×

TRENDING TAGS :

Aaj Ka Rashifal

नीतीश के बाद अब जीतन राम मांझी पहुंचे दिल्ली,अमित शाह से कर रहे मुलाकात,सियासी गलियारों में चर्चाओं का दौर शुरू

Bihar Politics: मांझी आज दिल्ली में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात कर रहे हैं। हालांकि मांझी की ओर से इस मुलाकात का मकसद गैर राजनीतिक बताया जा रहा है मगर बिहार में नई चर्चाओं का दौर शुरू हो गया है।

Anshuman Tiwari
Published on: 13 April 2023 3:10 PM IST (Updated on: 13 April 2023 5:48 PM IST)
नीतीश के बाद अब जीतन राम मांझी पहुंचे दिल्ली,अमित शाह से कर रहे मुलाकात,सियासी गलियारों में चर्चाओं का दौर शुरू
X
गृहमंत्री अमित शाह व जीतन राम मांझी (सोशल मीडिया)

Bihar Politics: देश में अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव के लिए सियासी हलचलें तेज होती दिख रही हैं। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव विपक्षी दलों को एक मंच पर लाने के लिए दिल्ली में डेरा डाले हुए हैं तो राज्य के पूर्व सीएम और हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा के मुखिया जीतन राम मांझी भी दिल्ली पहुंच गए हैं।

मांझी आज दिल्ली में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात कर रहे हैं। हालांकि मांझी की ओर से इस मुलाकात का मकसद गैर राजनीतिक बताया जा रहा है मगर बिहार में नई चर्चाओं का दौर शुरू हो गया है। मांझी और शाह की इस मुलाकात के सियासी मायने निकाले जा रहे हैं। खास बात यह है कि मांझी इस समय नीतीश और तेजस्वी यादव के साथ महागठबंधन में शामिल हैं। ऐसे में शाह से उनकी मुलाकात को लेकर सियासी गलियारों में चर्चाओं का बाजार गरम हो गया है।

मांझी और शाह की मुलाकात के सियासी मायने

मांझी का कहना है कि गृहमंत्री शाह से उनकी मुलाकात का कोई राजनीतिक मकसद नहीं है। बताया जा रहा है कि माझी माउंटेनमैन दशरथ मांझी और बिहार के दो पूर्व मुख्यमंत्रियों कर्पूरी ठाकुर और श्रीकृष्ण सिंह को भारत रत्न देने की मांग को लेकर शाह से मुलाकात करने वाले हैं। इसके साथ ही वे गृह मंत्री के साथ बिहार से जुड़ी अन्य समस्याओं पर भी चर्चा करेंगे। मांझी की ओर से भले ही इस मुलाकात को गैर राजनीतिक बताया जा रहा हो मगर सियासी नजरिए से इस मुलाकात को काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है।
दरअसल इन दिनों मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के साथ मांझी के रिश्ते सहज नहीं दिख रहे हैं। महागठबंधन में शामिल होने के बावजूद मांझी खुद को अलग-थलग महसूस कर रहे हैं। वे बीच-बीच में सरकार के कामकाज पर तल्ख टिप्पणियां भी करते रहे हैं। यही कारण है कि 2024 के लोकसभा चुनाव में मांझी के रुख को लेकर अभी तक अनिश्चितता बनी हुई है। सियासी जानकारों का मानना है कि मांझी पलटी मारकर एक बार फिर एनडीए में शामिल हो सकते हैं।

बिहार के क्षेत्रीय दलों पर भाजपा की निगाहें

दूसरी ओर भाजपा भी इन दिनों बिहार में आक्रामक रणनीति अपनाने में जुटी हुई है। गृह मंत्री अमित शाह ने बिहार पर फोकस कर रखा है और हाल के दिनों में उन्होंने बिहार के कई दौरे किए हैं। नीतीश कुमार के एनडीए से अलग होने के बाद भाजपा आक्रामक रणनीति के साथ नीतीश कुमार पर हमला करने में जुटी हुई है।
जदयू के एनडीए से अलग होने के बाद भाजपा की नजरें राज्य के छोटे क्षेत्रीय दलों पर टिकी हुई हैं। भाजपा वीआईपी के मुखिया मुकेश सहनी,उपेंद्र कुशवाहा, चिराग पासवान, पूर्व केंद्रीय मंत्री आरसीपी सिंह और जीतन राम मांझी के जरिए बिहार में सियासी बाजी जीतने की कोशिश में जुटी हुई है। यही कारण है कि अमित शाह और जीतन राम मांझी की इस मुलाकात का बड़ा सियासी मतलब निकाला जा रहा है।

मांझी का पलटी मारने का रहा है इतिहास

बिहार की सियासत में जीतन राम मांझी का पलटी मारने का पुराना इतिहास रहा है। कभी वे जदयू में थे। 2014 के लोकसभा चुनाव में हार के बाद नीतीश ने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देकर जीतन राम मांझी को ही मुख्यमंत्री बनवाया था। वे करीब 9 महीने तक मुख्यमंत्री पद पर रहे और 2015 में उन्होंने पद छोड़ने से इनकार कर दिया था। बाद में विश्वासमत हासिल न कर पाने के कारण उन्हें मुख्यमंत्री पद छोड़ना पड़ा था।
इसके बाद उन्हें जदयू से बाहर कर दिया गया था। बाद में उन्होंने हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा का गठन किया और एनडीए में शामिल हो गए। 2020 के विधानसभा चुनाव में उन्होंने नीतीश के साथ गठबंधन किया था मगर नीतीश के एनडीए से अलग होने के बाद मांझी भी महागठबंधन में आ गए। इन दिनों फिर नीतीश कुमार से उनके रिश्ते अच्छे नहीं चल रहे हैं। ऐसे में उनके फिर पलटी मारने की संभावना जताई जा रही है।

दिल्ली यात्रा का टाइमिंग भी काफी महत्वपूर्ण

मांझी की दिल्ली यात्रा का टाइमिंग भी काफी महत्वपूर्ण है बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार इन दिनों दिल्ली में डेरा डाले हुए हैं। बुधवार को उन्होंने कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और राहुल गांधी से मुलाकात की थी। बाद में शाम को उन्होंने दिल्ली के मुख्यमंत्री और आप मुखिया अरविंद केजरीवाल से भी मुलाकात की थी। इन मुलाकातों के बाद नीतीश कुमार बातचीत को सकारात्मक बताया है।

इन मुलाकातों के दौरान उनके साथ बिहार के डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव और जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह भी मौजूद थे। नीतीश कुमार 2024 की सियासी जंग में विपक्षी दलों को एक मंच पर लाने की मुहिम में जुटे हुए हैं। इसके लिए उन्होंने साझा कार्यक्रम बनाने पर जोर दिया है।
नीतीश की दिल्ली यात्रा के दौरान ही मांझी की दिल्ली यात्रा और अमित शाह से मुलाकात सियासी गलियारों में चर्चा का विषय बन गई है। बिहार की सियासी गलियारों में इस मुलाकात को लेकर तरह-तरह के कयास लगाए जा रहे हैं।



\
Anshuman Tiwari

Anshuman Tiwari

Next Story