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Crypto Fraud: बिटकॉइन और क्रिप्टो फ्रॉड मामले में बड़ी कार्रवाई, CBI ने देशभर में 60 स्थानों पर की छापेमारी

Crypto Fraud: CBI ने बिटकॉइन और क्रिप्टोकरेंसी धोखाधड़ी के एक बड़े मामले में देशभर के 60 से अधिक स्थानों पर छापेमारी की है। ये छापे दिल्ली एनसीआर, पुणे, चंडीगढ़, नांदेड़, कोल्हापुर, बेंगलुरु और अन्य प्रमुख शहरों में मारे गए हैं। इस घोटाले में फर्जी वेबसाइटों और ऑनलाइन धोखाधड़ी का इस्तेमाल किया गया, जिसमें आरोपियों ने बड़ी क्रिप्टो एक्सचेंज वेबसाइटों की नकल करके निवेशकों को ठगा।

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Newstrack Network
Published on: 25 Feb 2025 6:42 PM IST
Crypto Fraud: बिटकॉइन और क्रिप्टो फ्रॉड मामले में बड़ी कार्रवाई, CBI ने देशभर में 60 स्थानों पर की छापेमारी
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Cryptocurrency (सोशल मीडिया)

Crypto Fraud: देशभर में क्रिप्टोकरेंसी से जुड़े धोखाधड़ी के मामलों में सीबीआई ने 60 से ज्यादा स्थानों पर छापेमारी की है। यह छापेमारी दिल्ली एनसीआर, पुणे, चंडीगढ़, नांदेड़, कोल्हापुर, बेंगलुरु और अन्य प्रमुख शहरों में की गई। इस घोटाले में फर्जी वेबसाइटों और ऑनलाइन धोखाधड़ी के माध्यम से निवेशकों को ठगा गया था। आरोपियों ने बड़ी क्रिप्टो एक्सचेंज वेबसाइटों की नकल करके लोगों से पैसे ऐंठे।

क्रिप्टोकरेंसी का यह धोखाधड़ी स्कैम 2015 में शुरू हुआ था, जिसमें प्रमुख आरोपी अमित भारद्वाज (जो अब मृतक हैं) और उनके भाई अजय भारद्वाज शामिल थे। उन्होंने "GainBitcoin" और अन्य नामों से कई फर्जी वेबसाइट्स बनाई थीं और लोगों को पोंजी स्कीम के तहत क्रिप्टोकरेंसी में निवेश करने के लिए आकर्षित किया था। इन वेबसाइट्स का नियंत्रण "Variabletech Pte. Ltd." नामक कंपनी के पास था। आरोपियों ने निवेशकों से 18 महीने के भीतर 10 प्रतिशत रिटर्न देने का वादा किया था, जिसके बाद उन्होंने निवेशकों को एक्सचेंजों से बिटकॉइन खरीदने और "क्लाउड माइनिंग" अनुबंधों के माध्यम से गेनबिटकॉइन के साथ निवेश करने के लिए प्रेरित किया था।

शुरुआत में निवेशकों को रिटर्न मिलते रहे, लेकिन 2017 तक यह स्कीम खराब हो गई और निवेशकों की संख्या घटने लगी। इसके बाद, आरोपियों ने निवेशकों के पैसों को अपनी खुद की क्रिप्टोकरेंसी (MCAP) में बदल दिया, जिसकी वास्तविक कीमत बिटकॉइन से कहीं कम थी। इस बदलाव से निवेशकों को भारी नुकसान हुआ।

इस क्रिप्टोकरेंसी फ्रॉड में मनी लॉन्ड्रिंग और धोखाधड़ी के आरोप भी लगे हैं, जिसके बाद विभिन्न राज्यों जैसे जम्मू और कश्मीर, पंजाब, चंडीगढ़, दिल्ली, पश्चिम बंगाल, मध्य प्रदेश, कर्नाटक और महाराष्ट्र में एफआईआर दर्ज की गईं। मामले की गंभीरता को देखते हुए सुप्रीम कोर्ट ने इसे सीबीआई के पास ट्रांसफर कर दिया है। सीबीआई अब पूरे मामले की गहरी जांच कर रही है, ताकि दोषियों को सजा मिल सके और निवेशकों को उनका पैसा वापस मिल सके।



Shivam Srivastava

Shivam Srivastava

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