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Presidential Election 2022: CM नीतीश कुमार करेंगे NDA के राष्ट्रपति उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू का समर्थन, जानें क्यों देंगे भाजपा का साथ

Presidential Election 2022: नीतीश कुमार और BJP के अनबन की खबरें आ रही थीं लेकिन विपरीत इसके नीतीश कुमार राष्ट्रपति पद की NDA उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू को अपना समर्थन देने वाले हैं।

Rajat Verma
Published on: 22 Jun 2022 3:21 PM IST
Bihar CM Nitish Kumar will support Presidential candidate Draupadi Murmu, know why will support BJP
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 राष्ट्रपति चुनाव: बिहार सीएम नीतीश कुमार- पूर्व झारखण्ड राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू : Photo - Social Media

Presidential Election 2022: सत्ताधारी राष्ट्रीय लोकतांत्रिक गठबंधन (NDA) ने राष्ट्रपति चुनाव 2022 (Presidential Election 2022) के लिए पूर्व झारखण्ड राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू (Former Jharkhand Governor Draupadi Murmu) को अपना उम्मीदवार घोषित किया है। भाजपा और एनडीए के इस दांव से विपक्ष के उम्मीदवार यशवंत सिन्हा पूरी तरह से घिर चुके हैं।

दरअसल, द्रौपदी मुर्मू ओडिशा राज्य की रहने वाली हैं और आदिवासी समाज से ताल्लुक रखती हैं। ऐसे में झारखण्ड, ओडिशा समेत कई राज्य सरकारें जहां आदिवासी समाज है उनके लिए एनडीए (NDA) के प्रत्याशी का खुलकर विरोध करना मुश्किल हो गया है। अब बिहार सीएम नीतीश कुमार (Bihar CM Nitish Kumar) भी इसी फेहरिस्त में शामिल हो गए हैं।

राष्ट्रपति पद की एनडीए उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू को नीतीश कुमार देंगे समर्थन

दरअसल, पहले नीतीश कुमार और भाजपा (BJP) के अनबन की खबरें आ रही थीं लेकिन विपरीत इसके हालिया सूचना के मुताबिक नीतीश कुमार राष्ट्रपति पद की एनडीए उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू को अपना समर्थन देने वाले हैं।

इस जानकारी के तहत ऐसे कई समीकरण बन रहे हैं, जिनके आधार पर विपक्ष का समर्थन ना करते हुए नीतीश कुमार एनडीए के पाले में आ सकते हैं। दरअसल, ओडिशा के सीएम नवीन पटनायक द्वारा एनडीए उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू को समर्थन देने की बात चल रही है वहीं दूसरी ओर द्रौपदी मुर्मू के आदिवासी समाज से होने के चलते झारखण्ड के सीएम हेमंत सोरेन द्वारा भी विरोध के आसार ना के बराबर हैं।

नीतीश कुमार भाजपा के खिलाफ़ नहीं जा सकते

अब इन्हीं समीकरणों को देखते हुए बिहार सीएम नीतीश कुमार द्वारा द्रौपदी मुर्मु को अपना समर्थन देने के आसार प्रबल हैं। दरअसल, वर्तमान में बिहार की नीतीश कुमार सरकार भाजपा गठबंधन के साथ चल रही है और ऐसे में यदि नीतीश कुमार भाजपा के खिलाफ़ जाकर असफल साबित होते हैं तब भाजपा का उनकी सरकार पर दबाव बढ़ सकता है। ऐसे में भले ही बीते दो राष्ट्रपति चुनावों में नीतीश ने एनडीए से इतर अपना फैसला बनाया हो लेकिन इस बार के हालात ऐसे नज़र नहीं आ रहे।



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Shashi kant gautam

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