×

Bihar Election Results 2020: ऐसे होती है वोटों की गिनती, जानें प्रक्रिया और नियम

बिहार विधानसभा की 243 विधानसभा सीटों के लिए तीन चरणों में हुए मतदान के बाद चुनावी तस्वीर आज साफ हो जाएगी। बिहार के अलावा 10 राज्यों की 58 विधानसभा सीटों पर और बिहार की वाल्मीकि नगर लोकसभा सीट पर उप-चुनाव की मतगणना होने जा रही है।

Newstrack
Published on: 10 Nov 2020 9:21 AM IST
Bihar Election Results 2020: ऐसे होती है वोटों की गिनती, जानें प्रक्रिया और नियम
X
Bihar Election Results 2020: ऐसे होती है वोटों की गिनती, जानें प्रक्रिया और नियम

पटना: बिहार विधानसभा की 243 विधानसभा सीटों के लिए तीन चरणों में हुए मतदान के बाद चुनावी तस्वीर आज साफ हो जाएगी। बिहार के अलावा 10 राज्यों की 58 विधानसभा सीटों पर और बिहार की वाल्मीकि नगर लोकसभा सीट पर उप-चुनाव की मतगणना होने जा रही है। हर किसी की नजर इस बात पर टिकी है कि बिहार में इस बार बदलाव की बयार बहती है या एक बार फिर अनुभवी नीतीश कुमार के हाथों में ही राज्य की कमान रहेगी। हालांकि इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (EVM) से वोटिंग के कारण अब काउटिंग की प्रक्रिया बेहद आसान हो गई है। साथ ही परिणाम भी दिनभर के अंदर ही फाइनल हो जाते हैं। तो चलिए जानते हैं कि आखिर वोटों की काउंटिंग की प्रक्रिया क्या है...

ये भी पढ़ें: UP उपचुनाव: बंगरपुर नौगाव सादात में सपा आगे, घाटमपुर में बीजेपी आगे

ऐसे होती है वोटों की गिनती

रूल्स के हिसाब से सभी उम्मीदवारों और उनके एजेंट्स की उपस्थिति में वोट की गिनती निर्वाचन क्षेत्र के रिटर्निंग अफसर की देखरेख में होती है। वोटों की गिनती एक या उससे अधिक जगह पर या फिर एकसाथ एक ही स्थान पर की जा सकती है। साथ ही वोटिंग सेंटर पर 14 काउंटिंग टेबल बनाए जाते हैं और एक बार में ज्यादा से ज्यादा 14 EVM के वोटों की गिनती की जाती है।

सिर्फ इन लोगों को ही प्रवेश की अनुमति

जहां पर भी मतगणना हो रही होती है, उस जगह काउंटिंग सेंटर पर सिर्फ रिटर्निंग अफसर, संबंधित चुनाव एजेंट् के साथ उम्मीदवार, काउंटिंग एजेंट, ड्यूटी पर नियुक्‍त सरकारी कर्मचारी और अधिकृत चुनाव आयोग के एजेंट्स को ही आने-जाने की अनुमति होती है।

ये भी पढ़ें: Bihar Election Results 2020: शुरुआती रुझान में महागठबंधन को भारी बढ़त, एनडीए पिछड़ा

एजेंट की असंतुष्‍ट‍ि पर होती है री-काउंटिंग

किसी भी उम्‍मीदवार या उसके एजेंट के लिए सबसे महत्‍वपूर्ण होता है, राउंड खत्म होने के बाद का दो मिनट। असल में हर राउंड के बाद रिटर्निंग अफसर दो मिनट तक रुकता है। इस बीच उम्मीदवार असंतुष्‍ट‍ होने पर री-काउंट के लिए कह सकता है। यदि उम्‍मीदवार के एजेंट ने संतुष्‍ट‍ि जाहिर की तो वोटिंग आगे बढ़ेगी।

मानने होते हैं ये नियम

काउंटिंग हॉल के अंदर मोबाइल फोन ले जाने की अनुमति नहीं होती है। सामान्य पर्यवेक्षकों के अलावा, प्रत्येक काउंटिंग टेबल पर एक माइक्रो ऑब्जर्वर नियुक्त किया जाता है। इसके अलावा काउंटिंग बूथ पर और आसपास तीन-स्तरीय सुरक्षा व्यवस्था होती है। साथ ही काउंटिंग बूथ या परिसर के आसपास 100 मीटर क्षेत्र के अंदर किसी भी वाहन का प्रवेश वर्जित होता है।

ये भी पढ़ें: UP उपचुनाव: बंगरपुर नौगाव सादात में सपा आगे, घाटमपुर में बीजेपी आगे

Newstrack

Newstrack

Next Story