका का विरोध किया और कहा कि उन्होंने दिव्यांगता के फर्जी प्रमाण पत्र जमा किए थे। दिल्ली पुलिस ने अपनी स्टेटस रिपोर्ट में कहा था कि सिविल सेवा की 2022 और 2023 में दी गई परीक्षा में अलग-अलग उन्होंने दिव्यांगता सर्टिफिकेट जमा किए थे। ये सर्टिफिकेट कथित तौर पर महाराष्ट्र के अहमदनगर के मेडिकल अथॉरिटी ने जारी किया था।
यूपीएससी ने दर्ज कराया था मुकदमा
31 जुलाई को यूपीएससी ने पूजा खेडकर की उम्मीदवारी रद्द कर दी थी और उन्हें भविष्य की किसी भी परीक्षा में शामिल होने से रोक दिया था। यह निर्णय तब लिया गया जब पूजा खेडकर को अपनी शक्तियों का दुरुपयोग करने और सीएसई (सिविल सेवा परीक्षा) 2022 नियमों के प्रावधानों का उल्लंघन करने का दोषी पाया गया। यूपीएससी ने पूजा खेडकर के खिलाफ धोखाधड़ी और जालसाजी के लिए एक आपराधिक मामला भी शुरू किया था। इसके बाद पूजा खेडकर ने यूपीएससी द्वारा उनकी उम्मीदवारी रद्द करने के फैसले को चुनौती देते हुए दिल्ली हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। कोर्ट के समक्ष अपने जवाब में पूजा खेडकर ने दावा किया था कि उन्होंने यूपीएससी को अपने नाम में हेरफेर या गलत जानकारी नहीं दी है।