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North East Express Train Accident: बक्सर में क्यों बेपटरी हुई नॉर्थ ईस्ट एक्सप्रेस? प्रारंभिक जांच से सामने आई हादसे की वजह
North East Express Train Accident: दिल्ली-कामाख्या नॉर्थ ईस्ट एक्सप्रेस के बिहार के बक्सर में बेपटरी होने की संभावित वजह पटरी में खराबी बताई जा रही है।
North East Express Train Accident : बिहार के बक्सर जिले में रघुनाथपुर के पास नॉर्थ ईस्ट एक्सप्रेस (North East Express) के पटरी से उतरने की घटना की शुरुआती जांच में हादसे की वजह का खुलासा हो गया है। प्रारंभिक जांच के अनुसार, बक्सर में दिल्ली-कामाख्या नॉर्थ ईस्ट एक्सप्रेस के बेपटरी होने का संभावित कारण पटरी में खराबी थी। रेलवे ने इस ट्रेन हादसे की उच्च-स्तरीय जांच के आदेश दिए हैं।
गौरतलब है कि, बुधवार (11 अक्टूबर) देर रात रघुनाथपुर रेलवे स्टेशन (Raghunathpur Railway Station) के पास नॉर्थ ईस्ट एक्सप्रेस के सभी 23 डिब्बे और इंजन पटरी से उतर गए। इस हादसे में 4 लोगों की मौत हो गई, जबकि कई अन्य घायल हुए। हालांकि, News18 की खबर की मानें तो रेल मंत्रालय के अधिकारियों ने चल रही जांच का हवाला देते हुए इस प्रारंभिक रिपोर्ट पर किसी प्रकार की टिप्पणी से इनकार किया।
पटरी में खराबी के कारण हुई दुर्घटना !
मीडिया रिपोर्ट्स में बताया गया है कि, दस्तावेज में लोको पायलट द्वारा वर्णित दुर्घटना का विवरण भी शामिल है। इस पर ट्रैफिक इंस्पेक्टर (Traffic Inspector), लोको इंस्पेक्टर (Loco Inspector), सेक्शन इंजीनियर (Section Engineer) सहित अन्य लोगों ने हस्ताक्षर हैं, जिसमें दुर्घटना के बाद की स्थिति के बारे में जानकारी दी गई है। इतना ही नहीं बैटरी बॉक्स के क्षतिग्रस्त होने की वजह से स्पीडोमीटर 112 किमी प्रति घंटे की गति पर अटक जाने जैसी छोटी-छोटी जानकारियों पर गौर किया गया है। छह रेलवे अधिकारियों के हस्ताक्षर वाली रिपोर्ट में कहा गया है कि, ऐसा लगता है ये दुर्घटना पटरी में खराबी के कारण हुई।
गेटमैन और लोको पायलट की बातों में समानता
शुरुआती जांच रिपोर्ट में दी गई टिप्पणियों की मानें तो लेवल क्रॉसिंग (Level crossing) के गेट मैन ने अपने बयान में इस बात की पुष्टि की है कि ट्रेन के 8 से 10 डिब्बे हमेशा की तरह सामान्य रूप से गुजरे, लेकिन उसके बाद उन्होंने पटरियों में चिंगारी देखी। एक तेज आवाज भी सुनी गई। इस रिपोर्ट में ट्रेन के लोको पायलट ने भी ऐसी ही कहानी बताई है। उसने अचानक भारी कंपन और इंजन के दबाव में गिरावट का वर्णन किया।
रेलवे अधिकारियों ने बताए तथ्यात्मक पहलू
गौरतलब है कि, रेलवे सिस्टम में सिग्नल एक अहम पहलू है। रिपोर्ट में ऑन-ड्यूटी स्टेशन मास्टर के बयान से पता चला है कि, सिग्नल मेन लाइन के लिए सेट किया गया था। रेलवे अधिकारियों ने दुर्घटना के तथ्यात्मक पहलुओं को भी विस्तार से बताया। जिसमें कहा गया है कि, नॉर्थ ईस्ट एक्सप्रेस के 23 डिब्बों में से दो पूरी तरह पलट गए थे, जबकि तीसरा आंशिक रूप से पलटा था। रिपोर्ट में ये भी कहा गया है, कि इंजन समेत सभी 23 डिब्बे, सभी पहिए पटरी से उतर गए।