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Anand Mohan : आनंद मोहन की रिहाई के फैसले पर गहराया विवाद, IAS एसोसिएशन नाराज तो कृष्णैया की पत्नी करेंगे SC का रुख

Anand Mohan Controversy: तेलंगाना में जन्मे जी कृष्णैया दलित समुदाय से जुड़े हुए थे। वे बिहार में गोपालगंज के जिलाधिकारी थे। 1994 में जब वे मुजफ्फरनगर से गुजर रहे थे, उसी दौरान भीड़ ने पीट-पीटकर उनकी हत्या कर दी थी।

Anshuman Tiwari
Published on: 26 April 2023 5:06 PM IST
Anand Mohan : आनंद मोहन की रिहाई के फैसले पर गहराया विवाद, IAS एसोसिएशन नाराज तो कृष्णैया की पत्नी करेंगे SC का रुख
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anand mohan controversy(Newstrack)

Anand Mohan Controversy: आईएएस अफसर जी कृष्णैया की हत्या के मामले में उम्रकैद की सजा काट रहे पूर्व सांसद आनंद मोहन की रिहाई के नीतीश सरकार के फैसले पर विवाद लगातार बढ़ता जा रहा है। सेंट्रल आईएएस एसोसिएशन नीतीश सरकार के इस फैसले की कड़ी निंदा करते हुए इस फैसले पर पुनर्विचार करने की अपील की है। एसोसिएशन की ओर से कहा गया है कि बिहार सरकार का यह फैसला काफी निराश करने वाला है क्योंकि आनंद मोहन आईएएस अफसर जी कृष्णैया की नृशंस हत्या की थी। एसोसिएशन ने नीतीश सरकार के इस फैसले को वापस लेने की मांग की है।

दूसरी ओर जी कृष्णैया की पत्नी और बेटी ने बिहार सरकार के इस फैसले की कड़ी आलोचना करते हुए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को सवालों के कटघरे में खड़ा किया है। कृष्णैया की पत्नी उमा देवी इस मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट जाने की तैयारी में जुट गई हैं। जानकारों के मुताबिक कई आईएएस अफसरों ने उमा देवी से संपर्क साधा है और अब वे इस मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट ले जाने पर विचार कर रही हैं।

नीतीश से फैसले पर पुनर्विचार की अपील

आईएएस एसोसिएशन ने नीतीश सरकार की ओर से उठाए गए कदम की निंदा करते हुए कहा कि यदि यह फैसला वापस नहीं लिया जाता है तो यह न्याय से वंचित होने के समान होगा। एसोसिएशन ने कहा कि 1985 बैच के आईएएस जी कृष्णैया की नृशंस तरीके से हत्या की गई थी। नीतीश सरकार को अपने फैसले पर पुनर्विचार करना चाहिए। कृष्णैया के पत्नी उमा देवी ने कहा कि बिहार सरकार के फैसले से आईएएस अधिकारियों में काफी नाराजगी है।

1985 बैच के आईएएस अफसरों ने आपस में बातचीत की है और उसके बाद उन्होंने उमादेवी से भी संपर्क साधा है। उमा देवी ने कहा कि यह बड़ी लड़ाई है और वे अकेले इस लड़ाई को लड़ने में सक्षम नहीं है। उन्होंने कहा कि यदि इस मुद्दे पर उन्हें लोगों का साथ मिला तो वे निश्चित रूप से सुप्रीम कोर्ट का रुख करेंगी। उन्होंने कहा कि वे सुप्रीम कोर्ट से अपने पति के हत्यारे को न छोड़ने की गुहार लगाएंगी। उन्होंने राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री से भी इस मामले में हस्तक्षेप करने की गुहार लगाई।

कृष्णैया की पत्नी ने नीतीश कुमार को घेरा

मीडिया से बातचीत के दौरान उमा देवी ने कहा कि मेरे पति के हत्यारे को फांसी की सजा होनी चाहिए। नहीं तो कम से कम उसे आजीवन जेल में रखा जाना चाहिए। उन्होंने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को घेरते हुए कहा कि उन्हें केवल अपनी सरकार के बारे में नहीं बल्कि पब्लिक के बारे में सोचना चाहिए। उन्होंने कहा कि केवल अपनी सरकार बनाने के लिए नीतीश कुमार अपराधियों को जेल से छोड़ रहे हैं।

अगर ऐसे आदमी को जेल से छोड़ा गया तो अन्य अपराधियों को भी बढ़ावा मिलेगा। उमा देवी ने कहा कि ऐसी चर्चा सुनाई दे रही है कि राजपूत समाज का वोट हासिल करने के लिए आनंद मोहन को जेल से रिहा किया जा रहा है। उन्होंने राजपूत समाज से भी सवाल किया कि क्या उसे हम बुरे लोगों के समर्थन में आगे आना चाहिए?

मायावती भी जता चुकी हैं आपत्ति

तेलंगाना में जन्मे जी कृष्णैया दलित समुदाय से जुड़े हुए थे। वे बिहार में गोपालगंज के जिलाधिकारी थे। 1994 में जब वे मुजफ्फरनगर से गुजर रहे थे, उसी दौरान भीड़ ने पीट-पीटकर उनकी हत्या कर दी थी। मौके पर जुटी भीड़ गैंगस्टर छोटन शुक्ला की हत्या का विरोध कर रही थी। हत्या की घटना के समय आनंद मोहन भी मौके पर मौजूद थे। इस मामले में पहले उन्हें फांसी की सजा सुनाई गई थी मगर बाद में पटना हाईकोर्ट ने इस सजा को उम्रकैद में बदल दिया था। अब नीतीश सरकार की ओर से उठाए गए कदम की वजह से आनंद मोहन की रिहाई का रास्ता साफ हो गया है।

नीतीश सरकार के इस कदम पर बसपा मुखिया मायावती भी तीखी आपत्ति जता चुकी हैं और उन्होंने इस कदम को दलित समाज का अपमान बताया है। अब इस मामले को लेकर नीतीश सरकार पर हमले तेज हो गए हैं। जानकारों का मानना है कि जल्दी ही इस मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की जा सकती है

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