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Anant Singh: बाहुबली अनंत सिंह जेल से रिहा, बोले-बाहर आकर बढ़िया लग रहा है
Anant Singh News: हाईकोर्ट से राहत मिलने के बाद मोकामा के पूर्व विधायक अनंत सिंह को शुक्रवार सुबह करीब 5 बजे जेल से रिहा कर दिया गया। जेल से निकलने के बाद मीडिया से बात करते हुए उन्होंने कहा कि बाहर आकर बढ़िया लग रहा है।
Anant Singh News: बाहुबली नेता और मोकामा के पूर्व विधायक अनंत सिंह पटना के बेऊर जेल से रिहा हो गए हैं। शुक्रवार सुबह करीब 5.00 बजे वह जेल से बाहर निकले। उसे बाद मीडिया से बात करते हुए उन्होंने कहा कि हमें न्याय मिला और जेल से बाहर आकर बढ़िया लग रहा है। पटना हाईकोर्ट ने बुधवार को ही उन्हें बड़ी राहत दी थी और एके-47 केस में उन्हें सबूतों के अभाव में बरी कर दिया था। इस मामले में पटना की सिविल कोर्ट ने उन्हें कुछ साल पहले ही गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम के तहत 10 साल जेल की सजा सुनाई थी। हाईकोर्ट का फैसला आते ही अनंत सिंह के समर्थकों में खुशी की लहर छा गई। इस दौरान उनके एक उत्साही समर्थक ने उनके घोड़े को भी रसगुस्सा खिला दिया। इसका वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है।
मई में मिली थी पैरोल
बता दें कि इससे पहले, लोकसभा चुनाव के दौरान उन्हें मई महीने में पैरोल दी गई थी और वह 15 दिन की पैरोल पर जेल से बाहर आए थे। इस दौरान उन्होंने अपने इलाके में जेडीयू के ललन सिंह के लिए चुनाव प्रचार भी किया था और दावा किया था कि ललन सिंह 4 लाख वोटों से जीतेंगे। अनंत सिंह मोकामा से लगातार चार बार विधायक रहे हैं लेकिन दोषी ठहराए जाने के बाद अयोग्य ठहराया गया था।
जानिए किस मामले में ठहराए गए थे दोषी
अनंत सिंह को ये सजा 2019 के मामले में मिली थी। 2019 में पुलिस ने अनंत सिंह के घर पर छापेमारी की थी। घंटों चली इस रेड के बाद पुलिस ने दावा किया था कि अनंत सिंह के घर से एके-47 बरामद हुई थी। इस चर्चित मामले में अनंत सिंह ने कई दिनों तक फरार भी रहे थे। तीन-चार दिन बिहार पुलिस को चकमा देने के बाद अनंत सिंह ने दिल्ली की तीस हजारी कोर्ट में सरेंडर कर दिया था।
2022 में कोर्ट ने दोषी करार दिया था
2022 में कोर्ट ने उन्हें दोषी करारा दिया था। सजा के खिलाफ उन्होंने हाईकोर्ट का रुख किया और अब इस मामले में हाईकोर्ट ने उन्हें सबूतों के अभाव में बरी कर दिया है।
कभी नीतीश के बेहद करीबी थे अनंत सिंह
कभी नीतीश कुमार के बेहद खास रहे अनंत सिंह बाद में राजनीतिक कारणों से मुख्यमंत्री से दूर होते चले गए। एक बार उन्होंने नीतीश कुमार का चांदी के सिक्कों से तौल कर सम्मान किया था। 2015 विधानसभा चुनाव से ठीक पहले अनंत सिंह बागी हो गए थे। उन्होंने मोकामा सीट से निर्दलीय चुनाव लड़ा और जेल में रहते हुए जेडीयू प्रवक्ता नीरज कुमार को हरा दिया था। एक समय अनंत की तल्खी भरी टिप्पणियां खूब सुर्खियों में रहीं थीं। अनंत और नीतीश के बीच रिश्ते भी उतार-चढ़ाव भरे वाले देखने को मिलते रहे हैं।
बिहार की राजनीति में क्या होगा असर
अनंत सिंह के रिहा होने से बिहार की राजनीति में भी इसका असर देखने को मिलेगा। बिहार में जल्द ही विधानसभा के चुनाव होने वाले हैं। अनंत सिंह का चुनाव लड़ना भी तय है। वह स्वयं तो चुनाव लड़ेंगे ही साथी अपने आसपास की प्रभाव वाली दस से पंद्रह सिटों पर भी प्रभाव डालेंगे। अनंत सिंह नीतीश कुमार की जेडीयू के साथ हैं। ऐसे में एनडीए के लिए अनंत सिंह का रिहा होना अच्छा हो सकता हैं।