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Caste Census: जातिगत जनगणना के पीछे इन दो नेताओं का बड़ा हाथ, जानिए इनका राजनीतिक करियर

Caste Census: सबसे पहला जातिगत जनगणना को लेकर 1931 में आंकड़े जारी हुए थे। इसके बाद से कोई जातिगत आंगकड़े नहीं जारी किया गया था।

Anant kumar shukla
Published on: 2 Oct 2023 5:43 PM IST (Updated on: 2 Oct 2023 5:47 PM IST)
Lalu Yadav and Nitish
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Lalu Yadav and Nitish (Photo-Social Media)

Caste Census: बिहार सरकार ने जातिगत जनगणना के आंकड़े जारी कर दिए हैं। इसके बाद अब जातिगत जनगणना को लेकर अब सियासत गर्माने लगा है। इसको लेकर सालों से कुछ क्षेत्रिय पार्टियां आवाज उठा रही थी। लेकिन अब राहुल गांधी इस मुद्दे को लेकर सरकार पर हमला बोल दिए हैं। अब यह प्रमुख चुनावी मुद्दा बनता जा रहा है। राहुल गांधी ने 25 दिसंबर को छत्तीसगढ़ के बिलासपुर में कहा, जातिगत जनगणना हिन्दुस्तान का एक्सरे है। इससे पता चल जाएगा देश में ओबीसी, आदिवासी और सामान्यव वर्ग के लोगों की संख्या कितनी है। आंकड़ा आने से देश सबको आगे लेकर चल पाएगा। ओबीसी सहित सभी महिलाओं को भागीदारी देनी है तो जातिगत जनगणना करानी होगी। राहुल गांधी के इस बयान से साफ हो गया है, आगामी चुनावों में यही मुद्दा रहने वाला है। पांच राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनाव में भी यही प्रमुख मुद्दा रहने वाला है। सोमवार को बिहार सरकार ने जातीय गणना की रिपोर्ट जारी कर दी है। इसके साथ ही बिहार जातीय जनगणना जारी करने वाला पहला राज्य बन गया है। इससे पले 1931 में जातिगत जनगणना को लेकर आंकड़े जारी हुए थे। इसके बाद से कोई जातिगत आंगकड़े नहीं जारी किए गए थे।

बिहार में जातिगत जनगणना की मांग करने वाले प्रमुख नेता

जातिगत जनगणना की मांग को बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और राजद प्रमुख लालू यादव का नाम सबसे आगे है। 2021 में होने वाली जनगणना के साथ ही जातिगत जनगणना की मांग तेज हुई। नीतीश ने वर्ष 2021 में होने वाली जनगणना में ओबीसी समाज की गिनती के लिए अहम प्रस्ताव पास किया। इस प्रस्ताव के साथ ही नीतीश ने जातिगत जनगणना केन्द्र सरकार के पाले में डाल दिया। तेजस्वी यादव का ओबीसी के बीच बढ़ते प्रभाव के बीच नीतीश कुमार को भी ओबीसी में अपनी पैठ बनानी थी। यही मुख्य कारण रहा कि जातिगत जनगणना की पूरी कहानी लिखी गई। अब लालू यादव, नीतीश कुमार साथ है और पूरे देश में ओबीसी वोटो पर अपनी पैठ बनाने के लिए लगातार जातिगत जनगणना की मांग कर रहे हैं।

उत्तर प्रदेश में जातिगत जनगणना प्रमुख मुद्दा

उत्तर प्रदेश में भी लगातार जातिगत जनगणना को लेकर लगातार मांग उठती रहती हैं। यूपी में जातिगत जनगणना को लेकर मांग करने वालों में अखिले यादव प्रमुख चेहरा हैं। सपा प्रमुख लगभग सभी बयान में जातिगत जनगणना की मांग रखते हैं। विधानसभा चुनाव 2022 में भी प्रमुख मुद्दों में से एक जातिगत जनगणना भी थी। इसको लेकर सपा विधायकों ने विधानसभा में भी जमकर हंगामा किया था। अखिलेश यादव के अनुसार बिना जातिगत जनगणना के सभी जातियों का समान विकास संभव नहीं है। जनगणना से पता चल जाएगा कि कौन सा वर्ग कितना पिछड़ा हुआ है। उसके अनुसार उन्हें रियायत दी जाए।

लालू यादव का राजनीतिक सफर

लालू यादव का जन्म बिहार के गोपालगंज में एक यादव परिवार में हुआ था। इनके राजनीतिक कैरियर की शुरुआत जयप्रकाश नारायण के आन्दोलन के साथ शुरू हुई। उस समय ये एक छात्रनेता थे और राजनेता सत्येन्द्र नारायण सिन्हा के बेहद करीबी थे। 1977 में आपातकाल के बाद लोकसभा चुनाव जीतकर पहली बार 29 साल में की उम्र में लोकसभा पहुंचे। 1990 से 1997 बिहार के मुख्यमंत्री रहे। जबकि 2004 से 2009 तक केन्द्र सरकार में रेल मंत्री रहे। चारा घोटाले में फंसने के बाद कोर्ट ने पांच साल के कारावास की सजा सुनाई।

नीतीश कुमार का राजनीतिक सफर

नीतीश कुमार का जन्म हरनौत नालन्दा में एक कुर्मी परिवार में हुआ था। उनके पिता स्वतंत्रता सेनानी थे और बिहार के संस्थापकों में से एक अनुग्रह नारायण सिन्हा के बेहद करीबी थे। उनके पिता कविराज राम लखन एक आयुर्वेदिक वैद्य थे। नीतीश कुमार का उपनाम मुन्ना है। इन्होंने 1972 में इंजिनियरिंग की पढ़ाई की थी। इसके बाद बिहार राज्य बिजली बोर्ड में शामिल हो गए। बाद में राजनीति में आ गए। नीतीश 2005 से 2014 तक बिहार के मुख्यमंत्री रहे। इसके बाद 2015 से 2017 तक मुख्यमंत्री रहने के बाद स्तीफा दे दिया था। वर्तमान में बिहार के मुख्यमंत्री हैं और एनडीए के खिलाफ बने इंडिया गंठबंधन में अग्रणी नेता हैं।



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Anant kumar shukla

Anant kumar shukla

Content Writer

अनंत कुमार शुक्ल - मूल रूप से जौनपुर से हूं। लेकिन विगत 20 सालों से लखनऊ में रह रहा हूं। BBAU से पत्रकारिता में पोस्ट ग्रेजुएशन (MJMC) की पढ़ाई। UNI (यूनिवार्ता) से शुरू हुआ सफर शुरू हुआ। राजनीति, शिक्षा, हेल्थ व समसामयिक घटनाओं से संबंधित ख़बरों में बेहद रुचि। लखनऊ में न्यूज़ एजेंसी, टीवी और पोर्टल में रिपोर्टिंग और डेस्क अनुभव है। प्रिंट, इलेक्ट्रॉनिक और डिजिटल मीडिया प्लेटफॉर्म पर काम किया। रिपोर्टिंग और नई चीजों को जानना और उजागर करने का शौक।

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