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बिहार: बारिश का असर भी चमकी बुखार पर हुआ बेअसर, हुई फिर बच्चे की मौत

बारिश के साथ ही जिस ‘चमकी’ बुखार के खत्म होने का दावा बिहार सरकार के जिम्मेदारों की ओर से किया जा रहा था, उसने एक और बच्चे की जान ले ली। एक्यूट इंसेफेलाइटिस सिंड्रोम (एईएस) से रविवार को हुई एक बच्चे की मौत के बाद इससे मरने वाले बच्चों का सरकारी आंकड़ा भी 135 पहुंच गया है।

Vidushi Mishra
Published on: 30 Jun 2019 3:34 PM IST
बिहार: बारिश का असर भी चमकी बुखार पर हुआ बेअसर, हुई फिर बच्चे की मौत
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पटना : बारिश के साथ ही जिस ‘चमकी’ बुखार के खत्म होने का दावा बिहार सरकार के जिम्मेदारों की ओर से किया जा रहा था, उसने एक और बच्चे की जान ले ली। एक्यूट इंसेफेलाइटिस सिंड्रोम (एईएस) से रविवार को हुई एक बच्चे की मौत के बाद इससे मरने वाले बच्चों का सरकारी आंकड़ा भी 135 पहुंच गया है। मुजफ्फरपुर के श्री कृष्ण मेडिकल कॉलेज अस्पताल (एसकेएमसीएच) में अब तक 114 और यहीं के निजी केजरीवाल अस्पताल में मौत का आंकड़ा 21 तक पहुंच गया है।

डॉक्टरों को भरोसा, बारिश के बाद घटेगी बीमारी

एक बात स्पष्ट है कि डॉक्टरों को इस बात का यकीन है कि बारिश के बाद मरीजों की संख्या घटेगी और धीरे-धीरे बीमारी रुक जाएगी, क्योंकि 22 जून को मुजफ्फरपुर में बारिश होने से पहले दर्जनों बच्चों को अस्पताल में भर्ती कराया गया था। इसके बाद, शायद ही पहले के मुकाबले एक दिन में किसी बच्चे की मौत हुई हो।

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शोध से मिली जानकारी, बारिश के बाद घटती है बीमारी

सेंट्रल यूनिवर्सिटी ऑफ साउथ बिहार के शोधकर्ताओं द्वारा किए गए एक अध्ययन में बताया गया है कि एईएस का आर्द्रता और तापमान के साथ सीधा संबंध है, और एक बार बारिश शुरू होने के बाद, मामलों की संख्या घटने लगती है।

हीट वेव, ह्यूमिडिटी और हाइपोग्लाइसीमिया हैं बीमारी के कारण

इस बीमारी के प्रमुख कारण थ्री एच पर आधारित हैं। हीट वेव, ह्यूमिडिटी और हाइपोग्लाइसीमिया से बीमारी बढ़ती है, जिससे बच्चों की मौत हो जाती है। तापमान कम करने के लिए बारिश आवश्यक है। इससे बीमारी घटने लगती है।

Vidushi Mishra

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